टेक जाइंट गूगल हो या फिर पावरफुल देश अमेरिका. हर कोई आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर दांव लगा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसे भविष्य की टेक्नोलॉजी माना जा रहा है.
हमारे फोन और कई डिवाइस में तो ये आ चुका है और धीरे-धीरे ये और भी जगह पहुंचेगा. कई देश करोड़ों डॉलर लगा रहे हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बेहतर बनाने के लिए.
इन देशों में से ही एक है चीन, जिसने अभी हाल ही में अपनी AI पॉवर से दुनिया को हैरान कर दिया. अपने AI CCTV सिस्टम से चीन ने केवल 7 मिनट में एक पत्रकार को लाखों लोगों की भीड़ में खोज निकाला!
चीन के इस सिस्टम को अभी तक का सबसे बढ़िया AI CCTV सिस्टम माना जा रहा है. आखिर इसमें ऐसी और कौनसी खूबियाँ हैं चलिए जानते हैं–
AI तकनीक ने दी CCTV को नई पहचान
जहां बाकी दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को फोन में सेल्फी लेने के लिए इस्तेमाल कर रही है. वहीं दूसरी ओर चीन इसे अपने लोगों पर निगरानी के लिए इस्तेमाल कर रहा है.
धारणाओं की माने, तो चीन के पास इस समय दुनिया का सबसे बड़ा CCTV मॉनिटरिंग सिस्टम है. आंकड़ों के हिसाब से अभी चीन में करीब 170 मिलियन CCTV कैमरा लगाए जा चुके हैं.
इतना ही नहीं आने वाले वक्त में इसे और भी बढ़ाया जाना है. 2020 तक चीन करीब 400 से 600 मिलियन CCTV अपने देश में लगाना चाहता है.
इसके जरिए चीन अपने देश के कोने-कोने पर नजर रखना चाहता है. इस CCTV मॉनिटरिंग में उनकी सबसे ज्यादा मदद AI या कहें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ही कर रहा है.
चीन के CCTV में Facial Recognition सिस्टम लगा हुआ है. इसके जरिए कैमरा उसके सामने से गुजरने वाले हर व्यक्ति के चेहरे को जांचता है.
इतना ही नहीं, ये कैमरे न सिर्फ चेहरे जांचते हैं बल्कि ये उस व्यक्ति की अनुमानित उम्र भी पता लगा सकता है. इसके सामने से जितने मर्जी लोग चले जाएं, ये हर किसी को अपने डेटाबेस में स्टोर कर लेगा.
AI टेक्नोलॉजी के कारण अब पुराने CCTV को एक नई पहचान मिलने लगी है. चीन अभी इसे अपने देश में अपराधियों की खोज के लिए इस्तेमाल कर रहा है.
करोड़ों की भीड़ में भी ढूंढ सकता है मुजरिम!
इस समय चीन की पुलिस के पास AI CCTV की जिम्मेदारी है. इसे वो अपने केस हल करने और निगरानी के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.
ये सारे CCTV देश के अलग-अलग कंट्रोल रूम से जुड़े हुए हैं. हर कंट्रोल रूम के पास अमूमन देश के हर नागरिक की जानकारी है.
चीन बहुत पहले से ही अपने नागरिकों की जानकरी डिजिटल कर चुका है. उस कदम का फायदा इन्हें अब मिल रहा है.
हर व्यक्ति की फोटो, नाम, पता, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन, क्रिमिनल रिकॉर्ड आदि पहले ही पुलिस के डेटाबेस में दर्ज है. इन सब का फायदा AI CCTV उठाते हैं.
उदाहरण के तौर पर चीन में हुए एक केस को ही ले लीजिए. एक चीनी व्यक्ति था 'Yu', जिसकी तलाश चीनी पुलिस को 2015 से थी.
Yu ने पैसों की कोई जालसाजी की थी और उसके बाद फरार हो गया था. इसके बाद पुलिस ने उसे खूब खोजने की कोशिश की मगर कुछ हाथ न लगा.
हालांकि AI CCTV के लगते ही Yu पकड़ा गया. वो एक सिंगिंग कॉन्सर्ट को देखने गया हुआ था. वहां पर CCTV कैमरा लगा हुआ था जिसने हजारों लोगों के बीच भी Yu को पहचान लिया.
उसने तुरंत ही पुलिस को बताया कि इस व्यक्ति के ऊपर क्रिमिनल चार्ज लगा हुआ है. इसके बाद क्या था, तुरंत ही पुलिस कॉन्सर्ट पर पहुँच गयी.
