टैंक हमेशा से जंग का एक अहम हिस्सा रहा है. जब सेना की ताकत बढ़ानी हो तो इससे बढ़िया कोई चीज़ नहीं दिखाई देती! वक़्त के साथ टैंक का काम तो नहीं बदला लेकिन इसकी ताकत में जरूर बदलाव आए हैं. पहले के मुकाबले काफी ज्यादा एडवांस हो चुके हैं आज के जमाने के टैंक.
टेक्नोलॉजी को खुद के साथ जोड़ कर टैंक ने अपना स्वरुप ही बदल दिया है. इस कड़ी में अभी थोड़े समय पहले ही रूस ने अपना नया टैंक निकाला है, अर्मता टी-14 जिसे अब तक का सबसे आधुनिक टैंक कहा जा रहा है.
आइए फिर जानते हैं आखिर क्या है इसमें ऐसा कि पूरी दुनिया इसकी तारीफ में जुटी है–
फीचर्स में है सबसे आगे
तकनीक के इस जमाने में हर देश के बीच होड़ लगी हुई है कि वह दूसरे देश से आगे रहे. कहा जा रहा है कि इस टैंक को बना कर रूस ने सबको पछाड़ दिया है. अर्मता टैंक पूरी तरह से डिजिटल टेक्नोलॉजी पर ही काम करता है.
दिखने में तो यह हर दूसरे टैंक की तरह है लेकिन इसके अंदर बसी है इसकी असली ताकत.
अर्मता टी-14 के आगे और पीछे दोनों ही तरफ हाई डेफिनिशन कैमरे लगे हुए हैं. इन कैमरों की मदद से यह हर ओर देख सकता है और तैयार हो सकता है दुश्मन के किसी भी हमले के लिए.
इसके ऊपर के भाग में एक मशीन गन लगाई गई है. आमतौर पर बाकी टैंकों में इसे चलाने के लिए अलग से एक सिपाही की जरूरत पड़ती है लेकिन अर्मता में ऐसा नहीं है. रिमोट कंट्रोल से चलाई जा सकती है अर्मता में लगी मशीन गन. इसके कारण एक सिपाही की जगह टैंक में बच गई.
इस पर लगा 125 एमम का बैरल न सिर्फ तोप के गोले बल्कि मिसाइलें दागने में भी सक्षम है. इतना ही नहीं यह बैरल से मिसाइल और गोले के खोल भी बाहर आते हैं बाकि टैंकों की तरह वह टैंक के अंदर ही नहीं रहते.
गोले रीलोड करने वाला कम्पार्टमेंट भी पूरी तरह ऑटोमेटिक है जो खुद ही गोलों और मिसाइलों को दागने के लिए तैयार कर देता है. इसकी अधिकतम रफ़्तार 80-90 किलोमीटर प्रतिघंटा मानी जाती है. कहते हैं कि यह 5000 मीटर दूर से ही खतरे को जान लेता है और 8000 मीटर दूर के टारगेट को भेद सकता है.
यही कारण है इसे घातक मानने का.
Russian Tank Armata T-14 In A Parade (Pic: nationalinterest)
एक्टिव प्रोटेक्शन सिस्टम ने बढ़ाई ताकत
टी-14 टैंक को बस उसकी मारक क्षमता के बलबूते पर ही नहीं देखा जा सकता. यह टैंक उम्मीदों से भी आगे की सोच के साथ बना है. इसका छिपा हथियार है इसका एक्टिव प्रोटेक्शन सिस्टम. सीधे शब्दों में कहा जाए तो इस टैंक में इतना दम है कि यह खुद को दुश्मन की मिसाइलों से बचा सकता है.
यह सिस्टम कुछ इस तरह से काम करता है कि जब कोई इस पर मिसाइल दागता है तो यह उसके आने से पहले ही उसे अपनी मिसाइल से ख़त्म कर देता है.
इस सिस्टम की मदद से टैंक भी सुरक्षित रहता है और उसे चलाने वाले भी. बहुत से देश हैं जो ऐसा सिस्टम बनाने में लगे हैं लेकिन अभी के लिए तो रूस ने इसमें बाज़ी मार ली.
