जब भी हमसे कोई दुनिया के सबसे बड़े शिपिंग जहाज का नाम पूछता है, तो हमारी जुबान पर टाइटैनिक का नाम आ ही जाता है!
किन्तु, क्या आप जानते हैं कि दुनिया में टाइटैनिक से भी बड़े कई शिपिंग जहाज मौजूद हैं. गजब की बात तो यह है कि ये जहाज विशाल होने के साथ-साथ हजारों टन समान यहां से वहां ले जाने की क्षमता रखते हैं.
तो आईए जानते है कि वे शिपिंग जहाज हैं कौन से-
हैप्पी जाइंट
हैप्पी जाइंट टाइटैनिक से डबल था. हैप्पी जाइंट को जापानी कंपनी के द्वारा बनाया गया था. इसको बनाने का काम 1979 में पूरा कर लिया गया था, जिसके बाद से यह 30 साल तक सेवा में रहा. 2009 में यह भारत का हिस्सा बना.
इसका वजन करीब 564.000 टन से भी अधिक बताया जाता है. वहीं इसकी लंबाई 1,500 फुट मानी जाती है. चूंकि, इसको बनाने वाले इसके बड़े आकार से संतुष्ट नहीं थे, इसलिए वह इसमें समय-समय पर बदलाव करते रहे.
इसके कारण इसकी क्षमता 100,000 टन सामान ले जाने की हो गई.
Happy Giant (Pic: theoilexchange)
पियरा शिप ( सुपर टैंकर)
पियरा शिप को लोग सुपर टैंकर के नाम से भी जानते हैं. इसको ‘कॉम्पेनिनी नेशनल डे नेविगेशन’ के लिए बनाया गया था. इस जहाज का नाम फ्रांस के राजनीतिज्ञ और तेल उद्योग के संस्थापक पियरा के नाम पर रखा गया था.
सुपर टैंकर 1977 में सेवा में लाया गया था. इसके विशाल आकार के कारण यह जहाज बहुत काम बंदरगाहों पर ही प्रवेश करता है.
1983 में हुंडई कारपोरेशन ने इसका नाम बदलकर उल्सान मास्टर रखा दिया था.
Pierre Guillaumat (Pic: striveme)
एसो अटलांटिक
एसो अटलांटिक को 11 अगस्त 1977 को जापान में बनाया गया था. यह जापान के सबसे बड़े जहाजों में से एक माना जाता है. इसका इस्तेमाल यूरोप में सेवा के लिए किया जाता है. इसकी लंबाई लगभग 1,384 फीट के आस-पास मानी जाती है.
एसो अटलांटिक में 611,200 क्यूबिक मीटर ऑयल ले जाने की क्षमता है. यह ऊंचाई में इतना बड़ा है कि इसमें तीन मंजिला इमारत समा जाए. इसकी कुल लंबाई 1,334 फीट और चौड़ाई 233 फीट है. इसको खास तौर से भारी समान ले जाने के लिए बनाया गया था.
वजन की बात की जाए तो यह 508,731 टन भारी भरकम माना जाता है. इतने बड़े जहाज को समुद्र में चलाना आसान नहीं. इसके बाद भी इस जहाज की अधिकतम गाति 16.051 समुद्री मील मानी जाती है.
Esso Atlantic (Pic: funnylla)
एम्मा मार्सस्क
एम्मा मार्सस्क को 2006 में लॉन्च किया गया था. यह दनिया का सबसे बड़ा कंटेनरशिप माना जाता है. यह जहाज दुनिया की सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी मोलर मार्सक ग्रुप के लिए काम करता है. इस कंपनी की शुरूआत 1904 में हुई थी.
चूंकि, यह शिंपिंग कंपनी के लिए काम करता है, इसलिए इसमें बहुत भारी और बड़े सामान को ले जाया जाता है. इसको दुनिया भर के केंद्रों और उपभोक्ता के पास ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. एम्मा मार्सस्क कंटेनरशिप की छठी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करता है, जो 11,000 टन की क्षमता वाला जहाज है.
Emma Mærsk (Pic: shipmanagementinternational)
टी आई क्लास सुपर टैंकर
टी आई क्लास सुपर टैंकर ने विश्व में सबसे बड़े टैंकरों के रूप में समुद्री रास्ते से तेल परिवहन से संबंधित समस्याओं का समाधान करने में काफी मदद की है.
