हाल ही में इंग्लैण्ड दौरे पर गई भारतीय क्रिकेट टीम की तरफ से कप्तान कोहली ने शानदार शतक जड़ा तो सोशल मीडिया पर उनकी तारीफों का सैलाब सा आ गया. हर तरफ बस विराट ही विराट...
यह पहला नज़ारा नहीं था, जब मैदान पर अच्छा प्रदर्शन करने पर किसी खिलाड़ी को फैन्स भगवान की तरह पूजने लगे हो! इससे पहले भी यह कभी धोनी तो कभी रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों को लेकर होता रहा है
दिलचस्प बात तो यह है कि अब यह सिर्फ भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों तक सीमित नहीं है. महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी भी इसकी जद में हैं!
स्मृति मंधाना महिला क्रिकेट टीम की ऐसी ही एक खिलाड़ी हैं, जिनकी फैन फॉलोइिंग तेजी से बढ़ी है. उन्हें 'लेडी सहवाग' तक कहकर बुलाया जाने लगा है.
ऐसा क्यों, आइए जानने की कोशिश करते हैं-
9 की उम्र में महाराष्ट्र अंडर-15 और 11 में अंडर-19
स्मृति का पूरा नाम स्मृति श्रीनिवास मंधाना है. उनका जन्म को मुंबई में हुआ, लेकिन बचपन महाराष्ट्र में बीता. असल में 1998 को उनके जन्म के लगभग दो साल बाद उनके पिता परिवार के साथ महाराष्ट्र के सांगली नामक जगह पर जा बसे थे.
वहीं उन्होंने अपनी मां स्मिता मंधाना की देख-रेख में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की.
पिता श्रीनिवास मंदाना और भाई श्रवण, दोनों ही क्रिकेट पसंदीदा थे, इसलिए क्रिकेट से लगाव उन्हें विरासत में मिला. कहीं न कहीं खुद को एक क्रिकेट स्टार के रुप में देखने लगी थीं. इसी क्रम में जब उन्होंने अपने भाई को महाराष्ट्र अंडर 16 टूर्नामेंट खेलते देखा, तो तय किया कि वह भी क्रिकेट को ही अपना करियर बनाएंगी.
बस फिर क्या था उन्होंने मैदान पर पसीना बहाना शुरु कर दिया. पढ़ाई के बाद वह किसी न किसी तरह हर रोज इसके अभ्यास के लिए समय निकाल लेती. नतीजा यह रहा कि महज 9 साल की उम्र में वह महाराष्ट्र अंडर 15 टीम में अपनी जगह पक्की करने में सफल रहीं. आगे वह 11 की हुईं तो महाराष्ट्र अंडर 19 के लिए वह खेलती नज़र आईं.
2013 में खेला अपना पहला इंटरनेशनल वनडे
स्मृति मंधाना ने इंटरनेशल क्रिकेट में बांग्लादेश के खिलाफ साल 2013 में अपना पहला इंटरनेशनल वनडे और टी-20 मैच खेला. वहीं स्मृति को 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेलने का मैका मिला.
वर्तमान में स्मृति एकदिवसीय और टी-20 में बतौर स्टार ओपनार खेलती हैं. अब तक वह 2 टेस्ट मैच खेल चुकी हैं, जिनमें कुल 3 पारियां शामिल हैं. इस दौरान उन्होंने 43.54 की स्ट्राइक रेट से 81 रन बनाए हैं. इसमें उन्होंने 1 अर्धशतक भी ठोका.
वहीं एक दिवसीय की बात की जाये तो उन्होंने 41 मैच खेले, जिसमें उनके नाम 1464 रन दर्ज हैं. इसमें 3 शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं. टी-20 में स्मृति ने 42 मैच खेले, जिसमें 5 अर्धशतक के साथ उन्होंने 857 रन बनाए.
स्मृति के खेल के अलावा उन्हें सबसे ज्यादा जो चीज खास बनाती है, वह है उनकी मुस्कान, सादगी और उनकी क्यूटनेस. यही कारण है कि महज 22 की उम्र में खासतौर पर अपने युवा फैन्स की धड़कन बनी हुई हैं.
