टीवीएस स्कूटी पेप प्लस का वो एड तो आपको याद होगा, जिसमें एक मोटरसाइकिल सवार लड़का स्कूटी पर बैठी अनुष्का शर्मा को देखकर सीटी मारकर भाग जाता है.
बहरहाल, एड में दिखाया गया है कि अब महिलाएं भी किसी से कम नहीं हैं और वो भी स्कूटी से उस लड़के का पीछा कर सकती हैं और उसे सबक भी सिखा सकती हैं.
यही वह स्वतंत्रता है, जो महिलाओं को राइडिंग के लिए टीवीएस स्कूटी ने दी है.
शुरूआत शायद यहीं से हुई थी. इसके बाद आज जमाना बदला है और समाज ने महिलाओं के स्कूटी चलाने को स्वीकार किया है.
तो चलिए एक नजर भारत में स्कूटी की शुरूआत और उसके सफर पर डाल लेते हैं –
राइडिंग का बेहतरीन साधन बनी स्कूटी
आज महिलाएं (कामकाजी या घरेलू) सभी अपनी सहूलियत के हिसाब से स्कूटी चला सकती हैं. किसी भी ड्रैस में चाहे वो एक स्कर्ट में हो और या फिर साड़ी में, उन्हें पूरी आजादी है कि वो खुली सड़क पर पुरुषों के समान राइडिंग का आनंद उठा सकें.
आज महिलाओं की सुविधा और सुरक्षा के लिहाज से स्कूटी काम पर जाने, कॉलेज जाने या फिर राइडिंग करने का सबसे बेहतरीन साधन माना जाता है.
कॉलेज जाने वाली लड़कियों और कामकाजी महिलाओं के कारण स्कूटी की बिक्री में तेजी आई है. साथ ही घरेलू महिलाएं भी बाजार जाने और बच्चों को स्कूल छोड़ने व उन्हें लाने के लिए आज स्कूटी का व्यापक तौर पर प्रयोग कर रही हैं.
आमतौर पर महिलाएं स्कूटी ही पसंद करती हैं.
इसने महिलाओं की जरूरत के हिसाब से बिना क्लच और गियर के स्कूटी चलाना आसान बनाया है. साथ ही महिलाएं अपनी जरूरत का सामान स्कूटी में सीट के नीचे बनी जगह पर आराम से रख सकती हैं. यहां हैंडबैग से लेकर हैल्मेट तक रखा जा सकता है.
टीवीएस मोटर्स लाया क्रांति
इन सभी क्रांतिकारी परिवर्तनों में टीवीएस मोटर्स जैसे स्कूटर और बाइक बनाने वाले मेन्युफैक्चरर्स का बड़ा योगदान है.
टीवीएस मोटर्स स्कूटी ब्रांड के नाम से सन 1996 से टू-व्हीलर के क्षेत्र में खासकर महिलाओं के लिए स्कूटी बना रही है.
स्कूटी अपने सेगमेंट में सबसे ज्यादा बिकने वाला स्कूटर ब्रांड है.
आज अगर कोई पुरुष कहता है कि मुझे बाइक या एक स्कूटर खरीदना है, तो महिलाओं की इच्छा रहती है कि वे एक स्कूटी खरीदें. भले ही वो आज किसी भी ब्रांड की ही क्यों न हो, लेकिन आज वो अगर महिलाओं के लिए है, तो एक स्कूटी ही कहलाती है.
भारत की महिलाएं और लड़कियां टीवीएस मोटर्स के हल्के वजन वाली स्कूटी का आज खूब इस्तेमाल करती हैं.
स्कूटी की पहली टेस्ट ड्राइव की शुरूआत सन 1993 में टीवीएस मोटर्स ने की. और आज इसने भारत में स्कूटी को महिलाओं के लिए खासकर एक पहचान बना दिया है.
..और महिलाओं को भा गई स्कूटी
हालांकि, टीवीएस मोटर्स ने स्कूटी को पहली बार किसी खास लिंग को ध्यान में रखकर बाजार में नहीं उतारा था. लेकिन इस लांचिंग के पहले दो साल के आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं ने इस स्कूटी को ज्यादा पसंद किया और इसकी ज्यादातर खरीदार महिलाएं ही थीं.
इसके बाद, सन 1996 में टीवीएस ने अपना पहला ब्रांड खासतौर पर महिलाओं के लिए किक से स्टार्ट होने वाला स्कूटी ईएस उतारा.