इसका यह एक्टिव प्रोटेक्शन सिस्टम अमेरिका की बनाई गई घातक टैंक भेदी मिसाइल जेवलिन तक को रोक सकता है. यह भी एक कारण है कि यह टैंक अब बन चुका है एक चर्चा का विषय.
सबको अब यह डर है कि यह सिस्टम कहीं एंटी टैंक मिसाइल का वजूद ही खत्म न कर दें. अपने इस सिस्टम के आने के बाद टी-14 टैंक की ताकत पर काफी असर पड़ा है. शायद यही कारण है कि रूस ने अपनी सेना के लिए ऐसे कई सौ टैंक बनवाने की सोची है.
Armata T-14 Can Kill A Missile Before It Hit Him (Representative Pic: scout)
अँधेरे में टैंक हो जाएगा गायब
टी-14 टैंक की खूबियाँ इतनी हैं कि ख़त्म ही नहीं होती. जबसे जंग में मॉडर्न डे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होने लगा है तबसे जंग रातों में भी जारी रहती है. आज जंग में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी जैसे इन्फ्रारेड और नाईट विज़न से कोई भी रात में अपने टारगेट को बड़ी ही आसानी से देख सकता है.
आज हर बड़े देश की सेना के पास उपलब्ध है यह तकनीक. इस बात को ध्यान में रखते हुए ही रूस ने इस टैंक में रात में गायब होने का फीचर भी डाला.
इसे क्लोकिंग के नाम से भी जाना जाता है, यानि गायब हो जाना. अमेरिका जैसे देश के पास कई ऐसी मिसाइले हैं जो इन्फ्रारेड तकनीक के जरिए अपने टारगेट पर करती हैं वार. इसलिए रूस ने टी-14 को ऐसा बना दिया है कि इन्फ्रारेड के इस्तेमाल के बाद भी दुश्मन इसे देख नहीं पाएगा.
अपने क्लोकिंग मेथड के जरिए यह खुद को एक दम से गायब कर लेगा जिसके बाद कोई भी मिसाइल रात में इसे अपना निशाना न बना सकेगी.
इस क्लोकिंग के लिए रूस ने ख़ास मनतिया नाम की एक तकनीक खोज निकाली है. यह पूरी तरह से टैंक को कवर कर लेती है जिससे न नाईट विज़न और न ही इन्फ्रारेड कुछ भी इस पर काम नहीं करता.
हालाँकि, यह एग्जॉस्ट पाइप को पूरी तरह कवर नहीं कर पाती पर यह कोई दिक्कत की बात नहीं है. एग्जॉस्ट का थोड़ा सा ही हिस्सा बाहर दिखता है जिस पर कोई निशाना नहीं साध सकता.
यह मनतिया सिस्टम इन्फ्रारेड तरंगों को खुद पर लगने से बचाता है और उन्हें धुंधला कर देता है ताकि टारगेट का अंदाजा नहीं लगाया जा सके. इसके साथ टैंक की रफ़्तार थोड़ी धीमी कर दी जाती है ताकि इससे निकलने वाला धुंआ भी नज़रों में न आ सके.
रात के काले अंधेरे में यह कब गायब हो कर वार करेगा कोई नहीं जान सकता. दिन की धूप में यह जितना खतरनाक है उतना ही यह रात में भी है.
हालाँकि, रूस एक सुपरपावर है जो वीटो का अधिकार भी रखता है, किन्तु खतरनाक हथियारों से विश्व का चिंता में होना स्वाभाविक बात ही है.
T-14 Can Hide And Attack In Night (Representative Pic: misucell)
रूस के टी-14 ने दुनिया भर में हडकंप मचा दी है. अब हर किसी को लगने लगा है कि वह तकनीक के मामले में काफी पीछे है इसलिए सब लगे हैं इसका तोड़ ढूँढ़ने में.
जब तक इसका कोई प्रतिद्वंदी आएगा तब तक यह न जाने कितना आगे बढ़ जाएगा. तो आप भी दीजिए अपनी राय इसके बारे में. क्या आपको भी लगा यह खतरनाक?
Web Title: Armata T-14: Most Advanced Russian Tank, Hindi Article
Featured Image Credit: misucell