वेबकैम... इस एक चीज ने मीलों की दूरी को खत्म कर दिया है. कोई घर से दूर होता है, तो बस एक वीडियो कॉल के जरिए वह अपने घर वालों को देखा सकता है.
आज के दौर में तो ये हर किसी के लिए जरूरी बन गया है. ऑफिस मीटिंग हो, दूर बैठे दोस्त से बात करनी हो या फिर कोई इंटरव्यू देना हो. हर एक चीज में इसका इस्तेमाल होने लगा है.
यही कारण है कि आज ये हमारे अधिकतर डिवाइस में लगा आता है. हालांकि अगर आपसे कहा जाए कि कई सुविधाएं देने वाला वेबकैम आपके लिए मुसीबतों का पहाड़ ला सकता है?
आपने शायद ही कभी सोचा होगा कि आपका वेबकैम आपके लिए घातक साबित हो सकता है. तो चलिए आज जानते हैं कि कैसे होती है वेबकैम हैकिंग और क्यों आपको रखना चाहिए इसका ख्याल–
कहीं आपके कंप्यूटर में RAT तो नहीं है?
आज के जमाने में हैकिंग बहुत ही आम हो चुकी है. दुनिया भर में हैकर लगे रहते हैं, लोगों के सिस्टम की हैकिंग करने के लिए.
पहले हैकर सिर्फ लोगों का सिस्टम हैक किया करते थे मगर आज वह वेबकैम पर भी अपने हाथ मारने लगे हैं. इसके लिए वह तरह-तरह के हथकंडे आजमाते हैं.
इनमें से ही एक है RAT यानी Remote Access Technology. RAT एक प्रकार का Torjan वायरस. हैकर फेक ईमेल, फिसिंग वेबसाइट, फ्रीवेयर आदि के साथ अटैच करके RAT फाइल भेजते हैं.
एक बार अगर ये आपके किसी भी डिवाइस में आ गया, तो उसके बाद वह आपका डिवाइस नहीं रहेगा. वो उस हैकर का डिवाइस बन जाएगा.
ऐसा इसलिए क्योंकि RAT डिवाइस में जाकर उसकी रिमोट एक्सेस दूर बैठे किसी हैकर को दे देगा. इसके बाद वह जैसे चाहे आपके सिस्टम को चला सकता है.
एक बार जब ये एक्टिवेट हो जाता है, तो हैकर सबसे पहले वेबकैम की एक्सेस अपने पास रखते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि वेबकैम पर कभी भी किसी का शक नहीं जाता.
यहीं से उन्हें सबसे ज्यादा जरूरी जानकारियां भी मिलती हैं. इसलिए RAT को इस समय में सबसे खतरनाक वायरस में से एक माना जाता है.
वेबकैम की नजरों से कुछ नहीं छिपा सकते!
वेबकैम की एक्सेस लेने के बाद हैकर अपना असली खेल शुरू करते हैं. अगर ये किसी डिवाइस में आ गया, तो कमजोर पासवर्ड और फिंगरप्रिंट लॉक इसका कुछ नहीं कर पाते.
इसके बाद हैकर स्पाई एप कंप्यूटर या फोन में इनस्टॉल कर देते हैं. एप इनस्टॉल होने के बाद वो हर मेसेज, कॉल, ऑनलाइन सर्च, चैटिंग आदि जैसी पर्सनल जानकारी को देख पाते हैं.
वेबकैम हैक होने के बाद किसी CCTV कैमरे की तरह काम करता है. उसे आप इस्तेमाल भी नहीं कर रहे होंगे फिर भी वह काम करेगा.
हैकर 24 घंटे देख सकेगा कि आखिर आप क्या कर रहे हैं. वेबकैम के सामने जो भी हो रहा होगा वो सब हैकर को पता चल जाएगा.
कई हैकर तो लोगों की छिपकर तस्वीरें लेते हैं और वीडियो भी बनते हैं. बाद में इनके जरिए उन्हें ब्लैकमेल भी किया जाता है. इतना ही नहीं कई मौकों पर तो लोगों के वेबकैम को लाइव कर दिया जाता है.
ऑनलाइन बैठे लाखों लोग उस वीडियो को देखते हैं और जिसका वो वीडियो बनता है उसे कुछ पता भी नहीं चलता.
चीनी GhostNet नाम के एक वायरस ने दुनिया के कई वेबकैम हैक कर लिए थे. कहते हैं कि उस वेबकैम हैकिंग में 103 देशों के करीब 1300 वेबकैम हैक किए गए थे.
पेन्सिल्वेनिया में एक स्टूडेंट ने भी वेबकैम हैकिंग को अंजाम दिया था. उनसे स्कूल से बच्चों को मिले लैपटॉप के वेबकैम हैक कर लिए थे.
इसके बाद उसने चोरी-छिपे उनकी हजारों की संख्या में तस्वीरें ली.