डबल सेंचुरी मारने वाली पहली महिला बल्लेबाज
मंदाना का नाम उस समय हर किसी की जुबां पर चढ़ गया था, जब अक्टूबर 2013 में वे वनडे गेम में डबल सेंचुरी मारने वाली पहली महिला बल्लेबाज बनी थीं. महाराष्ट्र से अंडर 19 खेलते हुए उन्होंने गुजरात के खिलाफ 150 बॉल पर 224 बन बनाए थे.
दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अपना यह दोहरा शतक राहुल द्रविड़ के द्वारा उपहार में मिले बल्ले से जड़ा था! वह इसे अपना लकी चार्म मानती हैं. उनके मुताबिक जब से वह इस बल्ले के साथ खेल रही हैं, तब से उनका प्रदर्शन अच्छा चल रहा है.
बताते चलें कि 2016 की वुमन चैलेंजर ट्रॉफी में भी मंधना ने 'इंडिया रेड' की और से खेलते हुए 3 अर्धशतक जड़े थे. इसमें 62 रन की वह पारी भी शामिल हैं, जिसकी मदद से उनकी टीम का विजय रथ जारी रहा था.
इसके बाद दूसरी बार वह तब सुर्खियों में आईं, जब वेस्ट इंडीज के खिलाफ उन्होंने नाबाद 106 रन जड़ दिए. इसकी मदद से भारत इस मैच को जीतने में सफल रहा था. इस पारी के बाद उनकी खास तकनीकि और आक्रमक बल्लेबाजी के चलते आम फैन्स के साथ-साथ सहवाग जैसे क्रिकेट जगत के बड़े-बड़े दिग्गजों ने भी उनकी जमकर तारीफ की.
सोशल मीडिय पर तो उन्हें लेड़ी सहवाग तक कहा गया!
'कीया सुपर लीग' से जुड़े सभी रिकॉर्ड्स पर कब्जा
'कीया सुपर लीग' से जुड़े लगभग सभी रिकॉर्ड्स पर स्मृति का कब्जा है. फिर चाहे सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड हो, या फिर उच्चतम निजी स्कोर की बात हो. हर बोर्ड पर स्मृति शीर्ष पर हैं.
खास तौर पर इन रिकॉर्ड्स के दौरान उन्होंने जिस तरह से महज 61 गेंदों पर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 102 रन की पारी खेली, वह लोगों को लंबे समय तक याद रहने वाली है! इस पारी में उनके बल्ले से 12 चौके और 6 दमदार छक्के निकले थे.
इस तरह वह टूर्नामेंट में 282 रनों के साथ वह टॉप स्कोरर रहीं.
गौरतलब हो कि स्मृति महिला टी-20 में शतक लगाने वाली दूसरी भारतीय खिलाड़ी भी बन चुकी हैं. उनसे पहले यह कीर्तिमान केवल 'लेडी तेंदुलकर' कही जाने वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज के नाम दर्ज था.
2017 में मिताली ने रेलवे से खेलते हुए टी-20 में शतक जड़ा था.
इससे पहले स्मृति ने इसी टूर्नामेंट में महज 18 गेंदो में अर्धशतक लगाकर टी-20 क्रिकेट इतिहास की सबसे तेज हाफसेंचुरी के रिकॉर्ड की बराबरी की थी. उनसे पहले ये रिकॉर्ड न्यूजीलैंड की सोफी डेवाइन के नाम था.
स्मृति आज भले ही स्टार हैं, लेकिन जब पहली बार उन्होंने बल्ला पकड़ा होगा, तो शायद ही उन्होंने सोचा होगा कि वह एक दिन दुनिया के लोगों के दिल पर राज करेंगे. आज वह जिस तरह से अपने देश के लिए खेल रही हैं, वह काबिले तारीफ है.
उनकी जितनी भी चर्चा की जाए वह कम ही होगी!
क्यों सही कहा न?
Web Title: Who Is Smriti Mandhana, Hindi Article
Feature Image Credit: CricTracker