आज के ज़माने में फ़ोन हमारा सब कुछ बन चुका है. हमारी जरूरी से जरूरी जानकारी, फोटोज और न जाने क्या-क्या हमारे फ़ोन में रहता है. इंटरनेट से जुड़ने के बाद तो यह किसी खुली तिजोरी की तरह हो जाता है, जहां कोई भी आकर चोरी कर सकता है.
अधिकांश लोगों को एहसास नहीं होता है कि कोई उनका फ़ोन हैक कर सकता है जबकि हर समय हैकर यही करने में लगे रहते हैं. भारत में कई हैकिंग के केस सामने आ चुके हैं.
2017 में ही आगरा के एक व्यकित के बैंक अकाउंट से कुछ विदेशी हैकरों ने करीब 5 लाख रूपए निकला लिए थे. माना जाता है कि यह सब बस एक मेल के जरिए ही किया गया. अब आप समझ ही सकते हैं कि आखिर यह हैकिंग कितनी खतरनाक हो सकती है.
तो चलिए जानते हैं कि आखिर कैसे अपने फ़ोन को हम इतना सुरक्षित बनाए कि कोई हैकर उसकी सुरक्षा को भेद न सके–
अपडेट रहना है सबसे जरूरी
हैकिंग से खुद को बचने के लिए, जो चीज आप सबसे पहले कर सकते हैं वह है अपने फ़ोन को अपडेट रखना. समय-समय पर स्मार्टफ़ोन मेकर अपने ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करते रहते हैं. वो ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि वह अपने हर नए अपडेट के साथ उसकी सुरक्षा और बढ़ा देते हैं.
आज के समय में रोजाना ही नए-नए वायरस आते रहते हैं. ऐसे में पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम उनसे यूजर को नहीं बचा पाते हैं. इसलिए ऑपरेटिंग सिस्टम के अपडेट दिए जाते हैं जैसे एंड्राइड लॉलीपॉप से मार्शमैलो और फिर नॉगट आया.
अपने हर अपडेट के साथ एंड्राइड ने कुछ बदलाव तो लाये ही साथ ही इसके वह यूजर के लिए कड़ी सुरक्षा भी लेकर आए. ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ-साथ हमें अपनी एप को भी अपडेट रखना चाहिए. ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली एप पर भी हैकरों की नजर लगी रहती है.
आपकी पसंदीदा एप हो सकती है आपके लिए घातक!
आज के जमाने में किसी भी यूजर के पास इस्तेमाल करने के लिए हजारों की संख्या में एप हैं. एंड्राइड पर तो अधिकतर एप फ्री हैं इसलिए यूजर बिना सोचे समझे भी कई बार एप डाउनलोड कर देते हैं. हर एप इनस्टॉल होने से पहले आपसे कुछ परमिशन मांगती है. अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं और बिना कुछ सोचे ही एप इनस्टॉल कर देते हैं. यही उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हो जाती है.
दरअसल आजकल हैकर कई ऐसे एप बनाते हैं, जो आपकी नजरों से बचकर आपकी जानकारी चुराते हैं. कई एप इनस्टॉल होते समय मेसेज, कैमरा, कांटेक्ट आदि की परमिशन मांगती है. एक बार अगर उन्हें ये परमिशन मिल गयीं, तो वो बिना किसी रोक-टोक यहाँ से जानकारी निकाल सकती हैं.
इसलिए कहते हैं कि हर एप को इनस्टॉल करने से पहले उसकी सारी परमिशन पर ध्यान दें. इतना ही नहीं एंड्राइड में गूगल प्ले स्टोर और आईफ़ोन में अप्प स्टोर से ही कोई भी एप डाउनलोड करनी चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि आउटर सोर्स से डाउनलोड की गई एप की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होती.
एंटीवायरस हो सकता है मददगार
अपने कंप्यूटर को वायरस से दूर रखने के लिए हम हमेशा एंटीवायरस यूज करते हैं, तो अपने फ़ोन के लिए क्यों नहीं! एंटीवायरस तो आज के समय में बहुत ही जरूरी चीज बन चुका है. इतना ही नहीं आप अपने एप स्टोर पर बड़े ही आराम से फ्री में कई एंटीवायरस पा सकते हैं.
हाँ अगर आपको कुछ अतिरिक्त सुरक्षा भी चाहिए, तो आप पेड वर्शन वाले एंटीवायरस भी खरीद सकते हैं. इसके लिए आपको थोड़ा दाम चुकाना पड़ेगा मगर यह आपके फ़ोन की पूरी तरह से सुरक्षा करेगा. हालांकि बात ये भी है कि आप पूरी तरह से एंटीवायरस पर ही निर्भर नहीं हो सकते हैं.
हैकर से बचने के लिए आपको खुद भी अलर्ट रहना पड़ेगा. आपको खुद भी अपनी बैंक स्टेटमेंट को चेक करना पड़ेगा कि कहीं कोई अनजानी ट्रांजेक्शन उससे हुई तो नहीं. समय-समय पर आपको ये काम करना पड़ेगा ताकि जरा सा शक होने पर ही आप कुछ एक्शन ले सके.
