बिहार भारत का ऐसा राज्य है, जो आर्थिक रुप से अन्य राज्यों की तुलना में पिछड़ा है. बावजूद इस पिछड़ेपन के अपने ऐतिहासिक अतीत और संस्कृति के लिहाज से यह राज्य विश्वविख्यात है. पर्यटन की बात की जाये तो इस राज्य कई ऐसे स्थल हैं, जिनकी सौंदर्यता देखते ही बनती है. फिर चाहे वह गौतम बुद्ध की तपस्थली हो या फिर नालंदा विश्वविद्यालय. सब अपने आप में बेमिसाल हैं. तो चलिए चलते हैं बिहार की ओर:
पहला दिन: पटना में गोलघर और संग्रहालय
यात्रा के पहले दिन की शुरुआत आप बिहार की राजधानी पटना से कर सकते हैं. यहां मौजूद गोलघर एक शानदार स्थल है. यहां से आप शहर के साथ-साथ गंगा के विराट दृश्य का नाजारा भी ले सकते हैं. इसका निर्माण 1770 मेंं पटना में आये अकाल के बाद अनाज भंडारण के लिए किया गया था. यहां के बाद आप पटना के अन्य दर्शनीय स्थानों जैसे- अगम कुंआ, संजय गांधी जैविक उद्यान, श्री कृष्णा विज्ञान केंद्र इत्यादि देख सकते हैं.
इसी दिन हम पटना संग्रहालय में घूम सकते हैं. स्थानीय लोग इस संग्रहालय को प्यार से जादू घर भी कहते हैं. इसका निर्माण अंग्रेजों ने आसपास की ऐतिहासिक वस्तुओं को रखने कि लिए कराया था. मुग़ल और राजपूत शैली में बने इस संग्रहालय के केंद्र पर बनी आकर्षक छतरी और गुबंद बहुत सुंदर हैं. यहां पर आपको गौतम बुद्ध के अवशेष, वर्षों पुराना वृक्ष, दुर्लभ सिक्कों और पांडुलिपियों को देखा जा सकता है. यहां के बाद आप एक्को पार्क, बुद्ध स्मृति पार्क, जालान संग्रहालय, गांधी घाट आदि जगहों पर जाकर अपना दिन बिता सकते हैं.
Patna Museum, Patna (Pic: photodharma)
दूसरे दिन: गांधी संग्रहालय
दूसरे दिन आप पटना के गांधी संग्रहालय को देख सकते हैं. इसका निर्माण गांधी जी की हत्या के बाद कराया गया था. यह संग्रहालय एक शांत स्थान में स्थापित है. यहां पर आप गांधी जी के जीवन से जुड़ी चीजें, जैसे-पेंटिंग, मूर्तियां, पांडुलिपियां आदि देख सकते हैं. यहां एक पुस्तकालय भी है, जहां आपको उपयोगी पुस्तक-पुस्तिकाएं, पत्रिकाएं, साहित्य और ऑडियो-वीडियो का एक बड़ा संग्रह देखने को मिल जायेगा. यहां के बाद आप शहर में मौजूद कुइला हाउस, शेरशाह सूरी मस्जिद, पाटलिपुत्र करुणा स्तूप देख सकते हैं.
इसी दिन आप पटना में भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद जी के स्मृति संग्रहालय को देख सकते हैं. यहां उनके जीवन से जुड़ी तमाम चीजें देखी जा सकती हैं. इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में देश और विदेश से टूरिस्ट आते हैं. यहां के बाद आप मछली घर, गुलबी घाट, नौजरघाट, महावीर घाट, शहीद स्मारक, गुलजबर्ग कॉटेज, चिड़ियाघर लेक व्यू पर जा सकते हैं. इन जगहों पर आपका दिन कब कट जायेगा आपको पता ही नहीं चलेगा.
तीसरा दिन: वैशाली
यात्रा के तीसरे दिन आप वैशाली घूम सकते हैं, जो बिहार का एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है. यह जैन समुदाय के अंतिम जैन तीर्थंकर भगवान महावीर की जन्मस्थली भी है. यहां रेलिक स्तूप, राज विशाल का ग्रह, चौमुखी महादेव, कुंदलपुर कुछ ऐसे स्थल हैं, जहां पूरा दिन बिताया जा सकता है.
चौथा दिन: नवलाखा पैलेस, राजनागर
चौथे दिन आप नवलाखा पैलेस जा सकते हैं. यह पैलेस बिहार में मधुबनी के पास राजनगर में स्थित है. यह एक शाही महल है जहां आज भी ढ़ेर सारे वास्तुकला के उदाहरण देखने को मिलते हैं. महल के परिसर में उद्यान, तालाब और मंदिर भी मौजूद हैं, जहां आपका पूरा दिन कब निकल जायेगा, पता नहीं चलेगा.
