काजोल और अजय देवगन को शादी किए हुए 19 साल हो चुके हैं. आज भी दोनों के बीच वैसा ही प्यार नज़र आता है, जैसा एक नए प्रेमी जोड़े के बीच होता है. ये दोनों भले ही सार्वजनिक स्थानों पर रोमांस करते हुए न दिखते हों, लेकिन ये एक-दूसरे को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं.
इन दोनों ने जब शादी की थी, तब काजोल तो एक स्थापित अभिनेत्री थीं, लेकिन अजय अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे. इसके अलावा दोनों का मिजाज भी एक-दूसरे से विपरीत था.
ऐसे में काजोल ने अजय को किस आधार पर पसंद किया और कैसे उनके बीच प्यार पनपा, आईए जानने की कोशिश करते हैं.
हलचल के सेट पर हुई पहली मुलाकात
अभिनेत्री काजोल का जन्म 5 अगस्त 1974 के दिन मुंबई में हुआ था. इनके पिता सोमू मुख़र्जी जाने-माने निर्देशक-निर्माता था. इस कारण काजोल को बचपन से ही फ़िल्मी माहौल मिला.
उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई मुंबई में ही पूरी की. आगे मात्र 16 साल की उम्र में ही उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा. उनकी पहली फिल्म बेखुदी थी. यह फिल्म तो कुछ ख़ास नहीं चली लेकिन आलोचकों को उनका अभिनय बहुत पसंद आया.
इसके बाद 1993 में अब्बास मस्तान की फिल्म बाजीगर आई. इस फिल्म में काजोल के साथ शाहरुख़ खान और शिल्पा शेट्टी थे. यह फिल्म हिट साबित हुई और काजोल ने दर्शकों के बीच लोकप्रियता हासिल कर ली.
इसके बाद 1995 में उनकी दो फ़िल्में बैक टू बैक हिट साबित हुईं. ये फ़िल्में करण-अर्जुन और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे थीं. दूसरी फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर अवार्ड मिला.
यह सन 1995 की ही बात है, जब काजोल और अजय की नजरें पहली बार एक-दूसरे से मिली थीं. ये दोनों फिल्म हलचल के सेट पर मिले थे. काजोल को यह फिल्म मशहूर अभिनेत्री दिव्या भारती की आकस्मिक मृत्यु हो जाने की वजह से मिली थी.
शुरू-शुरू में काजोल को अजय कुछ ख़ास पसंद नहीं आए थे. अजय शूटिंग के लिए आते थे. अपना काम पूरा करके चले जाते थे. खाली समय में वे एक कोने में बैठकर सिगरेट पीते या किताब पढ़ते.
वे किसी से ज्यादा बात नहीं करते थे. इसकी वजह शायद यह थी कि वे इंडस्ट्री में नए आए थे और अपने आपको स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रहे थे. वक्त जैसे-जैसे गुज़रा, वैसे-वैसे परिस्थितियां बदलीं.
काजोल और अजय में बात होने लगी. काजोल का उस समय एक बॉयफ्रेंड था और अजय की भी एक गर्लफ्रेंड थी.
दोनों आपस में अपने निजी प्रेम संबंधों को लेकर सलाह-मशविरा करते थे.
शुरू किया एक-दूसरे को डेट करना
ऐसा कहा जाता है कि दोनों अपने निजी प्रेम संबंधों से खुश नहीं थे. ऐसा लगता था कि वे बस रिश्तों को निभा रहे हैं, उन्हें जी नहीं रहे हैं. जल्द ही दोनों दो साल बाद अपने-अपने संबंधों से बाहर आ गए.
इस समय दोनों को एक सहारे की जरूरत थी. इसी क्रम में उन्होंने एक दूसरे को डेट करना शुरू किया. इस समय दोनों फिल्म गुंडाराज फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. कहते हैं कि यहीं से काजोल को अजय से प्यार होने लगा था.
