दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीम पूरे विश्व में ‘चोकर’ के नाम से बदनाम है!
ऐसा नहीं है कि इस टीम में अच्छे खिलाड़ी नहीं हैं. एबी डिविलियर्स जैसे कई स्टार नाम इसमें मौजूद हैं. बावजूद इसके यह टीम बड़े मौकों पर दवाब नहीं झेल पाती है.
द्विपक्षीय और त्रिकोणीय सीरीज में तो यह टीम अच्छा करती है, लेकिन विश्वकप, चैम्पियंस ट्रॉफी और टी ट्वेंटी विश्वकप जैसे बड़े मौकों पर यह टीम चोक कर जाती है, यानी हार जाती है.
तो आईये जानते हैं कुछ ऐसे मौकों के बारे में, जब दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीम ने खुद को चोकर साबित किया-
चैंपियंस ट्राफी 2017
बात अभी हाल ही में सम्पन्न हुई चैम्पियंस ट्रॉफी की है. भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनों में अपने दो मैचों में से एक मैच जीता था. सेमीफाइनल में प्रवेश करने के लिए एक मैच और जीतने की दरकार थी. यह मैच भी इन्हीं दोनों टीमों के बीच होना था.
दक्षिण अफ्रीका पहले बल्लेबाजी करने उतरी. एक समय उसने केवल दो विकेट खोकर 140 रन बना लिए थे. ऐसा लग रहा था कि आज दक्षिण अफ्रीका बहुत बड़ा स्कोर खड़ा करेगी और आसानी से मैच जीत जाएगी.
सबकुछ सही चल रहा था कि अचानक अफ्रीकी बल्लेबाजों के बीच गलतफहमी हुई और डी विलियर्स रन आउट हो गए. इसी तरह कुछ देर बाद मिलर भी रन आउट हो गए.
इसके बाद पूरी टीम ताश के पत्तों की तरह 191 के स्कोर पर ढह गई और भारत ने यह लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया. साथ ही दक्षिण अफ्रीका टूर्नामेंट से बाहर हो गई.
De villiers run out( Pic: hindustantimes)
वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल 1996
इसी तरह 1996 वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल में भी दक्षिण अफ्रीका चोक कर गई. यह मैच दक्षिण अफ्रीका ने वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था. क्वार्टर फाइनल से पहले के मैचों में दक्षिण अफ्रीका ने शानदार प्रदर्शन किया था. इस प्रदर्शन को देखकर सब यही कह रहे थे कि दक्षिण अफ्रीका इस बार का विश्वकप जीतने की सबसे प्रबल दावेदार है.
खैर, हम इस मैच की बात करते हैं. वेस्टइंडीज ने ब्रायन लारा के 111 रनों की सहायता से 50 ओवर में 264 रनों का स्कोर खड़ा किया. दूसरी पारी शुरू होने से पहले माना जा रहा था कि दक्षिण अफ्रीका इस लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लेगी.
आखिर उसके पास हैंसी क्रोने, एलन डोनाल्ड, जैक्स कालिस, गैरी कर्स्टन और जोंटी रोड्स जैसे विश्व के श्रेष्ठ बल्लेबाज जो थे. ऐसा होता हुआ प्रतीत भी हो रहा था. एक समय तक टीम ने केवल तीन विकेट खोकर 186 रन बना लिए थे.
तभी अचानक 59 रन के भीतर अफ्रीका टीम ने शेष सात विकेट खो दिए और एक बार उसके चोकर कहकर ट्रोल किया गया!
11 Mar 1996: Roger of West Indies Catches Steve Palframan ( Pic: espncricinfo)
वर्ल्ड कप सेमीफाइनल 1999
1999 में हुए दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए सेमीफाइनल को भला कौन क्रिकेट प्रेमी भूल सकता है. अंत में परिस्थियां ऐसी बनीं थीं कि एक अच्छे खासे दर्शक को भी हार्ट अटैक आ सकता था. दक्षिण अफ्रीका को अंतिम ओवर में जीत के लिए नौ रनों की दरकार थी. किन्तु, सिर्फ एक विकेट हाथ में था.
स्ट्राइक पर पिंच हिटर लैंस क्लूजनर थे. क्लूजनर ने पहली दो गेंदों पर दो चौके जड़ दिए. अब चार गेंदों पर केवल एक रन चाहिए था. सबको लग रहा था कि यह मैच दक्षिण अफ्रीका आसानी से जीत जाएगी. तभी ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वा ने अपने सभी क्षेत्ररक्षकों को तीस गज के दायरे के भीतर एक रन रोकने के लिए बुला लिया.
अगली गेंद को क्लूजनर ने मिड ऑफ की तरफ मारा और मारते ही रन के लिए दौड़ पड़े, लेकिन दूसरी तरफ खड़े एलन डोनाल्ड नहीं दौड़े और रन आउट हो गए. आगे मुकाबला टाई हो गया, लेकिन बेहतर रन रेट के आधार पर ऑस्ट्रेलिया को फाइनल खेलने का मौका मिला. इस तरह दक्षिण अफ्रीका ने खिताब जीतने का एक और मौका गंवा दिया.
