कभी एक वक्त हुआ करता था कि लोगों के हाथों में एक छोटा सा कलरफुल फोन दिखाई देता था. उस फोन में आज की तरह फीचर नहीं थे मगर, फिर भी वो एक कम्पलीट फोन लगता था.
वो फोन और कोई नहीं नोकिया का सबसे आइकोनिक फोन 1100 था. वही फोन, जिसने भारत में आते ही हर किसी को अपना दीवाना बना दिया.
यह नोकिया का एक ऐसा फोन था, जो उसे बुलंदियों पर ले गया. आज कई सालों बाद भी लोग उसे भूल नहीं पाए हैं.
तो चलिए जानते हैं कि आखिर क्यों नोकिया 1100 बना एक आइकोनिक फोन–
आम लोगों को सोचकर बनाया गया नोकिया 1100
यह बात है 2003 की. दुनिया भर में मोबाइल फोन एक जरूरत बनने लगे थे. हर किसी को एक मोबाइल फोन चाहिए था ताकि वह कहीं भी किसी से भी बात कर सकें.
हालांकि, उस समय की सबसे बड़ी दिक्कत थी मोबाइल फोन के महंगे दाम. हर कोई फोन नहीं अफ़ॉर्ड कर सकता था.
मार्केट में ब्लैकबेरी के फोन थे, जो सिर्फ बिजनेस क्लास लोग ही खरीदते थे. वहीं दूसरी ओर नोकिया के शुरूआती फोन भी बहुत ज्यादा सस्ते नहीं थे.
साल 2000 में नोकिया ने अपना फेमस 3310 तो लांच किया था मगर, उसका दाम उस समय 12 हजार रुपए के करीब था...
आम लोगों के लिए कोई फोन था ही नहीं जिसे वो आसानी से खरीद पाते. नोकिया ने इस बात को समझा.
इसके बाद उन्होंने सोचा एक ऐसे फोन के बारे में, जो सस्ता, सुंदर और टिकाऊ हो. इसके बाद शुरुआत हुई नोकिया 1100 को बनाने की.
तीन साल बाद 2003 में नोकिया ने 1100 मॉडल बना ही डाला. इसका शुरूआती दाम करीब 5000 रुपए रखा गया.
इसके बाद इसे 2003 में लांच किया गया और इंतजार हुआ इसकी सेल्स रिपोर्ट देखने का.
आकर्षक फीचर्स ने बनाया सबको दीवाना...
अपने शुरूआती समय में नोकिया 1100 को वो प्रसिद्धी नहीं हासिल हुई जिसकी उससे उम्मीद थी. हाँ, मगर ये वक्त के साथ अपनी पहचान बनाता गया.
इसमें बाकी महंगे फोनों की तरह इंटरनेट और ईमेल की सुविधा नहीं थी. ये एक बिलकुल ही सिंपल फोन था. हालांकि, नोकिया 1100 की यही सिम्पलिसिटी उसकी असली ताकत बनकर सामने आई.
ये फोन एक फ़्लैश लाइट के साथ आया. इससे पहले किसी और फोन ने कभी फ़्लैश लाइट जैसा कोई फीचर फोन में नहीं दिया था.
इस फीचर ने उन लोगों का ध्यान इस फोन की ओर खींचा, जिनके इलाके में बिजली मौजूद नहीं थी. इतना ही नहीं इस फोन की सबसे दिलकश चीज थी इसके कलरफुल शेड्स.
यह करीब 36 तरह के अलग-अलग कलर शेड्स के साथ लांच हुआ था. देखने में ये कलर बहुत ही आकर्षक थे.
यह फोन को बहुत प्यारा सा बनाते थे. यही वह फोन था, जिसमें नोकिया की फेमस रिंगटोन भी मौजूद थी.
इतना ही नहीं इसमें रिंगटोन कंपोजर भी मौजूद था. इसके जरिए लोग खुद अपनी रिंगटोन बना सकते थे और करीब 7 रिंगटोन को स्टोर भी कर सकते थे.
