दुनिया के किसी भी देश की ताकत का अंदाजा उसकी सेना और सेना द्वारा युद्ध में प्रयोग किये जाने वाले आधुनिक हथियारों से लगाया जाता है. आधुनिक हथियारों और कुशल रणनीति से ही युद्ध में सेना अपना परचम लहरा पाती है. जब बात आसमान में युद्ध की हो तो सबसे पहले नाम भारतीय वायु सेना का लिया जाता है.
किसी भी संकट के समय भारतीय वायु सेना के फाइटर प्लेन्स ने कई नाजुक मौकों पर अहम रोल निभाया है. आज हम भारतीय वायु सेना के सबसे सफल फाइटर प्लेन की बात कर रहे हैं जिसका नाम है सुखोई एसयू-30 एमकेआई!
यह फाइटर प्लेन भारतीय वायु सेना का सबसे सक्षम लड़ाकू विमान माना जाता है. तो आईये जानते हैं सुखोई एसयू-30 एमकेआई के बारे में–
रूस और भारत के साथ ने बनाया ‘सुखोई विमान’
एसयू-30 एमकेआई के डिज़ाइन का निर्माण रुस के सुखोई कॉरपोरेशन द्वारा किया गया. रुस और भारत ने संयुक्त रुप से इस विमान को बनाने की योजना बनाई थी. इसके बाद इसे बनाने की जिम्मेदारी भारत की हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड कंपनी को दे दी गई, जहां काफी प्रयास और कड़ी मेहनत के बाद इसे बनाया गया.
असल में एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान एसयू-27 और एसयू-37 फाइटर प्लेन का मिश्रण है. एसयू-30 एमकेआई के विस्तार से पहले से यह दोनों लड़ाकू विमान भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल हैं. बस फर्क इतना है कि एसयू-30 एमकेआई नई तकनीक से पूरी तरह लैस है और इसके उड़ने की क्षमता भारत के अन्य फाइटर विमानों से काफी अधिक है. माना जा रहा है कि रुस इस लड़ाकू विमान को और असरदार बनाने के लिये इसे नई तकनीक से जोड़ेगा ताकि यह और आक्रामक बन सके.
Russia & India Made A Tie Up And Made Sukhoi Fighter Jets (Pic: flanker)
हर मामले में ‘सक्षम’
भारतीय वायु सेना में शामिल हो चुका यह लड़ाकू विमान नई तकनीक से पूरी तरह लैस है. अपनी उड़ने की क्षमता, हवा और ज़मीन में तेज़ी से मिसाइलें दागने के कारण यह भारतीय वायु सेना का सबसे अहम लड़ाकू विमान बन चुका है. इस विमान को टाइटेनियम और उच्च तीव्रता वाले एल्यूमीनियम धातुओं से तैयार किया गया है. बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि भारत की क्रूज़ मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण इस लड़ाकू विमान की मदद से ही किया गया था. साल 2016 में भारतीय वायुसेना के नासिक एयरबेस पर ढाई टन वजनी ब्रह्मोस मिसाइल को इस लड़ाकू विमान में अटैच कर आसमान में परीक्षण के लिये भेजा गया था.
अपने से अधिक वजनी मिसाइल को सकुशल ऊपर ले जाने के बाद से भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों में एसयू-30 एमकेआई का कद और बढ़ गया है.
तकनीक की बात करें तो, एसयू-30 एमकेआई विमान की लंबाई 21.9 मीटर है और इसकी ऊंचाई 6.4 मीटर है. इस लड़ाकू विमान के 14.7 मीटर लंबाई वाले पंख तेज़ी से हवा को भेदने में सक्षम है. एसयू-30 एमकेआई का वजन 38,800 किलोग्राम है. कहा जाता है कि भारतीय वायु सेना के बेड़े में इससे पहले इतना वजनी लड़ाकू विमान कभी शामिल नहीं हुआ.