अजय भी काजोल की तरफ आकर्षित होने लगे थे. जल्द ही ये दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया. वक्त आगे बढ़ा तो दोनों ने शादी के बंधन में बंधने का फैसला लिया. इस बात को लेकर काजोल की खूब आलोचना हुई.
असल में अजय इस समय तक इंडस्ट्री में अपनी पहचान नहीं बना पाए थे, इसलिए लोगों का कहना था कि शादी करने के बाद काजोल का करियर ख़त्म हो जाएगा.
वहीँ काजोल कुछ और ही सोच रही थीं. उन्हें थोड़े दिनों के लिए आराम चाहिए था. इसके अलावा उन्हें अजय और खुद पर पूरा विश्वास था. इसलिए उन्होंने आलोचना करने वालों की एक न सुनी.
आगे 24 फरवरी 1999 के दिन दोनों ने महारष्ट्र में ही अजय के घर पर शादी कर ली. इस शादी में ज्यादा लोगों को नहीं बुलाया गया. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि अजय नहीं चाहते थे कि किसी भी प्रकार की कंट्रोवर्सी हो.
शादी के बाद और मजबूत हुआ रिश्ता
शादी के बाद जैसा कि आलोचकों ने कयास लगाया था कि काजोल का करियर समाप्त हो जाएगा, वैसा कुछ भी नहीं हुआ. वहीँ इसके विपरीत काजोल ने कभी ख़ुशी कभी गम और गुप्त जैसी फिल्मों में शानदार भूमिका निभाई.
अजय भी हम दिल दे चुके समय और लज्जा जैसी फिल्मों ने अभिनय कर अपना लोहा मनवा चुके थे. दोनों का जीवन हँसते खेलते बीत रहा था. इसी बीच 2003 में काजोल ने एक बेटी को जन्म दिया.
बेटी के आने से दोनों की खुशियाँ दुगनी हो गईं. इसके बाद काजोल ने थोड़े समय तक आराम करने का फैसला लिया. वे करीबन तीन साल तक अभिनय के क्षेत्र से दूर रहीं. आगे वर्ष 2006 में काजोल ने फिल्म फ़ना में धमाकेदार वापसी की.
इस फिल्म में काजोल ने एक अंधी लड़की का किरदार अदा किया. इस अंधी लड़की को एक कश्मीरी आतंकवादी से प्यार से हो जाता है. इस आतंकवादी का किरदार आमिर खान ने निभाया है.
आगे इस अभिनय के लिए काजोल को फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा गया.
इसी बीच खबर आई कि अजय का किसी अभिनेत्री के साथ अफेयर चल रहा है. लेकिन काजोल ने इन सब खबरों को अफवाह ही बताया. अजय और काजोल को हमेशा एक दूसरे पर विश्वास रहा.
इसके बाद भी काजोल फ़िल्में करती रहीं. इन फिल्मों में कभी अलविदा न कहना, यू मी और हम, माय नेम इज खान और वी आर ए फैमिली प्रमुख रहीं. काजोल को बॉलीवुड की सफलतम अभिनेत्रियों में गिना जा सकता है.
उनके नाम छः फिल्फेयर अवार्ड दर्ज हैं. वे बॉलीवुड की एकमात्र ऐसी अभिनेत्री हैं, जिन्हें नकारात्मक रोल के लिए भी फिल्मफेयर पुरस्कार मिला है.
आज भी जब हम काजोल और अजय को एक साथ देखते हैं, तो हमें उनके बीच प्यार वैसा ही नजर आता है, जैसा कि शुरुआती दौर में था. वक्त के साथ यह प्रेम बढ़ा ही है. काजोल और अजय का मिजाज एक दूसरे से बहुत जुदा है. इसके बाद भी दोनों ने एक-दूसरे को समझा है, एक-दूसरे के ऊपर विश्वास किया. इसी के सहारे वे इतनी दूर तक की दूरी बिना रुके तय कर पाए हैं.
Web Title: Love Story Of Kajol Is Not A Common Love Story, Hindi Article
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