इन घटनाओं से पता चलता है कि ये कितना खतरनाक हो सकता है. पहले तो वेबकैम अलग से लिया जाता था इसलिए खतरा थोड़ा कम था. आज के वक्त में तो वेबकैम हमारे लैपटॉप और फोन पर लगा हुआ आता है.
इसकी वजह से खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया है. लोगों को इसकी जानकरी भी नहीं है इसलिए वो इसके जाल में जल्दी फंस जाते हैं.
खुद को बचाना मुश्किल नहीं है...
वेबकैम हैकिंग भले ही आज एक बड़े लेवल पर हो रही है मगर इससे बचना इतना भी मुश्किल नहीं है. थोड़ी सी समझदारी से आप इसे मात दे सकते हैं.
इस ओर सबसे पहला कदम जो आपको अपनाना चाहिए वह है अपने वेबकैम को कवर करना. हमारा वेबकैम खुला हुआ होता है इसलिए ही हैकर आसानी से इसकी मदद से हमें देख पाते हैं.
वेबकैम के खतरों को फेसबुक संस्थापक मार्क ज़ुकेरबर्ग और FBI के पूर्व डायरेक्टर जेम्स कोमी दोनों ही अच्छे से जानते हैं. इसलिए ही ये दोनों अपने वेबकैम को हमेशा किसी चीज से ढक देते हैं.
मार्क तो अपने वेबकैम पर टेप तक लगा देते हैं. मार्क भी जानते हैं कि एक वेबकैम कितना कुछ कर सकता है. हो सकता है कि कई लोग अपने वेबकैम पर टेप नहीं लगाना चाहते हो.
उन लोगों के लिए वेबकैम कवर बहुत अच्छी चीज है. बड़ी ही आसानी से इसे ऑनलाइन खरीदा जा सकता है. इससे आप खुदको थोड़ी सुरक्षा तो दे ही सकते हैं.
इसके अलावा अपने कंप्यूटर को कभी भी बेवजह खुला न छोड़ें. इतना ही नहीं इसे अपने बेडरूम में इस्तेमाल करने से भी बचें.
अगर आप एक्सटर्नल वेबकैम यूज कर रहे हैं, तो इस्तेमाल के बाद उसे सिस्टम से डिटैच कर दें. इससे कोई भी उसका इस्तेमाल नहीं कर पाएगा.
वहीं एंटीवायरस अपडेट रखने और अनजानी वेबसाइट या ईमेल पर जाने से भी बचें. यही वायरस के सबसे बड़े सोर्स हैं.
इन सब में सबसे जरूरी है अपने डिवाइस का पासवर्ड बदलना. समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहिए ताकि कोई भी आसानी से उसका पता न लगा सके.
FBI भी करती है वेबकैम हैकिंग मगर...
कोई हैकर आपकी जानकारी निकाले तो अलग बात है मगर आपके देश की सुरक्षा एजेंसी भी ऐसा करें तो? माना जाता है कि RAT वायरस प्रसिद्ध होने से कई सालों पहले ही FBI ने इसका इस्तेमाल शुरू कर दिया था.
इसके जरिए वो कितने ही आम लोगों के वेबकैम हैक कर सकते थे बिना उनकी जानकारी के. हालांकि उनका कहना है कि उन्होंने इसका इस्तेमाल कभी भी गलत कामों के लिए नहीं किया.
FBI हमेशा किसी आतंकी घटना का पता लगाने के लिए इसका इस्तेमाल करती है. फिर भी कहीं न कहीं इसके जरिए आम लोगों की प्राइवेसी ब्रीच हो ही जाती है.
इन सभी गतिविधियों के चलते आज कंप्यूटर मेकर वेबकैम को पहले से ज्यादा सुरक्षित बनाने में लगे हुए हैं. इस कड़ी में हुवाई ने भी अपना नया लैपटॉप लांच किया है, जो वेबकैम की दुनिया में क्रांति ला सकता है.
Huawei MateBook X Pro एक ऐसा लैपटॉप है जिसमें खास वेबकैम को भी प्रोटेक्शन दी गई है. इसका वेबकैम बिलकुल ही अलग फंक्शन करता है.
इसका वेबकैम ऊपर टॉप पर नहीं बल्की नीचे कीबोर्ड में है. वहीं पर ये कुछ ऐसे छिपा है कि दिखाई भी नहीं देता. जब वेबकैम चालू करो, तब ये अपने आप ही बाहर आ जाता है.
जब काम हो जाए, तो अपने आप ही वापस भी चला जाता है. इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि कोई इसे हैक करके भी कुछ नहीं कर सकता. इसलिए ये यूजर को कम्पलीट प्रोटेक्शन देता है.
देखा आपने कैसे एक छोटी सी वेबकैम हैकिंग आपके लिए मुसीबतें ला सकती है. इसिलए अपने डिवाइस हमें बहुत ही सावधानी से चलाने चाहिए. थोड़ी सी लापरवाही से बहुत बड़ा नुक्सान हो सकता है.
Feature Image: digitalspy