कहते हैं कि जिनको आपने कम आंका होता है, वे कभी-कभी ऐसे काम कर जाते हैं कि देखने वाले भौचक्के रह जाते हैं.
ऐसे बहुत से लोग हमें आसपास मिलते ही रहते हैं!
अब इस बार के आईपीएल को ही देख लीजिए. इस बार ऐसे बहुत से प्लेयर हुए, जिन्हें उनकी फ्रेंचाइज ने उतने पैसे नहीं दिए, जितने के वे हकदार थे. बावजूद इसके उन्होंने जिस तरह से अपनी टीम के लिए प्रदर्शन किया, वह उन्हें स्टार बनाता है.
वह खिलाड़ी कौन थे आईए जानते हैं-
शेन वाटसन
शेन वाटसन बीते कुछ समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे थे!
उनका अगला पैर बार-बार बहुत जल्दी आगे आ जा रहा था, जिसके कारण वो लगातार एलबीडब्लू आउट हो रहे थे. ख़राब बैटिंग के कारण वे गेंदबाजी पर भी ध्यान नहीं दे पा रहे थे. यही कारण रहा कि चेन्नई ने उन्हें केवल चार करोड़ रूपए में खरीदा.
बहरहाल, वाटसन कुछ अलग ही अंदाज में मैदान पर उतरे.
उन्होंने खेले गए कुल 15 मैचों में 155 के स्ट्राइक रेट से 555 रन बनाए. इस दौरान उनका औसत 39.64 का रहा. उन्होंने चेन्नई और हैदराबाद के बीच खेले गए फाइनल मैच में 117 रनों की नाबाद शानदार पारी खेली और चेन्नई को आसान जीत दिलाई.
क्रिस गेल
क्रिकेट जगत में क्रिस गेल एक ऐसा नाम है, जिसे किसी परिचय की जरूरत नहीं है. हालाँकि, पिछले कुछ समय से उनका बल्ला चल नहीं रहा था. इस कारण इस बार किसी भी टीम ने नीलामी के दौरान उनपर दांव नहीं लगाया. बाद में पंजाब ने उन्हें उनके बेस प्राइस दो करोड़ रुपए में टीम में रख लिया.
गेल को मौका मिला, तो उन्होंने उसे दोनों हाथों से पकड़ा. कुल खेले 11 मैचों में 40 की औसत से 368 रन बनाए. इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 146 का रहा. सिक्सर किंग के नाम से मशहूर गेल ने 27 छक्के लगाकर आलोचकों को बता दिया कि शेर चाहे कितना भी बूढ़ा हो जाए, लेकिन रहता शेर ही है.
मयंक मारकंडे
इस आईपीएल के पहले मयंक का नाम शायद ही कोई जानता हो, लेकिन आईपीएल के बाद ऐसा नहीं रहा.
20 साल के मयंक को मुंबई ने केवल बीस लाख रूपए में अपनी टीम में जगह दी और उसके बाद मयंक ने जो किया वो इतिहास में दर्ज हो गया.
मयंक ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 14 मैचों में 15 विकेट झटके. इन्होंने अपनी लेग स्पिन के जाल में अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों को फंसा दिया. इनका इकॉनमी रेट भी 8 के करीब रहा. पहली बार आईपीएल खेलने के हिसाब से इसे अच्छा प्रदर्शन ही माना जाएगा.
केन विलियमसन
केन विलियमसन के नाम से तो सब परिचित हैं. ये एक ऐसे खिलाडी हैं, जो क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में अपना लोहा मनवा चुके हैं.
हैदराबाद ने इन्हें तीन करोड़ रूपए में खरीदा. सब कह रहे थे कि ये रकम इनके कद के अनुसार बहुत कम है. डेविड वार्नर के बाहर हो जाने के बाद इन्हें कप्तानी का भार मिला. इन्होंने न केवल कप्तान की जिम्मेदारी को अच्छे से निभाया, बल्कि एक बाल्लेबाज के तौर पर भी बेहतरीन प्रदर्शन किया.
इन्होंने 17 मैचों में 52 के औसत से 735 रन बनाए.
इस दौरान इन्होंने 8 अर्द्धशतक लगाए. इनका स्ट्राइक रेट भी 142 का रहा. इस आईपीएल में ये ऑरेंज कैप होल्डर रहे.
अंबाती रायुडू
अंबाती रायुडू पिछले बहुत समय से मुंबई की टीम के साथ जुड़े थे.
