जून 2018, में अफगानिस्तान टीम देहरादून में बांग्लादेश के खिलाफ क्रिकेट सीरीज़ खेल रही थी. अफगानिस्तान टीम पहली बार देहरादून आई थी.
बीबीसी से बात करते हुए राशिद खान ने बताया कि वो देहरादून की वादियों का लुत्फ उठा रहे थे, तभी एक छोटा बच्चा उनके पास भागते हुए आया और उनके गले लग गया और उनके गालों को छूने लगा. राशिद खान ने उस बच्चे से पूछा "क्या हुआ?" उसने कहा "मैं देख रहा हूं, आप सच में यहां हो या मैं ख्वाब देख रहा हूं."
क्रिकेटर बनने के बाद इस पल को राशिद खान अपनी ज़िंदगी का सबसे यादगार पल मानते हैं.
कुछ इस तरह की लोकप्रियता पिछले चंद सालों में राशिद खान को हासिल हुई है. यह लोकप्रियता उन्हें अपने बेहतरीन खेल के प्रदर्शन और कई दिग्गज़ क्रिकेटर्स को अपनी गेंदबाज़ी से आउट करने के बाद मिली है.
ऐसे में आइए जानते हैं इस बेहतरीन क्रिकेटर के बारे में, जो अफगानिस्तान के बीहड़ से निकलकर लॉर्ड्स के मैदान में गेंदबाज़ी कर चुका है –
शरणार्थी कैंप में सीखी गेंदबाजी
अफगानिस्तान में जब दहशतगर्दी चरम पर थी, तब कई लोग खुद की जान बचाने के लिए सेना के रिफ्यूजी कैंप में ठहरते थे. इन रिफ्यूजी कैंप में एक 10 साल का बच्चा भी अपने अम्मी-अब्बू के साथ रह रहा था.
इस छोटी सी उम्र में राशिद खान को क्रिकेट का बुख़ार चढ़ चुका था. उन्होंने अपने बचपन के दिनों में कैंप में रहते हुए गेंदबाज़ी करनी शुरू कर दी थी. हालांकि, उनके लिए ये बिल्कुल भी आसान नहीं था. उनके अम्मी-अब्बू डर के माहौल के चलते राशिद को बाहर नहीं निकलने देते थे. कई बार उन्होंने राशिद से क्रिकेट छोड़ने को भी कहा. वे चाहते थे कि उनका बेटा डॉक्टर बने.
बहरहाल, जब हालात बेहतर हुए तो रिफ्यूजी कैंप में ठहरे लोग अपने घरों की ओर चल दिए. राशिद भी अपने अम्मी-अब्बू के साथ वापस घर तो आ गया, लेकिन उसका मन अब क्रिकेट और बॉलिंग में ही रम चुका था. वो स्कूल जाता और स्कूल से वापस आकर अपने भाईयों के साथ क्रिकेट खेलता.
हालांकि, उनके परिवार वाले चाहते थे कि राशिद पढ़ाई में ज़्यादा ध्यान लगाए. बावजूद इसके राशिद खान शायद अपनी राह पकड़ चुका था.
वो पाकिस्तान के दिग्गज़ ऑलराउंडर शाहिद आफरीदी और टीम इंडिया के धाकड़ लेग स्पिनर अनिल कुंबले को टीवी में देखता और उनकी कॉपी करता.
इस तरह से खेलते-खेलते राशिद कब बड़ा हो गया, पता ही नहीं चला.
अफगान अंडर-19 टीम में सेलेक्शन
अफगानिस्तान के सूखे पहाड़ों के बीच राशिद क्रिकेट खेलते-खेलते अपनी राह बनाता जा रहा था. तब अफगानिस्तान में घरेलू क्रिकेट टीम भी थी.
जल्द ही राशिद खान को अपनी गेंदबाज़ी के दम पर घरेलू क्रिकेट टीम में खेलने का मौका मिल गया. तब अफगानिस्तान की अंडर-19 टीम का सेलेक्शन होने वाला था. सेलेक्शन कर रहे थे कोच दौलत हमाज़े.
कोच ने जब राशिद को गेंदबाज़ी करते हुए देखा तो वह उसकी गेंदबाज़ी से काफी प्रभावित हुए. उन्होंने राशिद खान को अफगानिस्तान की अंडर-19 टीम में लेग स्पिनर के तौर पर चुन लिया, लेकिन तब उन्होंने राशिद से एक बात भी कही.
दौलत हमाज़े ने कहा कि "अगर तुम 3 महीने खुद पर कड़ी मेहनत कर लोगे, तो क्रिकेट में बहुत आगे जाओगे." कोच की इस बात को राशिद ने बेहद संजीदगी से लिया और महज़ 19 साल की उम्र में अफगानिस्तान की टीम में जगह बना ली.
सिर्फ जगह ही नहीं बनाई अपनी गेंदबाज़ी के दम पर पूरे विश्व क्रिकेट में तहलका भी मचा दिया.
