जैसे-जैसे हम भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं, हमारी टेक्नोलॉजी भी बढ़ रही है. इतना ही नहीं धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी भविष्य को भी बदल रही है.
ऐसी ही एक टेक्नोलॉजी है आर्टिफिशल इंटेलिजेंस. जब से आर्टिफिशल इंटेलिजेंस शुरू हुई है इंसानों ने टेक्नोलॉजी को एक नए आयाम देने शुरू कर दिए हैं.
आज माना जाने लगा है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस भविष्य को बदलने वाली टेक्नोलॉजी है. तो चलिए आखिर जानते हैं कि भविष्य में यह ऐसा क्या कर सकेगी कि सब कुछ बदल जाएगा–
हर जगह फैल चुका है आर्टिफिशल इंटेलिजेंस
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का नाम सुनकर लगता है कि यह कोई बहुत बड़ी टेक्नोलॉजी है. हालांकि, आज के जमाने में हमारी छोटी-छोटी चीजों में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस मौजूद है बस हमें उसका अंदाजा नहीं है.
आज हमारे फोन से लेकर ऑनलाइन शौपिंग वेबसाइट तक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल होता है. बहुत से फोन मेकर्स अपने फोन्स में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस वाले कैमरे लगाने लगे हैं.
इसे लगाने के बाद यूजर को कुछ भी काम खुद नहीं करना होता है. कैमरा खुद ही समझ जाता है कि उसे कितनी लाइट की जरूरत है. किस सिचुएशन के लिए कैसी सेटिंग्स चाहिए.
सारा काम कैमरे का आर्टिफिशल ब्रेन कर देता है. ये तो सिर्फ फोन की बात थी मगर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस इसके अलावा भी और कई जगह इस्तेमाल होती है.
आज कल फोन पर 'पर्सनल असिस्टेंट' की सुविधा आने लगी है. गूगल असिस्टेंट और सीरी इसमें काफी प्रसिद्ध हैं. यह दोनों ही आर्टिफिशल इंटेलिजेंस पर काम करते हैं.
इनका काम है फोन यूजर के सवाल का सबसे बढ़िया जवाब देना. लोकेशन ढूंढना, रिमाइंडर लगाना, फोन करना आदि जैसे कितने ही का यह असिस्टेंट बस मुंह से निकली छोटी सी कमांड से कर देते हैं.
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल जिस तरह से वीडियो गेम्स करती है वैसा कोई और नहीं करता. आज के जमाने में वीडियो गेम पहले से बहुत ज्यादा रियल हो गयी हैं. इसके पीछे आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का ही हाथ है.
गेम के करैक्टर खुद सोचते हैं और यूजर कि कमियां ढूंढते हैं. उनका दिमाग सिर्फ जीतने के लिए चलता है. यही कारण है कि गेम्स में एक चैलेंज फील होता है.
बहुत सी कंपनियां यूजर फीडबैक के लिए भी आज आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करने लगी हैं. कई कंपनी के पास एक चैटिंग सिस्टम है, जिसमें यूजर अपने सवाल का जवाब पा सकता है.
ऐसा करने की सबसे बढ़िया बात ये है कि यूजर 24/7 अपने सवालों के जवाब पा सकता है. ऐसी ही कई और जगह पर हम रोजाना आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, अधिकतर लोग इसपर कभी ध्यान नहीं देते.
यह तो थीं छोटी चीजें मगर इसके अलावा भी कई और जगह हैं जहां से आर्टिफिशल इंटेलिजेंस आने वाला भविष्य को बदल सकती है.
सेल्फ ड्राइविंग कार्स बदलेंगी सड़कों की सूरत...
एक बहुत लम्बे समय से कई बड़ी कंपनियां आर्टिफिशल इंटेलिजेंस वाल सेल्फ ड्राइविंग कार्स बनाने में लगी हैं. इसमें टेक जाइंट गूगल से लेकर कई बड़ी कार कंपनियां शामिल हैं.
यह सभी ऐसी गाड़ी बनाने में लगे हैं, जो पर्यावरण के लिए और लोग, दोनों के लिए ही फायदेमंद हो. इन कार्स को बनाने के पीछे जो सबसे बड़ा मकसद है वह है सड़क हादसों को रोकना.
कई कार चालाक गाड़ी पर काबू नहीं रख पाते हैं. ऐसे में वह अपना या किसी और का नुक्सान कर देते हैं. कई बार तो लोगों की जान तक चली जाती है.
ऐसे में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस काफी काम आ सकती है. सेल्फ ड्राइविंग कार्स को ऐसे प्रोग्राम किया जाता है कि वह कार की स्पीड और बाकी चीजों को खुद कंट्रोल करें.
