तकनीक की इस दुनिया में आज कोई भी काम नामुमकिन नहीं रहा. गुजरते वक़्त के साथ तकनीक आज हमारे इतने करीब आ गई है कि हम इससे दूर नहीं जा सकते.
रोजाना हमें फ्यूचर टेक्नोलॉजी के नए नए उदाहरण देखने को मिलते हैं. ऐसे ही एक उदाहरण हैं नील हार्मिसन.
नील कोई आम इंसान नहीं हैं, बल्कि उन्हें दुनिया ‘फर्स्ट सायबॉर्ग’ के रूप में जानती है. ऐसा इसलिए क्योंकि वह एक यंत्र के जरिए रंगों को देख नहीं बल्कि सुन सकते हैं…
इतना ही नहीं रंगों की ध्वनि से वह पेंटिंग और संगीत भी बना सकते हैं.
तो चलिए जरा करीब से जानते हैं दुनिया के इस सबसे पहले सायबॉर्ग के बारे में–
ब्लैक एंड व्हाइट दिखती है दुनिया
27 जुलाई 1984 को लंदन, इंग्लैंड में नील का जन्म हुआ था. किसी भी आम बच्चे की तरह नील भी थे. हालांकि उनकी सिर्फ एक कमी ने उन्हें बाकी सभी बच्चों से अलग बना दिया था.
जहां बाकी बच्चे बचपन से ही इस रंगीन दुनिया को देखते आ रहे थे. वहीं दूसरी ओर नील की जिंदगी पूरी तरह से ब्लैक एंड व्हाइट थी…
कोई ऐसा रंग था ही नहीं जिसे नील देख पाते! छोटी उम्र में बच्चों को रंगों के बारे में जरूर पढ़ाया जाता है. जब नील इस दौर से गुजरे तो उन्हें बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.
जब डॉक्टर के सामने नील को लाया गया, तो पता चला कि नील एक ‘रेयर कलर ब्लाइंडनेस’ से ग्रस्त हैं!
उन्हें सिर्फ काला और सफ़ेद रंग ही दिखाई दे सकता है. हालांकि इसके बारे में जानने के बाद भी नील को कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ा.
वह अपनी जिंदगी ऐसे ही जीते रहे जैसे कि कोई आम बच्चा जीता. थोड़े समय बाद उनका परिवार उन्हें लेकर स्पेन चला गया. वहां जाकर उन्होंने संगीत और चित्रकला सीखी.
नील अपने पेंटिंग स्कूल में अकेले ऐसे व्यक्ति थे, जिसे खास काले और सफ़ेद रंग से पेंटिंग बनाने की इजाजत मिली थी. रंगों को न देख पाने की कमी के बावजूद भी नील बिना किसी परेशानी के जीते रहे और जिंदगी के सारे अनुभव लेते रहे.
हालांकि कहीं न कहीं उनके दिल में रंगों को ना देख पाने का मलाल जरूर था.
Neil Was A Color Blind From Birth (Pic: dazeddigital)
टेक्नोलॉजी की मदद से किया खुद का इलाज!
नील को रंग न दिखाई देने से कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ता था मगर फिर भी वह इस कमी को पूरा करना चाहते थे. इसलिए वह कई डॉक्टर के पास गए मगर कोई भी उनकी मदद नहीं कर सका.
हर किसी ने उन्हें कहा कि सर्जरी के बाद भी उनकी यह बीमारी ठीक नहीं हो सकती. उम्मीद के हर दरवाजे उनके लिए बंद हो गए थे.
इसके बाद उन्होंने टेक्नोलॉजी की मदद लेनी चाही अपने इलाज के लिए. उन्होंने साइबरनेटिक्स एक्सपर्ट एडम से मुलाक़ात की.
उन्होंने एडम से एक ऐसा यंत्र बनाने की बात कही जिससे वह रंग को देख नहीं पाए मगर उसे महसूस जरूर कर पाए…
जहां बाकी सभी लोगों ने नील की मदद करने से मना कर दिया था. वहीं दूसरी ओर एडम इस अद्भुत आइडिया को हक्कीत बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार थे.
नील ने इस यंत्र को एंटीना जैसा बनाने के लिए कहा, जिसे वह अपने सिर पर लगा सके. ऐसा इसलिए क्योंकि बहुत से कीड़ों के ऐसा एंटीना होता है जिससे वह चीजों की परख कर पाते हैं.
2004 में कड़ी मेहनत के बाद नील और एडम ने वो नया यंत्र बना ही लिया था. इसके बाद बस उसे नील के सिर में लगाना था.
नील का बनाया एंटीना सीधा उनके सिर के पीछे वाले हिस्से में लगना था. यह काम बहुत मुश्किल और खतरों से भरा हुआ था मगर फिर भी नील ने इसे करना चाहा. एक सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने नील के सिर में वह यंत्र लगा दिया था.
यंत्र लगाने के शरुआती समय तक, तो नील को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. हर समय उन्हें सर्जरी वाली जगह पर दर्द होता रहता था.