पांचवे दिन: विश्व प्रसिद्ध नालन्दा विश्वविद्यालय
पांचवे दिन के सफ़र के लिए आपको पटना से आगे बढ़ाते हुए नालंदा की ओर चलना चाहिए. नालंदा में सबसे पहले आपको यहां मौजूद विश्व विख्यात नालंदा विश्वविद्यालय को देखना चाहिए. आपको बताते चलें कि नालन्दा प्राचीन भारत में उच्च शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण एवं विश्व विख्यात केंद्र रहा है. यहां पढ़ने के लिए देश विदेश से छात्र आते थे. कहा जाता है कि यहां 10000 छात्रों को पढ़ाने के लिए 2000 शिक्षक हुआ करते थे. दुर्भाग्य से अब यह विश्वविद्यालय खंडहर में तब्दील हो गया है. पर इसका इतिहास लोगों को यहां आने पर मजबूर कर देता है. यहां से समय बचने के बाद आप नालंदा पुरातात्विक संग्रहालय और पाण्डु पोखर का भी दीदार दिन खत्म होते-होते कर सकते हैं.
Nalanda University, Nalanda, Bihar (Pic: thebhojpuri)
छठवें दिन: राजगीर का इतिहास
छठवें दिन आप नालन्दा के बाद राजगीर जा सकते हैं. पहाड़ियों और जंगलों के बीच बसा यह शहर बौद्ध, जैन, हिन्दू धर्म का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल माना जाता है. यह शहर कभी मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी. दुनिया भर में लोकप्रिय इस स्थान पर देश विदेश से पर्यटक आते हैं. यहां की सुन्दर पहाड़ियां मन-मोहने में माहिर मानी जाती हैं. इसके अलावा आप बिम्बिसार जेल का खंडहर, गृद्धकूट पर्वत, गर्म जल के झरने, स्वर्ण भंडार, जैन मंदिर, विश्व शांति स्तूप देख सकते हैं. इस सबमें आपका पूरा दिन निकल ही जायेगा.
सातवें दिन: लखीसराय का इतिहास
सातवें दिन आप राजगीर से लखीसराय जिले के इतिहास को जानने के लिए आगे बढ़ सकते हैं. माना जाता है कि यह शहर पालवंश के समय में आस्तिव में आया था. यहां के प्राचीन मंदिरों में पालवंश के कई उदाहरण देखने को मिलते हैं. यहां आप अशोक धाम मंदिर, शोरिंगी ऋषि आश्रम, सूर्य मंदिर जा सकते हैं. इसके अलावा यहां के प्रसिद्ध हथकरघा और हस्तशिल्प की खरीददारी भी आपके लिए एक नया अनुभव हो सकता है. यानी यहां भी आपका पूरा दिन निकल ही जाना है.
आठवें दिन: मुंगेर में मीरकासिम का किला
आठवें दिन हम मुंगेर जिले का दीदार कर सकते हैं. कहा जाता है कि महाभारत काल में इसको मोदगिरी के नाम से जाना जाता था. यहां का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थान मीर कासिम का किला है. यह किला भारत के ऐतिहासिक धरोहरों में से एक माना जाता है. गंगा नदी के किनारे बने इस किले में एक गुप्त सुरंग मौजूद है. जिसको देखना आपके लिए रोमांचकारी हो सकता है. मुंगेर में आप पीर शाह नूफा का गुंबद, शाह शुजा का महल, सीता कुंड और ऋषि कुंड पर जाकर अपने दिन का सदुपयोग कर सकते हैं.
Munger Fort, Munger, Bihar (Pic: magnificentbihar)
नवें दिन: मंदार हिल पर मस्ती
नवें दिन आप मुंगेर से बांका जिले के मंदार हिल पर मौज मस्ती कर सकते हैं. यहां के सुन्दर दृश्य आपका मन मोह सकते हैं. यहां मौजूद मंदार पहाड़ी जैन और हिन्दुओं का पवित्र जगह मानी जाती है. पहाड़ी पर बना विष्णु मन्दिर और वासुपूज्य स्मृति मंदिर यहां का मुख्य आकर्षण होता है. साथ ही पहाड़ी के रास्ते में काले चट्टान पर बनी झील आपको कहीं और जाने नहीं देगी. आपका दिन यहां यादगार हो सकता है.
दसवें दिन: जमुई में सिमुलतल्ला हिल स्टेशन
दसवें दिन आप जमुई में सिमुलतल्ला हिल स्टेशन का आनंद ले सकते हैं. प्राकृतिक सुंदरता और सुहावने मौसम के लिए यह एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है. कहा जाता है कि कभी यह महान संत राम कृष्ण परमहंस का साधना स्थल हुआ करता था. यहां के मनमोहक दृश्य हमेशा अपने पर्यटकों का दिल खोलकर स्वागत करते हैं. यहां के बाद आप चंद्रशेखर संग्रहालय, जमुई मंदिर, जैन मंदिर, मिंटो टावर, सुग्गी को छूकर अपना दिन बिता सकते हैं.