एक बार जैसे ही कॉन्सर्ट खत्म हुआ पुलिस ने Yu को पकड़ लिया. तीन साल से गायब Yu को AI CCTV कैमरा ने कुछ ही वक्त में पकड़ लिया. इसके बाद सबको इसकी ताकत का अंदाजा हुआ.
इतना ही नहीं इसने अभी तक करीब 2000 संदिग्ध लोगों की पहचान कर ली है. लगभग 100 केस अब तक AI CCTV के कारण हल किए जा चुके हैं.
फोन के कैमरा से CCTV तक पहुंचे
चीन के इन AI CCTV कैमरे को न सिर्फ उनकी सरकार बल्कि प्राइवेट कंपनियां भी सपोर्ट कर रही हैं. जिस सॉफ्टवेर के जरिए कैमरे चेहरे को पहचान पाते हैं, उसे SenseTime नाम की कंपनी ने बनाया है.
शुरुआत में सिर्फ चीन सरकार ही इसमें पैसा लगा रही थी. हालांकि अब चीन की सबसे बड़ी रिटेलिंग वेबसाइट 'Alibaba' भी इसकी ओर आकर्षित हो चुकी है.
माना जा रहा है कि उन्होंने AI CCTV के लिए 600 मिलियन डॉलर की फंडिंग दी है. इस फंडिंग के बाद SenseTime की कीमत अब करीब 4.5 बिलियन डॉलर हो चुकी है.
इसकी वजह से आज SenseTime दुनिया का सबसे बड़ा AI स्टार्टअप बन चुका है. हालांकि इस कंपनी ने शुरूआत AI CCTV से नहीं की थी.
SenseTime चाइनीज फोन कंपनी Oppo और VIVO के लिए AI कैमरा एप डेवलप करती थी. वक्त के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मामले में SenseTme का नाम बड़ा होता गया.
इसके बाद जब कंपनी ने Facial Recognition सिस्टम बनाया, तो इनकी किस्मत का सिक्का चमका. इसके बाद तो चीन की बड़ी-बड़ी ऑर्गनाइजेशन इनके साथ जुड़ने के लिए आगे आने लगी.
डिजिटल आइडेंटिटी से मिलेगी मदद
चीन में अधिकांश लोग डिजिटल दुनिया से जुड़े हुए हैं. ऐसे में सरकार के लिए लोगों की डिजिटल आइडेंटिटी बनना बहुत ही आसान हो जाता है.
चीन में दो एप बहुत चलती हैं. पहली WeChat और दूसरी Alipay. करोड़ों की संख्या में लोग इन एप से जुड़े हुए हैं. इसलिए अब सरकार ने इन एप को ही डिजिटल आईडी बनाने का काम दे दिया है.
माना जा रहा है कि इसके आने के बाद चीनी नागरिकों की हर एक गतिविधि पर सरकार की पैनी नजर रहेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि कई छोटी-बड़ी चीजों के लिए लोगों को आईडी की जरूरत पड़ेगी.
लोन लेना हो, कार खरीदनी हो, किसी इंटरनेट कैफे जाना हो या कहीं घूमने जाना हो. ऐसी कई जगहों पर इन आईडी को चेक किया जाएगा.
इस आईडी की जरिए निगरानी करना और भी आसान हो जाएगा. इसके साथ ही ये आश्वासन भी दिया जा रहा है कि लोगों का पर्सनल डेटा कहीं भी लीक नहीं किया जाएगा.
केवल कुछ निर्धारित अफसर ही इस डेटा को देख पाएंगे. इतना ही नहीं AI CCTV अब चीन के क्लासरूम में भी लगेंगे.
हर क्लास में ब्लैकबोर्ड के ऊपर एक कैमरा होगा, जो पूरी क्लास के फेस रीड करेगा. इसके जरिए यह पता लगाया जाएगा कि बच्चे क्लास में कितने एक्टिव हैं. इसके बाद डेटा आगे स्कूल प्रशासन को दिया जाएगा ताकि वह जरूरी कदम उठा सकें.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मामले में चीन ने वाकई एक बहुत बड़ा कदम उठा लिया है. इसका ऐसा इस्तेमाल किसी और देश ने अब तक नहीं सोचा था. अब तो ये आने वाला वक्त ही बताएगा कि चीन का यह कदम आकिर उनके कितना काम आया.
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