इसमें कम्युनिकेशन का भी ध्यान रखा गया था. नोकिया 1100 करीब 50 टेक्स्ट मेसेज स्टोर कर सकता था. इसमें एंटरटेनमेंट का भी खास ख्याल रखा गया था.
नोकिया ने इस फोन के साथ 'स्नेक' नाम की एक गेम दी थी, जिसके पीछे युवा पीढ़ी एक पल को पागल हो गई थी. हर किसी को इसमें हाईस्कोर बनाना था.
इसकी सबसे बढ़िया बात थी कि इसकी बैटरी एक दिन से तो अधिक चल ही जाती थी. इससे सबसे ज्यादा ग्रामीण लोगों को ही मदद मिलनी थी.
नोकिया 1100 के इन फीचर्स ने हर किसी को अपना दीवाना बना दिया था.
इससे ज्यादा आज तक कोई और फोन नहीं बेचा गया!
नोकिया 1100 के फीचर्स से जैसे ही लोग परिचित हुए उन्होंने इसे खरीदना शुरू कर दिया. शुरुआत में जिस फोन की बिक्री बहुत धीमी थी, अब वो बिजली की रफ़्तार से बिक रहा था.
लोग इतनी तेजी से नोकिया 1100 को खरीद रहे थे कि कंपनी को भी अपनी प्रोडक्शन बढ़ानी पड़ी. सिर्फ विदेशों में ही नहीं भारत में भी लोगों ने इसे खुले दिल से खरीदा.
यह फोन इतनी तेजी से खरीदा जा रहा था कि हर गुजरते वक्त के साथ यह एक नया रिकॉर्ड बनाता जा रहा था.
2003 से ये फोन बेचा जाना शुरू हुआ था और 2007 में इसका आखिरी सेट बेचा गया. उस समय कंपनी ने अपने 1100 मॉडल की सेल्स रिपोर्ट लोगों के सामने पेश की.
इसे रिपोर्ट को देखने के बाद हर किसी के होश उड़ गए. कंपनी ने बताया कि उन्होंने अब तक 250 मिलियन नोकिया 1100 सेट बेच दिए हैं!
इसके साथ ही ये दुनिया का सबसे ज्यादा बेचा जाने वाला फोन और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट बन गया. ये आंकड़ा बताता है कि आखिर क्यों ये आइकोनिक फोन बना.
भारत था नोकिया 1100 का प्राइम टारगेट...
कंपनी जानती थी कि नोकिया 1100 में जो फीचर्स वह दे रहे हैं, वह सिर्फ डेवलपिंग कंट्री में ही चलेंगे. भारत में उस समय लोग डिजिटल होना शुरू हो गए थे. इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स की मांग बढ़ गई थी.
इसके अलावा भारत में ग्रामीण लोग बहुत ज्यादा संख्या में थे, जिनके लिए ये फोन सबसे बढ़िया था. इसलिए नोकिया ने भारत को अपना प्राइम टारगेट माना हुआ था.
उनका ये प्लान काफी अच्छा भी रहा. भारत में लोगों ने इसे बहुत बड़ी मात्रा में खरीदा. एक बड़ी संख्या में लोगों ने नोकिया 1100 को खरीदा और इसे एक नंबर वन फोन बना दिया.
भारत में लोगों के पास ये फोन बहुत ही आराम से दिख जाता था. कॉलेज के युवा हो या फिर ऑफिस जाने वाले. हर किसी के हाथ में एक नोकिया 1100 होता था.
अलग-अलग रंग. अलग-अलग रिंगटोन. हर कोई इस फोन को अपने हिसाब से चलाता था. आज भले ही वक्त स्मार्टफोन का आ गया हो मगर, अब भी लोग इस आइकोनिक फोन को याद करते हैं.
नोकिया 1100 का सफर बहुत ही शानदार रहा है. आज भी यह फोन अगर कहीं दिख जाता है, तो पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं. यूँ तो इसके बाद कई बड़ी कंपनियों के फोन आए मगर, इसके जैसा कोई और न हुआ.
WebTitle: Nokia 1100 The Iconic Phone, Hindi Article
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