Australia’s Celebration After Last Wicket Run Out (Pic: sportskeeda)
चैंपियंस ट्राफी सेमीफाइनल 2002
इस मैच में दक्षिण अफ्रीका सबसे बड़ा चोक किया. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 261 रन बनाए थे. जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने सधी हुई शुरुआत करते हुए केवल एक विकेट खोकर 192 रन बना लिए. फिर अचानक से पूरी टीम ढह गई.
कालिस,बाउचर और दूसरे बैट्समैन लचर शॉट खेलकर आउट हो गए और टीम यह मैच दस रनों से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई.
चैंपियंस ट्राफी सेमीफाइनल 2006
इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका ने आठ विकेट खोकर 258 रन बनाए. पिच को देखते हुए यह काफी अच्छा स्कोर था. इसे आसानी से बचाया जा सकता था, लेकिन गेल और चंद्रपाल ने मिलकर 26 ओवर में 154 रन जोड़ दिए.
छब्बीसवें ओवर में चंद्रपाल रिटायर हर्ट होकर पवेलियन लौट गए तो एक बार लगा कि दक्षिण अफ्रीकी टीम वापसी कर लेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
गेल ने 17 चौके और तीन छक्के जड़कर शानदार 133 रन बनाए और वेस्टइंडीज को जीत दिलाई. इस मैच में दक्षिण अफ्रीका ने गलती यह की उसने किसी स्पिनर को नहीं खिलाया.
Chris Gayle Hitting it Hard (Pic: banglatribune)
वर्ल्ड कप सेमीफाइनल 2007
इस मैच से पहले दक्षिण अफ्रीका ने शानदार प्रदर्शन किया था. उसके पास बल्लेबाजी में जहां स्मिथ, डी विलियर्स, गिब्स, कालिस और बाउचर जैसे विश्वस्तरीय बल्लेबाज थे.
वहीं गेंदबाजी में भी हॉल, पोलाक, नील और केम्प जैसे धाकड़ तेज गेंदबाज थे. इस मैच में दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी की. उसका टॉप आर्डर बुरी तरह फ्लॉप हो गया. मैक्ग्राथ और टेट ने मिलकर इसे तहस-नहस कर दिया.
पूरी साउथ अफ्रीकी टीम महज 149 रन बनाकर आउट हो गई, जिसे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने आसानी से चेज कर लिया.
वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल 2011
2011 में हुए क्रिकेट वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल की भी यही कहानी है. दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों ने सधी हुई गेंदबाजी करते हुए न्यूजीलैंड को 221 रन के स्कोर पर रोक दिया.
लगा कि दक्षिण अफ्रीका आराम से यह मैच जीतकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर जायेगी. उसने केवल 2 विकेट खोकर 108 रन भी बना लिए, लेकिन एक बार फिर से वो बड़े मौकों पर बड़ा करने से चूक गई.
उसने अगले आठ विकेट केवल 64 रन के भीतर गंवा दिए और टूर्नामेंट से बाहर हो गई.
वर्ल्ड कप सेमीफाइनल 2015
यह मैच इसलिए भी याद रखा जाता है, क्योंकि इसको हारने के बाद दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी फूट- फूटकर रोए. वे जीत के एकदम करीब थे, लेकिन दवाब में अपने बिखर जाने की आदत की वजह से हार गए.
पहले बल्लेबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका ने 43 ओवर में 283 रन बना लिए, तभी बारिश आ गई. बारिश रुकने के बाद मैच जब दुबारा शुरू हुआ तो डकवर्थ लुईस नियम के तहत न्यूजीलैंड को 43 ओवर में 298 रन बनाने थे. किसी भी टीम ने इससे पहले वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में इतना बड़ा स्कोर चेस नहीं किया था.
न्यूजीलैंड ने किसी तरह अपने आपको मैच में बनाये रखा.
ग्रांट एलियट पर न्यूजीलैंड की सारी उम्मीदें टिकी थीं. इसी बीच एलियट ने एक शॉट खेला जो हवा में सीधा खड़ा हो गया. लगा कि आसानी से यह कैच पकड़ लिया जायेगा, लेकिन बेहरदीन और डुमिनी के बीच ग़लतफ़हमी हो गई और कैच छूट गया.
अब अंतिम ओवर में न्यूजीलैंड को जीत के लिए 12 रन की दरकार थी. स्ट्राइक पर विटोरी थे और गेंदबाजी विश्व का सबसे अच्छे गेंदबाज डेल स्टेन कर रहे थे.
अंतिम 2 गेंदों पर 5 रन चाहिए थे. एलियट ने पांचवीं गेंद पर छक्का जड़कर दक्षिण अफ्रीका को एक बार फिर से चोकर साबित कर दिया.
Mix Emotions ( Pic: firstpost)
तो ये थे वे मौके जब दक्षिण अफ्रीका दवाब नहीं झेल पाई और मैच हार गई. दक्षिण अफ्रीका अभी तक अपने ऊपर से चोकर का टैग नहीं हटा पाई है.
आशा है कि भविष्य में यह टीम अच्छा प्रदर्शन करके कोई बड़ा खिताब अपने नाम जरूर करेगी, तभी जाकर इसके ऊपर से चोकर का टैग हट पाएगा!
क्यों सही कहा न?
Web Title: Why South Africa cricket team is called choker
Feature Image Credit: The Guardian