हर खेल की तरह क्रिकेट में भी फिटनेस की सख्त आवश्यकता होती है. कहते हैं कि चुस्त खिलाड़ी ही मैदान पर अपना सौ फीसद प्रदर्शन कर पाते हैं. बात जब आईपीएल की हो, तो आपको अपनी फिटनेस का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि आपके ऊपर करोड़ों रूपए जो लगे होते हैं.
अक्सर यह देखा गया है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ खिलाड़ियों की फिटनेस भी गिरती चली जाती है. ऐसे बहुत बिरले खिलाड़ी ही होते हैं, जो बढ़ती उम्र के साथ अपनी फिटनेस बरक़रार रख पाते हैं. यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य होता है किसी भी खिलाड़ी के लिए.
इस आईपीएल में ऐसे बहुत से खिलाड़ी थे, जो बढ़ती उम्र के साथ अपनी फिटनेस बरकरार नहीं रख पाए और उनका प्रदर्शन गिरता चला गया. आइए जानते हैं इन खिलाड़ियों के बारे में…
युवराज सिंह
युवराज सिंह का नाम T-20 क्रिकेट जगत में बड़े सम्मान से लिया जाता है और आखिर लिया भी क्यों ना जाए! इनके नाम T-20 क्रिकेट में सबसे तेज अर्धशतक जो दर्ज है. इन्होंने मात्र 12 गेंदों में यह अर्धशतक लगाया था.
युवराज सिंह के बारे में कहा जाता है कि बस एक बार उनका बल्ला चलना चाहिए. उसके बाद तो उनके सामने विश्व का बड़े से बड़ा गेंदबाज भी नहीं टिक पाता. हालाँकि पिछले कुछ समय से उनका बल्ला चल नहीं पा रहा है.
ऐसा कहा जा रहा है कि 36 वर्षीय युवराज अब अपनी फिटनेस से जूझ रहे हैं. उनके रेफ्लेक्सन कमजोर हो गए हैं. तेज गेंदबाज अब उन्हें छकाने लगे हैं. यही कारण रहा है कि इस बार के आईपीएल में वे कुछ ख़ास नहीं कर पाए हैं. इस बार खेले गए कुल 8 मैचों में उन्होंने केवल 65 रन ही बनाए.
इस दौरान उनका औसत बस 10 का रहा. स्ट्राइक रेट तो 100 से भी नीचे केवल 89 रहा. कभी लंबे- लंबे छक्के मारने के लिए जाने वाले युवराज इस बार सिर्फ 2 छक्के ही मार पाए. अब कहा जाने लगा है कि युवराज पर उम्र का असर दिखने लगा है.
हरभजन सिंह
हरभजन सिंह के बारे में यह कहा जाता है कि अगर उन्हें शुरूआती ओवरों में एक या दो विकेट मिल जाएं तो फिर वे गुच्छों में विकेट लेते हैं. आईपीएल में ये काफी समय तक मुंबई की टीम से जुड़े रहे. मुंबई की टीम को इन्होंने तीन आईपीएल ट्राफी जिताने में काफी भूमिका निभाई है.
इस बार मुंबई की टीम ने इन्हें छोड़ दिया. चेन्नई की टीम ने इन्हें यह सोचकर अपनी टीम में रख लिया कि इनका अनुभव टीम के लिए बहुत काम आएगा. हालांकि ऐसा हुआ नहीं. इस बार हरभजन की गेंदबाजी में वो पैनापन कहीं नजर नहीं आया.
हरभजन सिंह इस आईपीएल में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए. कुल खेले 13 मैचों में वे केवल 7 विकेट ही हासिल कर पाए. इस दौरान इनका इकॉनमी रेट 8.45 का रहा. यह इकॉनमी रेट इनके नाम के मुताबिक ज्यादा ही माना जाएगा. जाहिर है कि बढ़ती उम्र ने इनके प्रदर्शन पर भी असर डाला है.
गौतम गंभीर
गौतम गंभीर जैसे असाधारण प्रतिभा के धनी क्रिकेटर भारत में कम ही हुए हैं. वे ना केवल अच्छे बल्लेबाज हैं बल्कि एक सफल कप्तान भी हैं. अपनी सूझ-बूझ से ही ये कोलकाता को दो बार आईपीएल का विजेता बनाने में कामयाब हुए हैं.