वजन में भारी होने के बावजूद यह लड़ाकू विमान अपनी तेज़ गति के लिये जाना जाता है. यह विमान आकाश में 2100 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज़ रफ्तार से फर्राटा भर सकता है. रोचक बात यह है कि इसको इसकी रफ्तार के लिये ही तैयार किया गया है ताकि जरूरत पड़ने पर कम समय में यह विमान युद्ध स्थल पर हथियार पहुँचा सके और दुश्मन सेना के लड़ाकू विमानों पर मिसाइल भी दाग सके.
Sukhoi Have A Superfast Speed (Pic: defenceforumindia)
इसके ‘दो इंजनों’ से मिलती है इसे रफ़्तार!
किसी भी लड़ाकू विमान की क्षमता का दारोमदार उसके इंजन से तय किया जाता है!
खासकर वायु सेना के विमानों के इंजनों को काफी मजबूती से तैयार किया जाता है. अगर युद्ध के दौरान विमान का इंजन फेल हो गया तो युद्ध में शिकस्त का खतरा रहता है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुये एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान के इंजन को काफी शक्तिशाली बनाया गया है. खास बात यह है कि इस विमान में दो इंजन लगाये गए हैं. इसकी वजह यह है कि उड़ान भरने के दौरान आसमान में विमान का एक इंजन किसी तकनीकी कारण के चलते फेल हो जाये तो दूसरे इंजन के सहारे विमान अपना मिशन पूरा कर सके. कहा जाता है कि दोनों इंजन के सहारे यह लड़ाकू विमान प्रति सेकेंड में तीन सौ मीटर की ऊंचाई पकड़ता रहता है. दोनों इंजन के सहारे यह विमान ऊंची उड़ान भरने में सक्षम है.
Sukhoi Have Two Jet Engines Who Give It Supersonic Speed (Pic: keypublishing)
एक विमान की कीमत करोड़ो रुपये
सेना द्वारा युद्ध में प्रयोग किये जाने वाले उपकरण जितने बेहतर होते हैं उनके दाम उतने ही महंगे होते हैं. यही वजह है कि भारतीय सरकार अपने देश की सुरक्षा के प्रति कोई समझौता नहीं करती और सेना को बेहतर तकनीक से लैस उपकरण मुहैया कराती है. भले ही उनकी कीमत करोड़ो में क्यों न हो.
एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान जितना आक्रामक है उतना ही यह दाम में भी महंगा है. एक विमान की कीमत करोड़ो रुपये है. एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान की कीमत 350 करोड़ रुपये है. यह अपने आप में एक काफी बड़ी रकम है. साल 2000 में भारत ने 140 एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान खरीदने के लिये रुस से करार किया था. कहा जाता है भारत में इस लड़ाकू विमान को बनाने में और अधिक खर्चा आता है.
हर मोर्चे पर कर सकता है सामना
यह विमान मुश्किल से मुश्किल हालात में वायु सेना के लिये मददगार साबित हो सकता है. कहा जाता है कि भविष्य में इसकी मदद से भारतीय सेना हर मोर्चे पर सफल साबित होगी. वर्तमान समय में भारत के पास एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान की कुल संख्या 200 से भी अधिक मानी जाती है. यह अपने आप में काफी बड़ी संख्या है.
यह लड़ाकू विमान भारतीय वायु सेना के विभिन्न एयरबेस पर तैनात रहते हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर इन्हें निकाला जा सके. समय-समय पर इन विमानों को थल सेना के सैनिकों की मदद के लिये भेजा जाता है. वहीं कई बार इन लड़ाकू विमानों की मदद से एक एयरबेस से दूसरे एयरबेस तक सेना के वजनी हथियार और वजनी उपकरण पहुँचाए जाते हैं. मौजूदा समय में यह एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान भारतीय सेना के तीनों अंगो के लिये अहम योगदान दे रहा है.
Many Indian Airforce Base Have Sukhoi As Their Primary Aircraft (Pic: nolimitszone)
तो यह था एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान! आपको इस विमान की कौन सी विशेषता बहुत अधिक पसंद आई और क्यों… कमेंट बॉक्स में बताना नहीं भूलियेगा.
इसके साथ ही अगर आप किसी और लड़ाकू विमान के बारे में जानकारी रखते हैं तो हमारे साथ नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें.
Web Title: Sukhoi Su-30MKI Best Fighter Jet Of India, Hindi Article
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