क्रिकेट के इतिहास में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन का नाम एक धाकड़ बल्लेबाज के रूप में जाना जाता है, जो किसी भी समय विरोधी गेंदबाजों के छक्के छुड़ाने में माहिर रहे हैं.
तूफानी पारी खेलने वाले इस बल्लेबाज को 2014 में इंग्लैंड की अंतर्राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया था. इसके बाद लगातार कोशिशों के बावजूद उन्हें दोबारा इंग्लैंड की टीम से खेलने का मौका नहीं मिला.
वहीं पीटरसन ने इसी साल पाकिस्तान सुपर लीग खेलने के बाद क्रिकेट जगत से सन्यास लेने की घोषणा कर दी थी. किन्तु, हाल ही में इन्होंने दोबारा अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने की इच्छा जताई है! मगर इंग्लैंड की टीम से नहीं, बल्कि साउथ अफ्रीका की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम से खेलना चाहते हैं केविन पीटरसन.
आखिर ऐसा क्यों आईए जानते हैं-
जन्मजात है साउथ अफ्रीका से नाता!
साउथ अफ्रीका के पीटरमेरित्जबर्ग शहर में जन्में केविन पीटरसन का जन्म 27 जून 1980 में हुआ. इनके पिता एक अफ़्रीकी नागरिक थे, वहीं इनकी माता एक अंग्रेजन. इन्होंने दक्षिण अफ़्रीकी क्रिकेट में नस्लीय कोटा प्रणाली में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए इंग्लैंड की ओर रुख किया.
हालांकि, इससे पहले इन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1997 में फर्स्ट क्लास मैचों से की, जिसमें इन्होंने दक्षिण अफ्रीका की घरेलू टीम नाताल से खेला करते थे. साउथ अफ्रीका में विरोध करने के बाद इंग्लैंड चले गए. वहां उनकी माता के अंग्रेजी मूल से संबंध होने की वजह से पीटरसन को इंग्लैंड में अपने करियर को सवांरने का अवसर आसानी से मिल गया.
इसके बाद 2000 में इंग्लैंड की नॉटिंघमशायर की टीम से जुड़ने का मौक़ा मिला. इस तरह इंग्लैंड में काउंटी खेलना शुरू हो गया. केविन ने काउंटी मैच खेलते हुए कई बेहतरीन परियां खेली. चार साल काउंटी मैच खेलने के बाद इनको अन्तराष्ट्रीय मैचों में खेलने का अवसर प्राप्त हुआ. इन्होंने 2004 में इंग्लैंड टीम से जुड़ने के बाद जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना पहला एकदिवसीय मैच खेलकर अंतर्राष्ट्रीय मैचों में शुरुआत की.
इसी के साथ 2005 एशेज सीरीज से आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेला. 2005 में पीटरसन ने नॉटिंघमशायर टीम को छोड़ने का फैसला किया. इसके बाद वह हैम्पशायर टीम से जुड़ गए, लेकिन लगभग 5 सालों तक इस काउंटी टीम से खेलने के बाद इस टीम को भी छोड़ने की इच्छा जताई. फिर दूसरे काउंटी क्रिकेट क्लब से जुड़ गए.
कप्तानी मिलने के बाद विवादों में रहे!
पीटरसन इंग्लैंड टीम की ओर से खेलते हुए कई मैचों में शानदार परियां खेलीं.
इसी के साथ क्रिकेट के दोनों प्रारूपों में 4 अगस्त 2008 से जनवरी 2009 तक इंग्लैंड टीम की कमान सभांली. किन्तु, लेकिन इसी बीच इंग्लैंड टीम के कोच पीटर मूर्स के साथ विवादों का मामला भी सामने आया. 2007 में मूर्स के कोच बनने के इंग्लैंड टीम का प्रदर्शन बेहद लचर था. किन्तु, इसके एक साल बाद जब पीटरसन ने इंग्लैंड टीम की कमान सौपी गई, तो इनकी अगुवाई में टीम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट और एकदिवसीय मैचों में शानदार प्रदर्शन किया.
हालांकि, इसके बाद फिर से टीम का प्रदर्शन खराब हो गया. आगे जल्द ही इंग्लैंड की टीम को भारत के खिलाफ एक दिवसीय सीरीज में करारी शिकस्त मिली. इसी के साथ आगे सीरीजों में इंग्लैंड टीम का प्रदर्शन बेहद निराशजनक रहा. इसके बाद केविन पीटरसन लगातार कोच को हटाने की मांग करने लगे.