सिर्फ आईपीएल ही नहीं घरेलू और अन्तर्राष्ट्रीय मैचों में भी इनका रिकॉर्ड अच्छा रहा है. जब-जब टीम को जरूरत पड़ी है, तब- तब गंभीर आगे आए हैं. चाहे बात 2007 के T-20 विश्व कप के फाइनल की हो या फिर 2011 के विश्व कप फ़ाइनल की.
गंभीर ने हर जरूरी मौके पर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है. हालांकि इस आईपीएल में वे कुछ खास नहीं कर पाए. इस बार वे दिल्ली के कप्तान और एक बल्लेबाज, दोनों ही रूपों में विफल साबित हुए हैं.
37 वर्ष के गंभीर ने इस आईपीएल में कुल 6 मैच खेले. इस दौरान उन्होंने 17 के मामूली औसत से केवल 85 रन बनाए. इनका स्ट्राइक रेट भी केवल 96 का रहा. जाहिर है कि इनके ऊपर भी उम्र हावी होती हुई दिखी.
ब्रेंडन मैकुलम
ब्रेंडन मैकुलम का नाम विश्व के आतिशी बल्लेबाजों में शुमार है. कहते हैं कि ये जब तक क्रीज पर होते हैं तब तक चौकों- छक्कों की बारिश रूकती नहीं है.
मगर पिछले कुछ समय से इनका बल्ला शांत पड़ा हुआ है. लगता है कि जैसे उम्र ने इनकी भी फिटनेस को खत्म कर दिया है. आप इस बार के इनके आईपीएल के आंकड़ों को ही उठा के देख लीजिए.
इस बार 37 वर्षीय मैकुलम ने 6 मैच खेले और केवल 127 रन बनाए. इनका औसत भी केवल 21 का रहा. ये आंकड़े बताते हैं कि उम्र के आगे मैकुलम जैसे खिलाड़ी भी कमजोर पड़ जाते हैं.
इमरान ताहिर
इमरान ताहिर जिस तरह से विकेट लेने के बाद ख़ुशी मनाते हैं, उसे देख ऐसा लगता ही नहीं है कि वे 39 वर्ष के हो चुके हैं. बीते कुछ समय में उन्होंने जो प्रदर्शन किया है, वो भी काबिले तारीफ़ है. उनकी गेंदें इतनी तेज गति से आती हैं कि यदि कोई बल्लेबाज जान भी जाए कि इन्होंने अगली गेंद गुगली फेंकी है, तो भी उसके पास एडजस्ट होने का ज्यादा वक्त नहीं बचता है.
हालांकि इस बार के आईपीएल में इनकी ये तेजी गायब रही. इस बार ताहिर ने 6 मैच खेले और केवल 6 विकेट झटके. इनका इकॉनमी रेट भी 9 का रहा. जिस तरह की दहशत इन्होंने बल्लेबाजों के दिलों में बना रखी थी वो इस बार गायब दिखी.
अमित मिश्रा
अमित मिश्रा भारत के जाने- माने लेग स्पिनर हैं. गेंद को हवा में फ्लाइट कराना और तेज गुगली फेंककर बल्लेबाज को अपने जाल में फसा लेना इनकी खासियत रही है. इसके साथ ही इनकी एक खासियत यह और रही है कि अगर विकेट गेंदबाजों के अनुकूल नहीं है, तो ये कसी हुई गेंदबाजी करके रन रोक लेते हैं.
36 वर्षीय मिश्रा से दिल्ली की टीम को इस बार यही उम्मीद थी. हालांकि इस बार वे उस स्तर का प्रदर्शन नहीं कर पाए. उनके भी प्रदर्शन पर उनकी उम्र हावी होती हुई दिखी. कुल खेले गए 10 मैचों में वे 12 विकेट ही ले पाए.
तो ये थे वे खिलाड़ी जिनकी उम्र इस बार के आईपीएल में उनके प्रदर्शन पर हावी होती हुई दिखी. एक ओर धोनी उम्र को मात देकर फिर से आईपीएल के विजेता बन गए. वहीं दूसरी ओर यह कुछ खिलाड़ी उम्र से लड़ाई कर रहे हैं. उम्र के इस संघर्ष के बारे में आपकी क्या राय है कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं.
Web Title: IPL 2018: With Age Performence Also Gone down Of These Players, Hindi Article
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