यह कार्स मैप्स पर काम करती हैं. इसलिए ये सबसे बेस्ट रस्ते से यात्री को ले जा सकती हैं. इतना ही नहीं इनमें कई तरह के सेंसर होते हैं, जो सामने चलने वाली गाड़ी से दूरी बनाकर रखते हैं.
ऐसे में गाड़ियों की टक्कर होने के चांस कम हो जाते हैं. इसके अलावा इसका आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सिस्टम रोड़ और ट्रैफिक के हिसाब से गाड़ी को चलाता है.
ऐसे में वह कभी भी कार को गलत जगह पर नहीं जाने देता जहां पर कोई दिक्कत खड़ी हो जाए. इसलिए माना जाता है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस वाली कार्स सड़कों को पूरी तरह से बदल देंगी.
दिल का हाल सुनेंगे AI-Robot!
कई लोग होते हैं, जिनके पास अपने दिल का हाल बयान करने के लिए कोई नहीं होता है. वह लोगों से बात करने में शर्माते हैं.
ऐसे लोगों के लिए ही आर्टिफिशल इंटेलिजेंस भविष्य में कई नए प्लान के साथ आ रही है. कई कंपनियां हैं, जो आर्टिफिशल इंटेलिजेंस वाले रोबोट बनाने में लगी हैं.
ऐसा करने के पीछे उनका मकसद है तनहा लोगों को ऐसा रोबोट देना जिससे वह बातें कर सकें. इन रोबोट को इस तरह से बनाया जा रहा है कि ये सामने वाले की भावों को समझ सकें.
सामने बैठा व्यक्ति कैसे मूड में है ये उसे जानकर ही उससे बात करेंगे. जिन लोगों को कोई साथी नहीं मिल पाता है उनके लिए यह काफी काम आ सकता है.
इसका प्रमाण चीन में हुई एक घटना से मिलता है. चीन के एक इंजीनियर ने एक रोबोट बनाई, जो बात कर सकती है. वह पूरी तरह से इंसानों जैसी बात तो नहीं कर पाती मगर थोड़ा बहुत प्रयास करने में वह सक्षम है.
वह इंजीनियर काफी समय से अपने लिए एक प्रबल साथी की तलाश में था. हालांकि, कई कोशिशों के बाद भी उसे वह नहीं मिल पाई.
आखिर में उसने अपनी बनाई रोबोट से ही शादी कर ली. उसका मानना है कि रोबोट को अपना साथी बनाने में कोई बुराई नहीं है.
यह दर्शाता है कि भविष्य में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस वाले रोबोट अकेले लोगों के साथी बनने का काम भी कर सकते हैं.
हैकरों को मुंहतोड़ जवाब देगा आर्टिफिशल इंटेलिजेंस
इंसानों ने मशीन को बनाया है मगर कुछ जगह पर मशीन इंसान से आगे निकल जाती है. ऐसी ही एक जगह है साइबर सिक्योरिटी. आज की डिजिटल दुनिया में हैकरों से खुद को बचा पाना बहुत ही मुश्किल काम हो गया है.
रोजाना हैकर कितने ही लोगों का डेटा चुराते हैं. साइबर सिक्योरिटी वाले लोग इसे रोकने की कोशिश भी करते हैं मगर, वह भी कहीं न कहीं कोई चूक कर दी देते हैं.
इसलिए आज साइबर सिक्योरिटी का काम भी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के द्वारा किया जाना शुरू हो गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस मशीन लैंग्वेज को ज्यादा अच्छे से समझ सकती है.
इतना ही नहीं यह 24/7 हैकर से सिस्टम को बचाने का काम भी कर सकती है. यही कारण है कि गूगल ने 'Cronicle' नाम का आर्टिफिशल इंटेलिजेंस साइबर सिक्योरिटी सिस्टम बनाया है.
माना जा रहा है कि इसके आने के बाद बड़ी-बड़ी टीम का काम सिर्फ एक सॉफ्टवेर ही कर देगा. इससे पैसा और समय बचेगा और सुरक्षा बढ़ेगी.
कहते हैं कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस आने वाले वक्त में पूरी तरह ही इंटरनेट सुरक्षा को बदल कर रख देगी.
तो देखा आपने किस तरह से आर्टिफिशल इंटेलिजेंस आने वाले वक्त को बदल देगी. यह तो सिर्फ शुरुआत है. माना जाता है कि भविष्य में इससे भी ज्यादा जगह पर इसका इस्तेमाल होगा. अब यह तो वक्त ही बताएगा कि यह तकनीक पूरी तरह से हमारी दुनिया बदल देगी की नहीं.
WebTitle: How Artificial Intelligence Can Change The World, Hindi Article
Feature Image: vainu