हालांकि, तब ये एक बड़ा जोखिम साबित हो सकता था, क्योंकि भारत के बाजार में एक बड़ी संख्या में पुरुष राइडर हैं. ऐसे में कहीं न कहीं ये डर था कि कहीं महिलाएं इसे खरीदें ही न.
इससे कंपनी को बड़ा नुकसान हो सकता था. लेकिन महिलाओं और लड़कियों ने इसे हाथों-हाथ लिया.
टीवीएस ने महिलाओं को दी ड्राइविंग ट्रेनिंग
इस सफलता के बाद कंपनी ने महिलाओं की जरूरतों के हिसाब से इसमें परिवर्तन किए और समय-समय पर कई अलग-अलग मॉडल उतारे.
जैसे, सन 2003 में किक और सेल्फ स्टार्ट स्कूटी पेप बाजार में उतारा गया. इसके बाद सन 2005 में किक और सेल्फ स्टार्ट स्कूटी पेप प्लस, फिर सन 2007 में स्कूटी टीन्ज और आखिरी सन 2009 में स्कूटी स्ट्रीक महिलाओं पर केंद्रित करके उतारे गए.
महिलाओं को स्कूटी चलाना सिखाने और उन्हें खुले रोड पर राइडिंग का अनुभव कराने के लिए टीवीएस ने स्कूटी इंस्टीट्यूट नामक ड्राइविंग लर्निंग सेंटर भी खोले. यहां 16 साल से अधिक उम्र की लड़कियों को 350 रुपए में एक सप्ताह प्रशिक्षण भी दिया गया.
इस तरह से टीवीएस ने टीयर-टू शहरों को ध्यान में रखते हुए, एक लाख से 5 लाख के बीच की आबादी वाले शहरों में अपने ड्राइविंग लर्निंग सेंटर खोले.
99 रंगों में उतारी गई स्कूटी पेप प्लस
सन 2009 में टीवीएस ने स्कूटी का नया मॉडल स्ट्रीक नाम से बाजार में उतारा. इस स्कूटी को बारिस के मौसम के लिहाज से भी डिजाइन किया गया था. इसके एंटी-स्किड टायर्स बारिस से भीगी सड़कों पर भी गाड़ी की मजबूत पकड़ रखते हैं.
इसके बाद सन 2005 में कुछ और परिवर्तनों के साथ स्कूटी पेप प्लस 99 अलग-अलग रंगों में उतारी गई. प्रीती जिंटा और मीनीषा लांबा द्वारा किए गए इसके एड तो आपने देखे ही होंगे.
इसके साथ ही इलैक्ट्रिक मॉडल वाली स्कूटी टीन्ज उतारी गई. जो छोटी दूरी तक जाने में महिलाओं की पहली पसंद बनी.
इसके एक साल बाद, पर्की पिंक कलर में स्कूटी का लिमिटेड एडीशन फैशन मॉडल बाजार में उतारा गया, जिसमें मोबाइल चार्जिंग के लिए एक सॉकेट उपलब्ध कराया गया था. इसे खासतौर पर लड़कियों को ध्यान में रखकर बनाया गया था.
टीवीएस स्कूटी की कई रेंज को बॉलीवुड फिल्मों में भी इस्तेमाल किया गया है. 2008 में आई आमिर खान की फिल्म 'गजनी' में भी अभिनेत्री असिन ने घूमने के लिए टीवीएस स्कूटी पेप प्लस का इस्तेमाल किया था. इसी के साथ जेनेलिया डिसूजा ने फिल्म 'चांस पे डांस' और 'रविवार' में आयशा टाकया ने स्कूटी का जमकर इस्तेमाल किया.
स्कूटी को केवल महिलाओं ने ही नहीं चलाया है, बल्कि 2009 में आई 'रॉकेट सिंह: सेल्समैन ऑफ द ईयर' फिल्म में रणबीर कपूर भी स्कूटी पेप की सवारी करते हुए नजर आए थे.
बहरहाल, आज टीवीएस मोटर्स 33 करोड़ ग्राहकों और हर साल 40 लाख दोपहिया वाहनों के निर्माण के साथ भारत की तीसरी सबसे बड़ी टू-व्हीलर कंपनी है. इसमें मोटरसाइकिल, मोपैड्स और स्कूटर की कई वैराइटी मौजूद हैं.
स्कूटर में महिला और पुरुषों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग प्रकार के मॉडल बाजार में मौजूद हैं, जैसे जूपीटर, स्कूटी जेस्ट 110 और स्कूटी पेप प्लस.
Web Title: TVS Scooty: First and Largest selling Indian brand designed for women, Hindi Artilce
Feature Image Credit: TVS Scooty