फ्री वाईफाई पड़ सकता है महंगा...
दिल्ली मेट्रो में यात्रियों की सुविधा के लिए वहां पर मेट्रो कारपोरेशन ने फ्री वाईफाई देना शुरू कर दिया है. फ्री इंटरनेट सुनकर कई लोग तुरंत ही ‘पब्लिक वाईफाई’ से कनेक्ट होने को बेताब हो जाते हैं. हालांकि इसे बहुत ही घातक माना जाता है.
ऐसा इसलिए क्योंकि ये वाईफाई सब के लिए खुला हुआ होता है. ये एनक्रिप्टेड नेटवर्क नहीं होता है और कोई भी बड़ी आसानी से जान सकता है कि आप इंटरनेट पर क्या देख रहे हैं.
इसलिए पब्लिक नेटवर्क पर बैंक की वेबसाइट या कुछ और जरूरी वेबसाइट चलाने से बचना चाहिए. यूँ तो यह वेबसाइट पहले से ही एनक्रिप्टेड होती हैं मगर पब्लिक नेटवर्क पर इनकी सुरक्षा भी काफी कम हो जाती है. इतना ही नहीं आजकल फेक मेसेज का चलन भी बहुत ज्यादा है.
हैकर आपके फ़ोन पर फेक मेसेज या फिर ईमेल करेंगे जिसमें उन्होंने वायरस फाइल डाली हुई होगी. वह कुछ ऐसा संदेश आपको भेजेंगे कि आप उसे खोलना चाहेंगे जैसे आमतौर पर लॉटरी के नाम से मेसेज में लिंक भेजे जाते हैं. उस लिंक या फाइल को खोलकर यूजर हैकर के लिए अपने फ़ोन के दरवाजे खोल देते हैं.
इसलिए कहते हैं कि कभी भी जिस मेसेज के सेंडर को आप नहीं जानते हैं उसे नहीं खोलना चाहिए.
क्या आपके साथ हो रही है हैकिंग?
हो सकता है कि इन तरीकों को अपनाने से पहले ही आपका फ़ोन हैक हो गया हो! अब ऐसे में भला क्या किया जाए? कैसे पता लगाएं कि आखिर आपका फ़ोन हैक हुआ है कि नहीं? इसका पता लगाना बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं है. इसके लिए बस आपको अपने फ़ोन पर पूरी तरह से नजर रखनी पड़ेगी.
अगर आपका फ़ोन हैक होता है, तो उसमें कुछ बदलाव आने शुरू हो जाएंगे. इसमें सबसे पहले फोन का स्लो होना, बैटरी जल्दी ख़त्म होना और फोन के गर्म होने जैसी आपके सामने आएंगी. हालांकि यह चीजें कई बार बिना हैकिंग के भी देखने को मिलती हैं.
इसके अलावा अगर आपके फ़ोन में अचानक ही अनजानी एप इनस्टॉल हो जाए, जिन्हें आपने कभी इनस्टॉल किया ही नहीं है, तो आपको सँभलने की जरूरत है. इसका मतलब हो सकता है कि कोई जबरदस्ती आपके फ़ोन में एप इनस्टॉल कर रहा है.
इतना ही नहीं अगर फ़ोन में एडवर्टीजमेंट दिखने लगें और उन्हें खोलते ही कुछ अजीब से वेबसाइट दिखने लगें, तो इसका मतलब आपके फ़ोन में वायरस हैं. इसलिए ऐसी चीजों के लिए आपको पहले से तैयार रहना पड़ेगा.
इसके अलावा ‘अनहैक’ नाम की एक एप है, जो हैकिंग के मामले में आपकी थोड़ी मदद कर सकती है. ये एप बस दो-तीन स्टेप में बता देती है कि आपके फ़ोन की किन एप के पास ऐसी परमिशन है, जो उनके पास नहीं होनी चाहिए.
इसकी मदद से आप पूरी तरह से हैकिंग से तो नहीं बच सकते मगर आपके फ़ोन में क्या चल रहा है इसका अंदाजा जरूर लगा सकते हैं.
तो देखा आपने आपका फ़ोन इतना भी सुरक्षित नहीं है जितना आप समझते हैं. आपकी थोड़ी सी नजरअंदाजी कैसे आपके लिए खतरनाक हो सकती है. इसलिए आज के जमाने में अपने फ़ोन को सुरक्षित रखना बहुत जरूरी हो गया है. हालाँकि इन छोटे-छोटे स्टेप्स के जरिए आप हैकिंग से बच सकते हैं. तो अगली बार फ़ोन इस्तेमाल करने से पहले इन बातों को जरूर याद रखें.
Web Title: How To Save Your Phone From Hacking, Hindi Article
Feature Image Credit: voucherergasia