जब से भारत में डिजिटल पेमेंट शुरू हुई है, तब से इसमें लगातार नए-नए बदलाव आ रहे हैं. ई-वॉलेट से शुरू हुई डिजिटल पेमेंट प्रोसेस अब, UPI पर आ चुकी है.
इतना ही नहीं UPI ने आते ही भारत में अपना राज भी शुरू कर दिया है. इसके आते ही डिजिटल पेमेंट ने पहले से ज्यादा प्रगति की है.
UPI की सक्सेस को देखते हुए माना जा रहा है कि ये भारत को पूरी तरह से बदल देगा. ऐसे में UPI के मौजूदा हालात और इसके बाद आए हुए बदलावों पर एक नजर जरूर डाली जानी चाहिए–
स्मार्टफोन बन चुके हैं स्मार्टबैंक
UPI पेमेंट के आने से पहले सिर्फ नेट बैंकिंग और ई-वॉलेट ही डिजिटल पेमेंट के माध्यम थे. यह काफी सफल रहे मगर, इसके बावजूद भी इनमें कई कमियां रह गईं.
इंटरनेट बैंकिंग में यूजर ट्रांजेक्शन तो कर सकता था मगर, इसका प्रोसेस थोड़ा बड़ा और मुश्किल था. इसलिए एक बड़ी संख्या में लोग इसे इस्तेमाल नहीं कर पाते थे.
शहरों में रहने वाले कई लोग तो इसे इस्तेमाल कर पाते थे, लेकिन कई अशिक्षित लोगों के लिए यह एक परेशानी साबित हुआ.
ऐसे में जब Paytm जैसी कंपनियों ने ई-वॉलेट सुविधा शुरू की तो कई लोगों को डिजिटल पेमेंट में आसानी होने लगी.
Paytm का QR Code फीचर एक तरह से उनकी सक्सेस की सीढ़ी बना. इसके बाद छोटे-छोटे व्यापार करने वाले लोग भी इसका इस्तेमाल करने लेगे.
इस प्रोसेस ने पैसे लेने के ढंग को काफी बदला. इसके सहारे ई-वॉलेट वाली ऐसी तमाम एप्स काफी समय तक मार्केट में बनी रहीं.
दिसंबर 2016 में जैसे ही BHIM एप लांच हुआ, भारत में डिजिटल पेमेंट का पूरा खेल ही बदल गया. इसकी सबसे बड़ी वजह ये थी कि BHIM UPI पर काम कर रहा था.
इसमें ई-वॉलेट नहीं बल्कि बैंक टू बैंक डायरेक्ट पेमेंट का ऑप्शन था. सिर्फ कुछ स्टेप्स और बड़े ही आराम से कोई भी किसी के अकाउंट में पैसे भेज सकता था.
यही कारण है कि BHIM ने थोड़े समय में ही काफी प्रसिद्धि पा ली. इसे मोबाइल बैंक भी कहा जाने लगा. इसमें किसी को पैसे भेजना किसी मेसेज भेजने के बराबर है.
इतना ही नहीं इसकी ट्रांजेक्शन स्पीड भी बहुत बढ़िया मानी जाती है. अपनी इन खूबियों के चलते ही BHIM और UPI दोनों रातों-रात लोगों के बीच मशहूर हो गए.
UPI बन गया है जंग का मैदान!
थोड़े ही समय में UPI ने डिजिटल पेमेंट पर ऐसा राज किया कि अब हर बड़ी कंपनी भारत में डिजिटल पेमेंट में आना चाहती है.
शुरूआती समय में सिर्फ Paytm और BHIM के बीच असली मार्केट की जंग चल रही थी. हालांकि, अब गूगल से लेकर अमेज़न तक हर कोई इसमें अपना हाथ डालना चाहता है.
इतना ही नहीं व्हाट्सएप भी काफी समय से UPI में आना चाहता है. UPI के बढ़ते ही Paytm जैसी ई-वॉलेट एप्स ने भी खुद को इससे जोड़ लिया.
यही कारण है कि इस समय UPI एक जंग का मैदान बन चुका है. मौजूदा समय में मार्केट में BHIM, Google Tez, Amazon Pay, Paytm, PhonepPe आदि जैसी कई UPI एप चल रही हैं.
