अपनी भिन्न-भिन्न भाषाओं, धर्म और पौराणिक रीति-रिवाजों के चलते हमारा देश, यानी भारत पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां एक से बढ़कर एक धार्मिक स्थल मौजूद हैं. फिर चाहे वह देश के मंदिर हों, मस्जिदें हों, गुरुद्वारें हों, या फिर गिरिजाघर. हर स्थल का अपना एक महत्व है. यही कारण है कि इन स्थलोंं में एक बड़ी संख्या में लोग दिखाई पड़ते हैं. इसी कड़ी में आज बात देश के कुछ अद्भुत गिरिजाघरों की:
1. बेसीलिका ऑफ बोम जीसस
बेसीलिका ऑफ बोम जीसस भारत में सबसे प्रसिद्ध गिरिजाघरों में से एक है. यह लगभग 300 वर्ष पुराना है, जोकि गोवा में स्थित है. ऐसा माना जाता है कि इस चर्च में सेंट फ्रांसिस जेवियर के शरीर को संग्रहित करके रखा गया है, जोकि चिकित्सा की चमत्कारी शक्तियों के लिए जाने जाते थे. बेसीलिका ऑफ बोम जीसस चर्च को विश्व विरासत स्थल के रूप में घोषित किया है. सन 1605 में निर्मित बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस चर्च ईसाई वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है.
Basilica of Bom Jesus; (Pic: wikimedia)
2. क्राइस्ट चर्च
क्राइस्ट चर्च शिमला शहर के केंद्र में स्थित है. यह उत्तर भारत में दूसरा सबसे पुराना चर्च माना जाता है. इस चर्च का निर्माण सन 1857 में नियो-गोथिक स्टाइल में हुआ था. चर्च में बनी ‘पाइप-ऑर्गन’ भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे बड़ी है, इसे सितंबर 1899 में स्थापित किया गया था. यहां नक्काशी के बेहतर उदाहरण देखने को मिलते हैं.
3. सांथोम चर्च
सांथोम चर्च ऐतिहासिक रुप से महत्वपूर्ण माना जाता है. यह तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित है. इसका निर्माण 1894 में हुआ था. ऐसा माना जाता है कि इस चर्च में सेंट थॉमस के अवशेष को रखा गया है. ऐसा भी कहा जाता है कि सेंट थॉमस भगवान् यीशु मसीह के बहुत प्रिय थे. इन्हीं की याद में इस चर्च को बनवाया गया था.
Santhome Church (Pic: wikimedia.org)
4. परुमला चर्च
परुमला चर्च महान संत ग्रेगरीय गिवरगेस के नाम पर आधारित है. यह केरल के तिरुवल्ला जिले में स्थित है. कहानियों के अनुसार संत ग्रेगरीय गिवरगेस को यहीं पर दफनाया गया था. यह एक विशाल चर्च है, इसकी क्षमता इतनी ज्यादा है कि यहां लगभग 2000 लोग एक साथ आ सकते हैं.
Parumala Church (Pic: deedeeimages)
5. वल्लारपदम चर्च
वल्लारपदम चर्च का निर्माण 1524 में कुछ पुर्तगालियों ने कराया था. हालांकि, दुर्भाग्य से 1676 में एक भारी बाढ़ ने इस चर्च को नष्ट कर दिया था. इसके बाद इस चर्च का पुर्ननिर्माण किया गया था. इसे 1951 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय तीर्थ स्थल का दर्जा दे दिया था. इसमें हर साल 24 सितम्बर को एक विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है, जिसमें भारत के अलावा दूसरे देशों के लोगों को भी आमंत्रित किया जाता है.
6. सेंट फ्रांसिस चर्च
सेंट फ्रांसिस चर्च भारत का पहला यूरोपियन चर्च है. इसका निर्माण सन 1503 में कोच्चि में किया गया था. एेसा कहा जाता है कि महान पुर्तगाली नाविक ‘वास्को दा गामा’ को निधन के बाद उन्हें इसी चर्च में दफनाया गया था. यह चर्च मौजूदा समय में काफी प्रसिद्ध है, यहां हर दिन हजारों लोग जाते हैं. यहां कई ऐतिहासिक चीजें मौजूद हैं, जो लोगों को यहां आने के लिए लुभाती हैं.