राशिद के 6 भाई, सभी लेग स्पिनर
अफगानिस्तान की राजधानी है काबुल से 3-4 घंटे की दूरी पर है, जलालाबाद. यहां राशिद खान का गांव निनगनहार है. इस गांव से पाकिस्तान के बॉर्डर की दूरी महज़ एक घंटा है.
राशिद खान के 6 भाई हैं. हैरत की बात है कि सभी क्रिकेट खेलते हैं. उसमें भी ताज्जुब की बात ये है कि सभी भाई राशिद खान की तरह ही लेग स्पिन गेंदबाज़ी करते हैं.
हालांकि, क्रिकेट में जो मुकाम राशिद को मिला है, वो उनके भाईयों को नहीं मिला. पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के कारण राशिद के भाई क्रिकेट में ज्यादा आगे नहीं जा सके. वहीं, उनके भतीजे भी क्रिकेट के शौकीन हैं.
19 की उम्र में किया जिंबाब्वे के खिलाफ डेब्यू
19 साल की उम्र में जब युवा अपनी ज़िंदगी में कुछ कर गुज़रने के ख़्वाब देखते हैं. तब राशिद खान ने अंतरराष्ट्रीय मैच में डेब्यू कर लिया. 18 अक्टबूर, 2015 को ज़िंबाब्वे के बुलावायो के क्वींस खेल क्लब में राशिद खान ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का अागाज़ किया.
राशिद ने अपने पहले ही मैच में ज़बरदस्त गेंदबाज़ी की थी. उन्होंने 10 ओवरों में 30 रन देकर एक विकेट चटकाया. उन्होंने 2 मेडन ओवर भी निकाले और उनका इकॉनॉमी रेट 3.00 का रहा.
हालांकि, उन्हें एक ही विकेट मिला, लेकिन उन्होंने अपनी बेहतरीन बॉलिंग से सभी का ध्यान आकर्षित कर लिया था. हैरानी की बात है अफगानिस्तान ने जिन 11 टी-20 मैचों में लगातार जीत दर्ज की, इन सभी मैचों में राशिद खान टीम का हिस्सा रहे. उन्होंने इन 11 मैचों में 23 विकेट चटकाकर विश्व क्रिकेट में सनसनी फैला दी थी.
राशिद ने अपने 44 इंटरनेशनल मैचों में 100 विकेट लेकर सबसे तेज़ विकेट लेने का कारनामा किया. इससे पहले ये रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क के नाम था. जिन्होंने 52 मैचों में 100 विकेट लिए थे.
फरवरी 2018 में राशिद खान आईसीसी की गेंदबाज़ी रैंकिंग में नंबर एक के पायदान पर पहुंचे. राशिद इस रिकॉर्ड तक पहुंचने वाले सबसे युवा गेंदबाज़ थे.
आईपीएल ने दिलाई दौलत और शोहरत
इंटरनेशनल क्रिकेट के बाद जिन घरेलू टूर्नामेंट की लोकप्रियता सबसे ज़्यादा है. उस फेहरिस्त में इंडियन प्रीमियर लीग का भी स्थान है. जहां विश्व के सबसे बेहतरीन और नामचीन क्रिकेटर्स खेलते हैं.
राशीद खान जब अफगानिस्तान से निकलकर विदेशों में अपनी फिरकी से बल्लेबाज़ों को फंसा रहे थे, तब उनके विकेटों की गूंज आईपीएल में भी पहुंची.
साल 2017 में सनराइजर्स हैदराबाद ने राशिद खान की गेंदबाज़ी से प्रभावित होकर उन्हें 4 करोड़ रुपए में खरीदा. राशिद खान ने इसके बाद फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा.
उन्होंने अपने आईपीएल के पहले ही मैच में विराट कोहली की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के 2 बल्लेबाज़ों को आउट कर अपनी काबिलियत का परिचय करा दिया था.
राशिद खान की गेंदबाज़ी से प्रभावित होकर साल 2018 के संस्करण में हैदराबाद की टीम ने उन्हें दोबारा टीम में शामिल किया. साल गुज़रने के बाद राशिद का प्रदर्शन भी निखर चुका था और उनकी कीमत भी. इस बार हैदराबाद की टीम ने राशिद को दोगुनी राशि से अधिक खर्च कर 9 करोड़ रुपए देकर टीम में शामिल किया.
राशिद खान का प्रदर्शन लाजवाब रहा और उनकी बॉलिंग के दम पर हैदराबाद की टीम फाइनल मुकाबले में पहुंचने में कामयाब रही. इस तरह से 17 मैचों में 21 विकेट लेकर राशिद खान आईपीएल 2018 के सबसे ज़्यादा विकेट लेने वालों में दूसरे नंबर के गेंदबाज़ रहे.
Web Title: The Stirring Journey of Afghan Cricketer Rashid Khan, Hindi Article
Featured Image Credit: cricket.com.au