Kullu Manali Travel Guide, Hindi Information, River Rafting (Pic Credit: ashtvinayaktravels.com)
भारत में प्राकृतिक सौन्दर्यता का जिक्र जब आता है, तब हिमाचल प्रदेश का नाम भी अवश्य आता है. एक तरफ हिमाचल धर्म और आस्था के लिए जाना जाता है, वहीं वह प्राकृतिक सौन्दर्यता के लिए विश्व विख्यात है. यहाँ की कुल्लू घाटी और मनाली का तो जवाब नहीं! सैलानियों का स्वर्ग कहलाने वाली इन जगहों में वह सारी खूबियां हैं, जो किसी मनभावन पर्यटन स्थल में होनी चाहिए. हिमाच्छादित पर्वत शिखर, हरी-भरी घाटियां, कल-कल बहती निर्मल नदियां और विभिन्न झीलों को देखना किसी सम्मोहन से कम नहीं है. घुमक्कड़ प्रवृत्ति का प्रत्येक व्यक्ति इस स्थान पर जाना चाहता है तो आइये आपकी यात्रा को आनंददायक बनाने के लिए हम भी पेश करते हैं कुछ जानकारियां-
हरियाली से पटी कुल्लू घाटी
कुल्लू घाटी के बारे में कहा जाता है कि इसको पहले कुलंतापीठ के नाम से जाना जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है रहने योग्य अंतिम स्थान. दिलचस्प है कि कुल्लू का उल्लेख रामायण, महाभारत, विष्णु पुराण जैसे महान भारतीय महाकाव्यों में भी आया है. त्रिपुरा के निवासी विहंगमणि पाल द्वारा खोजे गये इस खूबसूरत पहाड़ी स्थल का इतिहास पहली सदी का है.
अवश्य देखें:
- सरयू नदी के किनारे का रंग-बिरंगा दशहरा
- 17वीं शताब्दी में निर्मित रघुनाथ जी का मंदिर
- भिन्न-भिन्न एडवेंचर स्पोर्ट्स का संगम
- हरियाली से पटे हुए मैदान
- रोरिक कला दीर्घा
- ऊरुसवती हिमालय।
- लोक कला संग्रहालय
- शाम्बला बौद्ध थंगका कला संग्रहालय
- काली बाड़ी मंदिर, रघुनाथ मंदिर, बिजली महादेव मंदिर और वैष्णो देवी मंदिर
Kullu Manali Travel Guide, Manali (Pic Credit: tourmyindia.com)
मनाली की निराली दुनिया
मनाली का नाम मनु (मानव जाति के कथित पिता) के आवास के कारण पड़ा. किवदंती है कि मनु ने अपने आवास के लिए एक ऐसा पर्यावरण चुना जो प्रत्येक तरह से मनोरम था, उसे ही आज मनाली के रुप में जाना जाता है. यहाँ, एक तरफ नगर के बीचो-बीच निकलती व्यास नदी पर्यटकों को लुभाती है, वहीं दूसरी तरफ हरे घास के मैदान, सेब के बागान और साथ में लोकगीत के सुर मनाली को अत्यंत मनमोहक बनाते हैं.
अवश्य देखें:
- पिरनी गांव में अर्जुन गुफा
- रोहतांग दर्रा भी सैलानियों का पसंदीदा स्थल हैं, किन्तु यह मई के महीने में ही खुलता है, जबकि सितम्बर में भारी बर्फबारी के कारण बंद रहता है
- नाग्गर किला: यह किला मनाली के दक्षिण में है, जिसे पाल साम्राज्य का स्मारक भी कहा जाता है. चट्टानों, पत्थरों और लकड़ियों की विस्तृत कढ़ाई से बना यह किला हिमाचल के समृद्ध और सुरुचिपूर्ण कलाकृतियों का सम्मिश्रण है.
- हिडिम्बा देवी मंदिर: इस मंदिर को 1553 में स्थापित किया गया था, जिसके बारे में यह धारणा है कि इसका निर्माण पांडव राजकुमार भीम की पत्नी हिडिम्बा (जो स्थानीय देवी भी हैं) के लिए किया गया था. यह मंदिर अपने चार मंजिला शिवालय एवं विलक्षण काठ की कढ़ाई के लिए जाना जाता है.
- रहला झरनें से होने वाला वाटर फाल देखकर आप रोमांचित हो जायेंगे, इस बात में दो राय नहीं!
