बीते कुछ वक्त में फोन के किसी बम की तरह फटने और अचानाक से आग लग जाने के कई मामले सामने आए. अचानक से स्मार्टफोन एक मददगार डिवाइस से एक जानलेवा डिवाइस बनने लगा.
सोशल मीडिया पर तो इसे एक मजाक बनाया गया है. कई बड़ी फोन कंपनियों के नाम पर तरह-तरह के मीम्स बनाए जा रहे हैं.
यूँ तो इसमें गलती फोन कंपनियों की बताई जाती है मगर, विशेषज्ञों की माने, तो फोन यूजर भी इन हादसों के जिम्मेदार हैं.
तो चलिए जानते हैं कि आखिर क्यों होते हैं फोन में धमाके और कैसे इन्हें रोका जाए–
फोन से ज्यादा बैटरी का ख्याल रखना जरूरी है!
स्मार्टफोन आज एक ऐसी जरूरत बन गया है कि इसके बिना अधिकतर काम होते ही नहीं हैं. ऐसे में यूजर इसे हर समय ही इसे इस्तेमाल करते रहते हैं.
ये हैं तो एक मशीन मगर, इन्हें भी इंसानों की तरह आराम की जरूरत होती है. हालांकि, इन्हें यह आराम अक्सर नसीब नहीं हो पाता है.
ऐसे में फोन पर काफी लोड पड़ता है. इतना ही नहीं फोन से ज्यादा ये लोड उसकी बैटरी पर पड़ता है.
अधिकांश फोन्स की बैटरी लिथियम की होती है.
स्मार्टफोन में ये बैटरी काफी अच्छे से काम करती है, लेकिन इसके भी कुछ दुष्प्रभाव हैं. लिथियम बैटरी एक लिमिट तक ही प्रेशर झेल सकती है.
इतना ही नहीं इसमें जब तक एक लिमिट तक करंट जाएगा, तब तक ही ये सही से चलेगी. वहीं, अगर करंट बहुत ज्यादा मात्रा में इसमें जाता है, तो इसके फटने के चांसेस बढ़ जाते हैं.
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि, चार्जिंग के दौरान लिथियम बैटरी काफी 'हीट' पैदा करती है. जब कोई फोन को बार-बार या पूरी-पूरी रात चार्ज पर लगाता है, तो इस बैटरी में हीट एक्सेस में हो जाती है.
एक्सेस हीट से बैटरी फूलने लगती है और कई बार वह फट भी जाती है. नए जमाने के फोन्स में बैटरी फटने का एक कारण यह भी है.
आज-कल फोन्स फास्ट चार्जिंग और ज्यादा MAH बैटरी के साथ आते हैं. इन दोनों चीजों का मेल बहुत ज्यादा हीट पैदा करता है.
ऐसे में जब फोन को रेस्ट नहीं मिलता, तो वह कई बार आग पकड़ लेते हैं या फट जाते हैं. इसके अलावा फोन गिरना भी आपके लिए एक परेशानी खड़ी कर सकता है.
ऐसा इसलिए क्योंकि, गिरने के बाद कई बार बैटरी में दरार और सूजन आ जाती है. इसके बाद करंट ओवरफ्लो हो जाता है और इंटरनल शॉट सर्किट होने लगते हैं.
बाद में यह शॉट सर्किट फोन फटने की वजह भी बन जाते हैं. इसलिए फोन की बैटरी का ख्याल रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है.
जब सैमसंग और श्याओमी के फोन में हुए धमाके!
ये बात है साल 2016 की, जब सैमसंग ने अपना उस साल का मोस्ट पोपुलर फोन गैलेक्सी नोट 7 लांच किया.
कई नए फीचर और एक डैशिंग लुक वाला ये फोन हर किसी को चाहिए था. इसे खरीदने के लिए लोगों ने काफी अच्छी रकम भी चुकाई थी.
इसके बावजूद भी जब ये फोन उनके हाथों में आया तो उनके सारे सपने टूट गए. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि, अचाकन ही दुनिया भर में सैमसंग के कई नोट 7 फटने लगे.