यह दुनिया के कई हिस्सों में कच्चा तेल पहुंचाने में मदद करता है. इस तरह के चार सुपर टैंकर हैं, जो टी आई ओशिनिया, टी आई यूरोप, टी आई एशिया और टी आई अफ्रीका के नाम से जाने जाते हैं. माना जाता है कि यह कोई भी पर्यावरणीय समस्याएं पैदा किए बिना सुरक्षित और बेहतर बेहतर तरीके से अपनी मंजिल तक पहुँचता है.
टी आई क्लास सुपर टैंकर समुद्र में 16.5 समुद्री मील की गति से माल को ले जाने की क्षमता रखता है. इसको 2001 में बनाया गया था, पर इसको साल 2002 को लॉन्च किया गया. जहाज की लंबाई 380 मीटर और चौड़ाई 34 मीटर है.
इतना बड़ा होने के कारण इस जहाज का वजन 4,00,000 टन है. इसमें तीन मिलियन बैरल तेल से अधिक तेल ले जाने की क्षमता है.
TI Class Supertanker (Pic: pinterest)
ग्लोब टिक टोक्यो शिप
ग्लोब टिक टोक्यो शिप को 1972 में बनाया गया था. यह 104,302 टन की क्षमता वाला विशाल शिप था, जिसकी लंबाई 1,243 फीट है. सालों से इस जहाज का प्रयोग समुद्र में तेल को यहाँ से वहां ले जाने के लिए किया जाता है.
इसकी कुल उंचाई 230 फीट मानी जाती है. इस लिहाज से इस जहाज में इतना बड़ा क्षेत्र है कि इसमें एक साथ करीब 47 कारें खड़ी की जा सकती हैं.
Globtik Tokyo (Pic: naviearmatori)
एम एस ओरे ब्रासिल
एम एस ओरे ब्रासिल को पहले वेल ब्रासिल के नाम से जाना जाता था. यह शिप ब्राजीलियाई खनन कंपनी वेले का वाहक है. यह लगभग 400,000 टन का है और सबसे बड़े जहाजों में इसका नाम मशहूर है. इसका इस्तेमाल लौह अयस्क को ले जाने के लिए किया जाता है.
ब्रासिल की कुल लंबाई 362.0 मीटर है, जो आज के समय के सबसे लंबे जहाजों में से एक है. इसकी पतवार की चौड़ाई 65 मीटर और 30.4 मीटर गहराई है. जब इसमें लौह अयस्क को पूरा भर लेते हैं, तो इसका वजन 11,150 ट्रक के बराबर होता है.
यह ब्राजील, यूरोप और चीन के कुछ बंदरगाह तक ही सीमित है.
24 मई 2011 को ब्राजील के बंदरगाह से एम एस ओरे ब्रासिल को 39,000 टन लौह अयस्क ले जाने का पहला कार्गो मिला था. 2014 में इसका नाम ब्रासिल रखा गया था.
MS Vale Brasil (Pic: therelaxing)
एमएससी ओलिवर
एमएससी ओलिवर का नाम दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर शिप में से एक है. यह 2015 में लॉन्च के गया था. माना जाता है कि यह इतना बड़ा है कि 20 जहाज इसके अंदर समा सकते हैं.
एमएससी ओलिवर को बनाने की शुरूआत 2013 में की गई थी पर यह मार्च 2015 तक पूरा हुआ. इसकी पहली यात्रा की शुरुआत अप्रैल 2015 में हुई. यह जहाज एशिया और उत्तरी यूरोप के बीच सेवा प्रदान करता है. इसकी कीमत 140 मिलियन अमेरिकी डॉलर आंकी जाती है.
एमएससी ओलिवर की कुल लंबाई 395.40 मीटर मानी जाती है. ओलिवर की कुल क्षमता 19,224 टीइयू है. जहाज की कुल रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटा के आसपास मानी जाती है.
MSC Oliver (Pic: fleetmon)
तो ये थे दुनिया के कुछ सबसे बड़े जहाज, जो दुनिया का समान यहां से वहां ले जाते हैं.
इन जहाजों के कारण देशों का एक-दूसरे के साथ व्यापार हो पाता है. ये इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि हवाई जहाज के माध्यम से हम एक बार में ज्यादा समान नहीं ले जा सकते हैं.
यही कारण है कि ये जहाज महत्वपूर्ण माने जाते हैं.
तो इनमें से कौनसा जहाज आपको सबसे ज्यादा पसंद आया कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं.
Web Title: World Largest Ships In The World, Hindi Article
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