ग्यारहवें दिन: काकोलट फॉल्स में मस्ती
ग्यारहवें दिन आप नवादा जिले को घूम सकते हैं. पहले यह गया जिले का एक हिस्सा था. बाद में इसे नया जिला बना दिया गया. इसके बारे मेंं कहा जाता है कि यहां ऐतिहासिक काल में भ्रिहाद्रथा, मौर्य, कनाह और गुप्त वंश का साम्राज्य था. यहां आपके देखने लायक सबसे प्रसिद्ध काकोलट फॉल्स है, जहां आप जमकर मस्ती कर सकते हैं. यहां से निकलकर आप नारद संग्रहालय, राजौली, सोबनाथ और गुनावा जल मंदिर में अपना दिन गुजार सकते हैं.
Kakolat Waterfalls, Navada, Bihar (Pic: visitortrip)
बारहवें दिन: बोधगया में महाबोधी मंदिर
बारहवें दिन आप नवादा जिले से बोधगया घूम सकते हैं. महाबोधी मंदिर उस स्थान पर बना है जहां पर गौतम बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था. तब से यह स्थान बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्त्वपूर्ण स्थान माना जाता है. यहां पर बड़ी संख्या में देश विदेश से टूरिस्टो और बौद्ध धर्म के अनुयायियों का जमावड़ा लगा रहता है. यहां आप बौद्धधर्म से जुड़ी विस्तृत जानकारी ले सकते हैं. यहां के बाद आप विष्णुपाद मंदिर, दूंगेश्वरी गुफा मंदिर, बरबर गुफाएं, चीनी मंदिर और मठ, बोधगया पुरातात्विक संग्रहालय, मुचलिंदा झील, थाई मंदिर और शाही भूटान मठ में घूम सकते हैं. यहां बिना रुके आप पूरा दिन गुजार सकते हैं.
तेरहवें दिन: जहानाबाद में बराबर गुफाएं
तेहरवें दिन आप जहानाबाद में बराबर की गुफाओं को देख सकते हैं. यह जगह सात चट्टानों वाली बौद्ध गुफाओं के लिए जानी जाती है. यह दुनिया की जीवित गुफाओं में से एक है. इसके अलावा आप यहां कौआ डोल हिल, हजरत बीबी कमल का मकबरा, बाबा सिद्ध नाथ मंदिर, सूर्य मंदिर जैसे दर्शनीय स्थलों पर अपना दिन गुजार सकते हैं.
Barabar Caves, Jahanabad (Pic: pinterest)
चौदहवें दिन: औरंगाबाद की सैर यात्रा
चौदहवें दिन हम औरंगाबाद जिले में घूम सकते हैं. यह शहर बिहार के सबसे आकर्षक शहरों में से एक माना जाता है. यहां के सबसे प्रसिद्ध आकर्षणों में सूर्य मंदिर है, जिसका निर्माण चन्द्रवंशी राजा भैरेंद्र सिंह ने करवाया था. इसके अलावा देव कुंड, उमगा, अंजार शरीफ पिरु जैसे स्थलों को आप एक दिन में आसानी से अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं.
पन्द्रहवें दिन: शेरशाह सूरी का मकबरा
आप अपनी यात्रा के पन्द्रहवें दिन शेरशाह सूरी का मकबरा देख सकते हैं. रोहतास जिले के सासाराम कस्बे में स्थित यह मकबरा सैलानियों के आकर्षण का केंद्र माना जाता है. झील के बीचों बीच बने इस मकबरे को भारत के श्रेष्ठ इमारतों में से एक माना जाता है. इस मकबरे में आपको हिन्दू और इस्लामी कला का बेहतरीन नमूना देखने को मिलेगा. आपको रोहतास में धुन कुंड फॉल्स, काइमूर हिल्स, चाचाई फॉल्स, रोहतासगढ़ किला जैसे स्थल भी देखने को मिलेंगे, जहां आप अपना पूरा दिन बिता सकते हैं.
Sher Shah Suri Tomb, Sasaram, Bihar (Pic: Defenceforumindia)
तो यह था बिहार की यात्रा के लिए हमारा पहले 15 दिनों का प्लान, जिसमें हमने आपको बिहार के प्रसिद्ध और ऐतिहासिक स्थानों का सफर कराया. इसके आगे के सफ़र के लिए आपको करना होगा थोड़ा सा इंतजार. तब तक आप नीचे दिये कमेंट बॉक्स में लिखकर हमें बताये कि कैसी लगी आपको अब तक की सैर?
Web Title: 30 Days, 30 Plans in Bihar, Hindi Article
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