दुनिया भर से कितने ही लोगों ने इसकी कम्प्लेंट की. स्मार्टफोन जाइंट सैमसंग की क्रेडिबिलिटी अचानक से गिरने लगी.
इतना ही नहीं कई जगह तो एयरलाइन्स ने नोट 7 को फ्लाइट पर लाना ही बैन कर दिया. इसकी वजह से सैमसंग को अपने करीब 2.5 मिलियन फोन वापस मंगवाने पड़े.
ठीक ऐसा ही कुछ श्याओमी के साथ भी हुआ. उन्होंने भी 2017 में अपना नोट 4 लांच किया था जिसमें ठीक इसी तरह का फॉल्ट नजर आया था.
पहले तो हर किसी ने बस कंपनियों की गलती देखी और उन्हें खराब फोन बनाने के लिए दोषी करार दिया. इसके बाद जब इन मामलों की जाँच की गई, तो इसका दूसरा पहलू भी सामने आया.
जहाँ सैमसंग में मैन्युफैक्चरिंग एरर और ओवरचार्जिंग हादसे की वजह निकले. वहीं दूसरी ओर एक्सट्रीम फोर्स श्याओमी के फटने का कारण बना.
कई लोगों ने श्याओमी नोट 4 को बहुत ज्यादा टाइट पैंट में रखा. इसके कारण फोन पर दबाव और गर्मी दोनों का असर हुआ.
आखिर में अत्यंत दबाव के कारण फोन की बैटरी डैमेज हुई और उसमें आग लग गई. यह बताता है कि फोन यूजर्स की आदतें भी इन हादसों का कारण बन सकती हैं.
थोड़ी सी समझदारी और कभी नहीं फटेगा आपका फोन
अगर आप अपने फोन को फटने या आग लगने से बचाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अपनी कुछ आदतें बदलनी पड़ेंगी.
इसमें, जो सबसे पहली चीज विशेषज्ञ बताते हैं वह है चार्जिंग के दौरान फोन चलाना...
चार्ज होते समय वैसे ही हमारा फोन बहुत प्रेशर में होता है. ऐसे में अगर उसमें लगातार प्रोसेस चलते रहेंगे तो उसके मदरबोर्ड पर भी काफी असर पड़ेगा.
इससे शॉट सर्किट और धमाका होने का खतरा बढ़ा सकता है. कई मामलों में इंटरनेट के कारण भी ऐसा हो सकता है.
इंटरनेट पर कितने ही ऐसे वायरस हैं, जो फोन में आकर उसके ऑपरेटिंग सिस्टम से खिलवाड़ करते हैं. दरअसल, फोन को कितने चार्ज की जरूरत है, कितनी पॉवर से उसे चार्ज होना चाहिए और चार्ज होते हुए कहीं कोई एक्स्ट्रा प्रोसेस तो नहीं चल रही है.
ऐसी कई चीजें हमारे फोन का ऑपरेटिंग सिस्टम ही संभालता है. ऐसे में जब ऑपरेटिंग सिस्टम ही खराब हो जाएगा, तो चार्जिंग सही तरीके से नहीं हो पाएगी.
इसके कारण बैटरी खराब होने के चांसेस और भी बढ़ जाएंगे. इतना ही नहीं अपने फोन को थोड़ा रेस्ट देना भी जरूरी है. इसके अलावा रात को सोते समय फोन को ‘एयरप्लेन मोड’ या फिर ‘स्विच ऑफ’ कर दिया करें.
इससे थोड़े समय के लिए उसका सिस्टम कूल डाउन हो जाएगा. ऐसे ही छोटे-छोटे तरीकों से आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका फोन कभी ऐसे हादसे का शिकार न हो.
तो देखा आपने कैसे छोटी-छोटी नजरंदाजी फोन के फटने का कारण बन जाती है. इसलिए अपने फोन को थोड़ा संभालकर इस्तेमाल करना चाहिए ताकि वो किसी विस्फोटक में तब्दील न हो जाए.
Web Title: How To Prevent Your Phone From Explosion, Hindi Article
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