इस बार मुंबई ने उन्हें जाने दिया. चेन्नई ने उन्हें 2.2 करोड़ रूपए में अपनी टीम का हिस्सा बना लिया. गौर करने वाली बात यह है कि रायुडू हर मैच में एक अलग रंग में ही दिखे. कुल खेले 16 मैचों में, उन्होंने 602 रन बनाए. यही नहीं कई मौकों पर अकेल दम पर मैच चेन्नई के नाम कर दिए.
इन्होंने कुल मिलाकर 34 छक्के लगाए. इनका औसत 43 का रहा और स्ट्राइक रेट 150 का.
जास बटलर
जास बटलर को राजस्थान ने चार करोड़ रूपए में ख़रीदा.
इस बार ये राजस्थान के बहुत काम आए. खासकर आईपीएल के दूसरे चरण में, जब टीम के ऊपर अंतिम चार में जगह बनाने के लिए खतरे के बादल मंडरा रहे थे. ऐसे में जास की सूझबूझ भरी ताबड़तोड़ पारियों ने राजस्थान को अंतिम चार में पहुँचने में काफी मदद की.
बटलर ने 13 मैचों में 55 के औसत से 548 रन बनाए.
इस दौरान इनका स्ट्राइक रेट 156 का रहा. इस बार इनकी ख़ास बात ये रही कि इन्होंने अपने मिजाज के विपरीत चौके खूब लगाए.
सूर्यकुमार यादव
सूर्यकुमार यादव को कोलकाता ने इस बार छोड़ दिया था.
मुबई ने उन्हें 3.2 करोड़ रूपए में खरीद लिया और उन्हें सलामी बल्लेबाज के तौर पर टीम में जगह दी. यादव ने भी टीम को निराश नहीं किया.
यादव ने लगभग हर मैच में टीम के लिए तीस से चालीस रन तो बनाए ही. इनका उच्चतम स्कोर 72 रहा. इन्होंने 14 मैचों में 512 रन बनाए.
3.2 करोड़ के हिसाब से इनका प्रदर्शन शानदार रहा.
नीतीश राणा
नितीश पिछली बार मुंबई में थे. इस बार कोलकाता ने उन्हें 3.4 करोड़ में खरीद लिया.
हालाँकि, पिछली दो बार के मुकाबले में इस बार उनका प्रदर्शन थोड़ा सा खराब रहा, लेकिन 3.4 करोड़ के हिसाब से यह सही आंका जा सकता है.
इन्होंने कुल 15 मैचों में 304 रन बनाए.
हैदराबाद के खिलाफ क्वालीफायर में लग रहा था कि वे मैच जिता देंगे, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गए.
पृथ्वी शा
पृथ्वी शा को दिल्ली ने केवल 1.2 करोड़ रूपए में खरीदा. इसके बदले में पृथ्वी ने 9 मैचों में 27 के औसत से 245 रन बनाए.
इस दौरान इनका स्ट्राइक रेट 153 का रहा.
खास बात यह कि पृथ्वी शॉ ने इस सीजन में फिफ्टी लगाकर एक नया कीर्तिमान अपने नाम कर दिया. वह संजू सैमसन के साथ सबसे कम उम्र (18 साल 169) में ऐसा करने वाले खिलाड़ी बने.
दीपक चहर
दीपक चहर को चेन्नई ने केवल 80 लाख रूपए में खरीदा. दीपक चहर ने भी अपनी गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया.
दीपक ने 12 मैचों में 10 विकेट झटके. वहीं 7.28 के इकॉनमी रेट से विपक्षी टीमों को बड़े स्कोर बनाने से रोका.
श्रेयस गोपाल
श्रेयस गोपाल को राजस्थान ने केवल 20 लाख रूपए में खरीदा, लेकिन काम उन्होंने करोड़ों रुपए का करके दिखाया.
इन्होंने कुल 11 मैच खेले और 11 विकेट चटकाए. अपनी गुगली में कोहली और डी विलियर्स जैसे धुरंधरों को फंसा लिया. इनका इकॉनमी रेट 7.61 का रहा. जो टी ट्वेंटी के हिसाब से बहुत अच्छा माना जाएगा.
इस प्रकार ये राजस्थान के लिए बहुत फायदे का सौदा साबित हुए.
तो ये थे इस बार के आईपीएल के कुछ ऐसे खिलाड़ी, जिन्होंने कम पैसों में उम्मीद से ज्यादा प्रदर्शन किया.
अगर आपके पास भी ऐसा कोई नाम, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: IPL 2018: These Players Performed Well Even After Being Underpayed, Hindi Article
Feature Image Credit: DNA India