- सोलंग घाटी मनाली के 13 किमी उत्तर पश्चिम में है. इसका असली मजा बर्फ़बारी में ही आता है और यहाँ जाने वाले तो यहाँ तक कहते हैं कि जब यहां बर्फ पड़ती है, तो वहीं ठहर जाने को जी चाहता है.
- मानिकरण कुल्लू से करीब 45 किमी दूर मनाली जाने वाले रास्ते में स्थित है और पार्वती नदी के नजदीक अपने गर्म सोतों के लिए जाना जाता है. यहां के गर्म स्रोतो के बारे में मान्यता है कि इसमें स्नान करने से त्वचा सम्बंधी बीमारियां दूर होती है.
कैसे पहुंचें कुल्लू मनाली
देखने योग्य स्थानों के साथ अगर आप यहाँ जाने का मन बना चुके हैं तो इसके लिए आपको हम विभिन्न रास्ते बताते हैं, जो नजदीक होने के साथ सुविधाजनक भी हैं.
रेल मार्ग: यहाँ के नजदीकी रेलवे स्टेशन जोगिन्दर नगर, शिमला और चंडीगढ़ हैं.
सडक़ मार्ग: यहाँ जाने के लिए टैक्सी और लग्जरी बसें दिल्ली, चंडीगढ़ और कुल्लू से नियमित रूप से चलती हैं. राजधानी दिल्ली से मनाली की दूरी तकरीबन 550 किमी है, जिसे तय करने के लिए हिमाचल परिवहन के बसों की सेवा ली जा सकती है. अगर किराए की बात करें तो 480 रुपए से लेकर डीलक्स बसों का किराया 850 रुपए तक है.
हवाई मार्ग: यहाँ पहुँचने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा भुंतर है, जहाँ से कुल्लू 10 किलोमीटर और मनाली 50 किलोमीटर की दूरी पर है.
Kullu Manali Travel Guide, Skiing (Pic Credit: kingsholidays.net)
कहां ठहरें
यहाँ सस्ते से लेकर महंगे होटलों और रिसॉर्ट्स की भरमार है, जिनमें मनाली हट्स, होटल मनाल्सू, एचपीटीडीसी लॉग हट्स, सरवरी कुल्लू, होटल कैसला नग्गर, होटल कुंजम मनाली इत्यादि नाम गिनाये जा सकते हैं. वैसे बेहतर होगा, अगर आप इन्टरनेट सर्फिंग में कुछ और होटलों को अपने हिसाब से देखें और वहां उपलब्ध सुविधाओं की तुलना करें.
कुल्लू मनाली जाने का बेहतरीन समय
कुल्लू मनाली जाने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च का माना जाता है, क्योंकि इस माह में मौसम बहुत सुहावना होता है. किन्तु, बर्फ़बारी देखने के लिए बहुत से लोग सर्दियों में भी यहाँ जाते हैं. अगर आप भी उन्हीं लोगों में हैं तो सर्दियों में ऊनी कपड़े ले जाना ना भूलें, क्योंकि इसके बिना ठण्ड आपके घूमने का मजा किरकिरा कर सकती है.
ऐसे ही राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग का लुफ्त उठाने वाले पर्यटक जनवरी से मध्य अप्रैल के बीच जाएं तो ज्यादा बेहतर होगा.
… ताकि ज़ेब पर ज्यादा बोझ न पड़े!
अगर आप कुल्लू मनाली घूमने की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको इसके लिए पहले से ही तैयारी कर लेनी चाहिए, ताकि 9 की लकड़ी 90 की न पड़े! इसके लिए अगर आप कम पैसे में अपने शौक पूरा करना चाहते हैं तो ऑफ सीजन को चुनें, क्योंकि तब सुविधाएं कम पैसों में मिल सकती हैं. इसके साथ ऑफ़ सीजन में कम भीड़ होने से आप ज्यादा आनंद ले सकते हैं. आपकी पॉकेट पर कम बोझ पड़े, इसके लिए होटल आदि की बुकिंग के लिए आप भिन्न-भिन्न बेबसाइट्स का प्रयोग कर सकते हैं, जो समय समय पर ऑफर देते रहते हैं. ऐसे ही घूमने के लिए आप पसंदीदा स्थलों को पहले चिन्हित कर लें. साथ में स्थल की जरूरी जानकारी जैसे होटल से दूरी, किराया इत्यादि के बारे में भी जानकारी लें, ताकि आप ठगी का शिकार न हों. खरीददारी के लिए आप पर्यटक स्थल के लोकल बाजार की भी जानकारी जरूर लें … ताकि ज़ेब पर ज्यादा बोझ न पड़े!
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