7. सेंट फिलोमेना चर्च
मैसूर का सेंट फिलोमेना चर्च भारत के सबसे पुराने गिरिजाघरों में से एक है. इसका निर्माण लगभग 200 साल पहले हुए था. यह चर्च निओ-गोथिक शली में निर्मित है. इस चर्च की 175 फीट ऊंची जुड़वा मीनारें मीलों दूर से दिखाई दे जाती हैं. सेंट फिलोमेना चर्च के भूमिगत कमरे में तीसरी शताब्दी के संत की प्रतिमा स्थापित है.
St. Philomena’s Church; (Pic: Karthik)
8. सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल
भारत की राजधानी दिल्ली में मौजूद ‘सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल’ सबसे पुराने चर्चों में से एक है. इसकी नींव 1929 में रखी गयी थी. इसको मशहूर वास्तुकार हेनरी मेड ने बनाया था. वैसे तो इस चर्च में रोजाना कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं, पर ईस्टर और क्रिसमस त्योहारों के मौके पर यहां भव्य तैयारी की जाती है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.
9. रोज़री चर्च
रोज़री चर्च को ‘चर्च ऑफ आवर लेडी ऑफ द रोज़री’ के नाम से भी जाना जाता है. इसका निर्माण सन 1860 में फ्रांसीसियों ने हेमवर्थी नदी के किनारे कराया था. मान्यता है कि मानसून में जब पानी का स्तर बढ़ता है, तो इस चर्च का आधा हिस्सा पानी में डूब जाता है और इसका केवल शिखर का हिस्सा ही दिखता है.
Rosary Church: (Pic: urbantrunk)
10. ऑल सेंट कैथेड्रल
इलाहाबाद में मौजूद इस चर्च को 19वीं शताब्दी के अंत में बनाया गया था. यह चर्च अपनी अद्भुत कला और संगमरमर से बने ग्लास पैनल के लिए मशहूर है. इसको ‘पत्थर गिरजा’ के नाम से भी जाना जाता है. यूरोपीय संरचना का बेहतरीन नमूना माना जाने वाला यह चर्च इतना बड़ा है कि यहां लगभग 400 लोग एक साथ प्रार्थना कर सकते हैं.
11. अवर लेडी ऑफ इम्मेक्युलेट कंसेप्शन चर्च
इस चर्च का निर्माण वास्तविक रूप से 1541 में हुआ था, परंतु 1619 में इसे पूर्ण रूप से बदल दिया गया, क्योंकि उस समय चर्च के पास बहुत अधिक मात्रा में धन उपलब्ध था, तब से इसकी भव्यता की कोई सीमा नहीं है. यहां हर वर्ष 8 दिसम्बर को शानदार कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
Our Lady of the Immaculate Conception Church (Pic: stayreading)
12. अवर लेडी ऑफ़ सेवेन दोलौर्स चर्च
‘अवर लेडी ऑफ़ सेवेन दोलौर्स चर्च’ एक तरफ जहां एशिया का तीसरा सबसे ऊंचा चर्च है वहीं भारत में इसे सबसे ऊंचे चर्च की मान्यता प्राप्त है. इस चर्च का निर्माण सन 1853 में मुंबई में हुआ था. गॉथिक शैली में बना यह चर्च अपने शानदार इंटीरियर डिजाईन के लिए जाना जाती है.
13. सेंट थॉमस चर्च
यह चर्च भारत में सबसे पुराना ‘रोमो-सीरियाई’ चर्च है. इसका नाम इसाई धर्मगुरु सेंट थॉमस के नाम पर रखा गया था, जोकि देश के दक्षिणी भाग में ईसाई धर्म का प्रसार करता था. इसमें चर्च सेंट थॉमस के जीवन को अच्छे से दर्शाया गया है. यह अपनी 14 ग्रेनाइट मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है.
तो यह थे भारत में मौजूद कुछ मशहूर चर्च, जिनकी प्रासंगिकता इतने साल बीत जाने के बाद भी बिल्कुल कम नहीं हुई है. लोग आज भी अपने व्यस्त जीवन से कुछ वक्त निकाल कर यहां जाने के लिए लालायित रहते हैं. हमारी इस पेशकश को लेकर आपकी क्या राय है? नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जरुर बताये.
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