इन्होंने इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड को कहा था कि कोच को हटाओं, नहीं तो मेरा इस्तीफा मंज़ूर करो. इसके बाद इन्होंने कोच के साथ चले लंबे विवाद के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. फिर वह कुछ दिनों तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हो गए. हालांकि, तीन टेस्ट और 9 एकदिवसीय मैचों से दूर रहने के बाद दोबारा इंग्लैंड की तरफ से खेलना शुरू कर दिया.
पीटरसन का अभी मूर्स विवाद का मामला पूरी तरह सुलझा भी नहीं था कि इन्होंने ईसीबी के शेड्यूल पर अपनी असहमति जता दी. इसके चलते ईसीबी के उनके रिश्ते में गहरी दरार पड़ गई! लोगों की नज़र उन पर थी, तभी उन्होंने क्रिकेट से सन्यास की घोषणा कर डाली. हालांकि, इसके बाद पीटरसन ने अपने इस फैसले को वापस ले लिया था.
पीटरसन के विवादों का सिलसिला यहीं नहीं रुका. 2014 एशेज सीरीज के दौरान टीम की करारी शिकस्त मिलने के बाद इनको टीम से बाहर कर दिया गया. किन्तु, इसी बीच इनका अपने साथी खिलाड़ी मैट प्रायर के साथ विवादों का मामला बहुत अधिक गरमाया, जिसके चलते इनको टीम से बाहर रहना पड़ा!
साऊथ अफ्रीका टी-ट्वेंटी लीग में मिला मौका
2014 के बाद जब से इनको इंग्लैड टीम से बाहर किया गया, तब से इन्होंने टीम में जगह पाने की कोशिश करते रहे. हालांकि इनको ईसीबी लगातार नज़रअंदाज़ करती रही है. इस दौरान वे क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप टी-ट्वेंटी मैचों में लगातार खेलते रहो. वह कुछ काउंटी मैच भी खेलते दिखे.
इस दौरान केविन पीटरसन ने इंडियन प्रीमियर लीग में भी अपनी धाकड़ बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया और दिल्ली डेयरडेविल्स की कप्तानी करते हुए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर और राइजिंग सुपरजायंट की टीम से भी खेला. हालांकि, 2017 में इन्होंने आईपीएल मैचों से दूर रहने का फैसला किया, लेकिन इसके बाद भी ये पाकिस्तान सुपर लीग में खेलते रहे.
इंग्लैंड टीम में अपनी वापसी की आशा को छोड़ते हुए और आईपीएल मैचों से दूर होते हुए कमेंटेटर के तौर पर कार्य करने की इच्छा जाहिर की थी. इसी बीच इनको साऊथ अफ्रीका की टी-ट्वेंटी लीग में शामिल किया गया.
इसी के बाद इन्होंने 2019 में होने वाले विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका की अंतर्राष्ट्रीय टीम से खेलने की इच्छा जताई.
अपनी धाकड़ बल्लेबाजी से बनाए कई रिकॉर्ड
केविन पीटरसन का करियर काफी उतार चड़ाव भरा रहा, लेकिन इसके इन्होंने बावजूद अपनी धाकड़ बल्लेबाजी से कई रिकार्ड अपने नाम किए. इस दौरान कई बड़े गेंदबाजों की जमकर धुनाई की. पीटरसन ने 104 अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट मैचों को खेलते हुए लगभग 8 हज़ार रन अपने नाम कर चुके हैं, जिसमें 23 शतक और 35 अर्धशतक शामिल है.
वहीं इंग्लैंड की अंतर्राष्ट्रीय टीम से खेलते हुए 136 एकदिवसीय मैचों में 4 हजार 4 सौ चालीस (4,440) रन अपने नाम कर चुके हैं, जिसमें 9 शतक और 25 अर्धशतक शामिल हैं. इसी के साथ 37 इंटरनेशनल टी ट्वेंटी मैचों में लगभग 1100 रन इनके नाम हैं. इसमें 7 अर्धशतक शामिल हैं. हालांकि, इस प्रारूप में इनका स्ट्राइक रेट 140 के ऊपर है, जोकि इनकी क्षमता को दर्शाता है.
ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में पीटरसन दक्षिण अफ्रीका की राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बन पाते हैं या नहीं!
Web Title: Kevin Pietersen wants to play for South Africa, Hindi Article
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