धीरे-धीरे वह यंत्र उनकी सिर की हड्डी से जुड़ रहा था. हालांकि कुछ महीने के वक़्त के बाद वह पूरी तरह नील से जुड़ गया और काम करने लगा.
22 मार्च 2004 को नील का यंत्र पूरी तरह से उनसे जुड़ गया था और अब वक़्त था दुनिया को एक नई और अद्भुत चीज से मिलाने का.
He Planted A Antina In His Head (Pic: ted)
सायबॉर्ग बन रंगीन हो गई नील की दुनिया
अपने सिर पर एंटीना लगाने के बाद से नील की जिंदगी पहले से आसान हो गई. उनका यह यंत्र उन्हें रंग देखने तो नहीं देता मगर इससे वह रंग को सुन जरूर सकते हैं!
नील की इस काबिलियत के बारे में जब भी कोई सुनता है, तो दंग रह जाता है. आखिर कोई हैरान हो भी क्यों न, आखिर रंग कोई सुन कैसे सकता है?
हालांकि नील के केस में वह रंगों को सुन सकते हैं. अपने एंटीना में लगे सेंसर की मदद से नील यह कर पाते हैं.
दरसल उनका एंटीना जब भी किसी रंग को देखता है, तो उसके बारे में नील को बताने के लिए ख़ास तरह की आवाज निकालता है.
जब नील उस आवाज को सुनते हैं, तो वह समझ जाते हैं कि वह कौनसा रंग है. इसी तरह वह मशहूर पेंटर की पेंटिंग्स को देखते हैं और इसी के सहारे अब वह खुद पेंटिंग भी बनाते हैं.
इस यंत्र को लगाने के बाद से रंग को पहचान पाने की उनकी शमता किसी आम इंसान से कहीं ज्यादा हो गई है. वह इन्फ्रारेड और अल्ट्रा वायलेट किरणों को भी पहचान सकते हैं. आम इंसानी आँखें इन्हें नहीं देख सकती है.
टेक्नोलॉजी ने तो अब उनके एंटीना को बिलकुल ही बदल दिया है. अब उस एंटीना के सहारे वह इंटरनेट और ब्लूटूथ से कनेक्ट हो सकते हैं. इनता ही नहीं हलके-हलके भूकंप के जिन झटकों को हम महसूस नहीं कर पाते हैं, नील को उनका सेंसर इसके बारे में भी बता देता है.
इस एक तकनीक ने नील की जिंदगी पूरी तरह से बदल दी. नील कभी भी इसे अपने से दूर नहीं करना चाहते हैं.
He Can Hear The Colors With His Antina (Pic: bellacaledonia)
खुद की पहचान पाने के लिए किए कई जतन…
नील अपने एंटीना के साथ इतने जुड़ गए हैं कि हर चीज में वह उसकी ही मदद लेते हैं. वह कपड़े भी वही पहनते हैं, जिनका रंग उन्हें सुनने में अच्छा लगता है!
वह रंग देख तो सकते नहीं हैं इसलिए वह उन्हें सुन ही लेते हैं.
आज दुनिया नील को जानती है मगर फिर भी नील को अपनी ऑफिसियल आइडेंटिटी पाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. वह ब्रिटिश पासपोर्ट बनवाना चाहते थे मगर कानून उन्हें यह बनाने नहीं दे रहा था.
इसके पीछे की वजह यह थी कि ब्रिटिश पासपोर्ट में एक साफ़ और सिंपल फोटो लगाईं जाती है. नील के सिर पर एक एंटीना लगा था, जो ब्रिटिश कानून के हिसाब से पासपोर्ट में नहीं आ सकता.
इसके बाद नील की एक जंग शुरू हुई अपने पासपोर्ट को बनाने के लिए. उन्होंने इस काम के लिए ब्रिटिश सरकार के आगे कई बार गुहार लगाई. कई बार उन्होंने सरकार को पत्र लिखे मगर वह मानने को तैयार ही नहीं थे कि यह एंटीना अब नील के शरीर का एक हिस्सा है.
हालांकि कुछ समय तक यह लड़ाई जारी रखने के बाद आखिर में ब्रिटिश कानून ने नील की बात मान ली. उन्होंने आखिर में मान लिया कि यह नील का ही एक अंग है.
ब्रिटिश कानून ने तो यह बात मान ली मगर कई देश और हैं जिन्होंने अभी तक नील को पासपोर्ट की इजाजत नहीं दी है.
हालांकि नील का कहना है कि उन्हें यह मान लेना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि भविष्य में टेक्नोलॉजी की मदद से कई लाचार लोग फिर से सामान्य जीवन जी सकेंगे.
अब यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा की नील की यह बात कितनी सच होती है.
Neil Had A Hard Time To Get British Passport (Pic: evolveandascend)
टेक्नोलॉजी से कोई इतना भी बदल सकता है किसी ने शायद ही सोचा होगा. एक छोटी सी चीज ने नील के जीवन भर के दर्द को ख़त्म कर दिया.
नील के इस रूप के बारे में आपका क्या सोचना है, कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं.
Web Title: Neil Harbisson First Human Cyborg, Hindi Article
Featured Image Credit: beinspiredglobal