आंकड़ों की माने, तो बीते महिनों में इसमें बहुत इजाफा हुआ है. करीब 105.02 मिलियन से ज्यादा UPI पेमेंट अब तक दर्ज की जा चुकी हैं.
इससे साफ जाहिर होता है कि UPI भारत को बदल रहा है और डिजिटल पेमेंट को पहले से ज्यादा बढ़ावा दे रहा है.
भविष्य के हिसाब से भी यह काफी कारगर माना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह सिंपल और सिक्योर है. यह दोनों चीजें यूजर्स को इसकी ओर खींच रही है.
हर गुजरते दिन के साथ UPI बढ़ता ही जा रहा है और भारत में कई बदलाव भी ला रहा है.
UPI से ट्रांजेक्शन चार्ज का भोझ हुआ कम
UPI के आने से पहले यूजर के आगे ट्रांजेक्शन चार्ज एक बहुत बड़ी परेशानी बनकर खड़ा हुआ था. अगर बैंक टू बैंक कोई ट्रांजेक्शन की जाती थी, तो उसपर कुछ प्रतिशत चार्ज लगता था.
जितना बड़ा अमाउंट उतना ज्यादा उसका चार्ज. इसकी वजह से कई लोग इसे अपनाने से कतराते थे. हालांकि, UPI ने आते ही इसे बदल दिया.
UPI में पेमेंट करते हुए किसी भी प्रकार का चार्ज नहीं लगाया गया. NEFT (National Electronic Funds Transfer) और IMPS (Immediate Payment Service) जैसी सर्विसेज को इस्तेमाल करने में कम से कम 1 रुपए प्लस टैक्स लगता है.
वहीं अगर आप एक बड़ा अमाउंट इससे ट्रांसफर कर रहे हैं, तो आपको और भी ज्यादा चार्ज लगता है. कई बैंक के अपने कुछ अलग से भी चार्ज होते हैं.
इंटरनेट बैंकिंग इस्तेमाल करने वाले लोग ही इसे इस्तेमाल करते हैं. वहीं दूसरी ओर UPI से अधिकांश पेमेंट पर कोई चार्ज लगता ही नहीं है.
कुछ एक बैंक हैं जिन्होंने UPI पेमेंट पर भी चार्ज लगाया हुआ है मगर वह भी 1 रुपए से कम ही है. बिना किसी चार्ज के डर के इसके जरिए पैसा भेजा जा सकता है. यही इसका एक सेलिंग पॉइंट भी बना.
Google Tez दे रहा है BHIM को मात!
UPI की शुरुआत के साथ ही भारत सरकार ने BHIM को लांच कर दिया था. शुरुआत में यह बहुत बड़ा गेम चेंजर रहा और मार्केट पर इसने अपनी अच्छी पकड़ बना ली.
हालांकि, धीरे-धीरे बाकि कई कंपनियों ने इसे टक्कर देने के लिए अपने UPI एप्स भी मार्केट में उतार दी. इसके बाद से BHIM को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा.
इन नई एप्स में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध रही Google Tez. अपने आने के साथ ही इसने BHIM का बना बनाया मार्केट छीनना शुरू कर दिया.
आंकड़ों की माने, तो 52% UPI मार्केट अभी Google Tez के पास है. इतना ही नहीं दिन ब दिन ये आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है.
माना जा रहा है कि Google Tez ने इतना बड़ा मार्केट अपनी काश बैक सर्विस के दम पर बनाया है. अपने शुरुआती समय में Google Tez ने हर बड़ी पेमेंट पर स्क्रैच कार्ड्स दिए, जिनमें कैश ऑफर मिला करते थे.
इसने कई लोगों का ध्यान उसकी ओर खींचा, जिसके चलते यह BHIM को पीछे करने में कामयाब रहा. अब देखना यह है कि आने वाले समय में Google Tez UPI को लेकर और कितने नए फीचर लाता है.
UPI के आने के बाद से भारत में कहीं न कहीं डिजिटल पेमेंट में और ज्यादा तेजी देखने को मिली है. यही कारण है कि इसपर अब पहले से भी ज्यादा जोर दिया जा रहा है. हालांकि, अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि इससे देश को और कितना फायदा होने वाला है.
Web Title: How UPI Payment Changed India, Hindi Article
Feature Image: thequint