एक 18 साल के युवा का शव संदिग्ध हालात में एक तबेले से बरामद किया जाता है और दीवार पर बड़े बड़े अक्षरों से लिखा जाता है “इल्युमिनाती”, और वहीं इसके साथ शैतान की एक आँख भी दीवार पर कुरेदी हुई मिलती है.
सुनने में तो यह एक अंग्रेजी हॉरर फिल्म का दृश्य लगता है, लेकिन आपको बता दें कि यह सच्चाई है. जिस शैतान की हम बात कर रहे हैं वह मौत का एक ऐसा चेहरा है जो हर बार नए नए ऑनलाइन गेम्स के रूप में लोगों की जान लेने पहुँच जाता है.
जी हाँ. ब्लू व्हेल गेम के बारे में तो आपने सुना ही होगा, जो 2017 में कई सौ मौतों का ज़िम्मेदार माना जाता है. ऐसा ही एक सुसाइड गेम फिर एक बार मार्किट में दस्तक दे चुका है और आप भी इससे इनकार नहीं कर पाएँगे कि इस बार इस मौत के दूत का चेहरा पहले से ज्यादा भयानक है.
हम बात कर रहे हैं मोमो सुसाइड चैलेंज की, जिसे इंटरनेट की दुनिया का लेटेस्ट सुसाइड गेम माना जा रहा है.
तो आइए जानते हैं कि आखिर ये मोमो सुसाइड चैलेंज है क्या-
बन चुका है ब्लैकमेलिंग का नया हथियार
मेक्सिको के टबास्को राज्य की कंप्यूटर क्राइम इन्वेस्टीगेशन यूनिट का कहना है कि इस गेम की शुरुआत सबसे पहले मेक्सिको से हुई. हालांकि यह चैलेंज कहां से आया और इसे किसने बनाया है, इस बारे में अभी कोई भी जानकारी नहीं मिल सकी है. कुछ रिपोर्ट्स में यह ज़रूर सामने आया है कि जो एकाउंट्स इन अज्ञात नंबर्स से जुड़े हुए हैं, उनकी लोकेशन जापान, मेक्सिको और कोलंबिया में पायी गयी है.
जो भी इस गेम को खेलते हैं, उन्हें व्हाट्सप्प या फेसबुक पर किसी “मोमो” नाम के एक अनजान व्यक्ति से संपर्क करने को कहा जाता है. इसके लिए उन्हें एक अज्ञात नंबर को सेव करने के बाद उस पर मैसेज करने का चैलेंज दिया जाता है. मैसेज करते ही खेलने वाले के पास कई डरावनी और आपत्तिजनक तस्वीरें भेजी जाती हैं.
“मोमो” तक पहुँचने के लिए उन्हें कई हिंसात्मक गतिविधियाँ करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जो आखिर में सुसाइड पर आकर ही रुकता है.
जो भी लोग व्हाट्सप्प पर इसे शुरू तो कर देते हैं लेकिन, बीच रस्ते में इससे बहार निकलने की कोशिश करते हैं उन्हें परेशान कर देने वाली आपत्तिजनक तसवीरों से डराया धमकाया जाता है.
साथ ही कई मामलों में तो युवाओं को ब्लैकमेल कर उन्हें सुसाइड की तरफ धकेला जाता है. इसके लिए बाकायदा उनकी इनफार्मेशन को हैक किया जाता है और उसे ऑनलाइन शेयर करने की धमकी देकर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता है.
कंकाल जैसी दिखने वाली लड़की का सच!
इस गेम को दर्शाने वाली फोटो को यदि आप देख ले तो आपके रोंगटे खड़े हो जाये. इसमें एक लड़की को दिखाया गया है, जो एक इंसान, जानवर और कंकाल का मिश्रण लगती है. इसकी दोनों आँखे अंदाज़े से बेहद बड़ी और भयानक दिखती हैं.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जिस शैतान के प्रारूप की बात हमने की, उसका असल में इस सुसाइड चैलेंज से कोई लेना देना ही नहीं है.
जिस फोटो का इस्तेमाल इस चैलेंज को संचालित करने वाले कर रहे हैं, उसे तो जापान की लिंक फैक्ट्री नामक एक कंपनी ने काफी पहले बनाया था. इसे 'मदर बर्ड' कहा जाता है और इसे 2016 में टोक्यो की हॉरर आर्ट वेनिला गैलरी में प्रदर्शित किया गया था. हालांकि सोशल मीडिया पर यह फोटो 2018 में ही सर्कुलेट होनी शुरू हुई है.
ब्लू व्हेल चैलेंज जितना ही है खतरनाक
2017 में भी एक ऐसा ही चैलेंज देखा गया था, जिसका नाम था ब्लू व्हेल चैलेंज. मोबाइल, लैपटॉप या डेस्कटॉप पर खेले जाने वाले इस गेम के नियम भी कुछ-कुछ मोमो सुसाइड चैलेंज जैसे ही थे. इसमें प्रतियोगियों को 50 दिनों में 50 अलग-अलग टास्क पूरे करने होते थे और हर एक टास्क के बाद अपने हाथ पर एक निशान बनाना होता है. इस खेल का आख़िरी टास्क आत्महत्या होता था.
उस समय भारत सहित दुनिया भर में कई बच्चे ब्लू व्हेल गेम के शिकार हो गए थे. भारत में भी इसके जितने भी मामले सामने आए, उसके बाद महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने भारत के स्कूलों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी थी. उसमे उन्होंने सभी स्कूल प्रिंसिपलों के नाम चिट्ठी लिख बच्चों को इस खेल से दूर रखने की सलाह दी थी.
मोमो चैलेंज की बात करें तो भले ही यह ख़बरों में अभी हाल ही में आया हो लेकिन, इसकी शुरुआत 2 साल पहले सन 2016 में ही हो चुकी थी. 2 साल से यह ऑनलाइन ही कई हाथों से होकर गुज़र चुका है. चूंकि कानून की नज़र अब तक इस पर नहीं पड़ी थी इसलिए ये अंदाजा लगाना अभी मुश्किल है कि इससे कितना नुक्सान हो चुका है और इसका विस्तार कहाँ तक हुआ है.
कुछ सोशल मीडिया एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कोई सुसाइड चैलेंज नहीं है बल्कि एक ऑनलाइन धोखा है.
इसका इस्तेमाल “चारे” के रूप में किया जा रहा है, जिससे कि लोगों की जानकारी को चुराया जा सके और उन्हें ब्लैकमेल कर उनसे बड़ी रकम ऐंठी जा सके. इन्हीं कारणों से इसे साइबर इंटरनेट की दुनिया में एक बड़े फ्रॉड के रूप में भी देखा जा रहा है. इसे इस्तेमाल करने वालों की पर्सनल जानकारी इक्कठी कर, इस गेम के पीछे छिपे हैकर्स उनके फ़ोन में स्पाईवेयर इनस्टॉल कर देते हैं.
जानकारों का मानना है कि इस गेम को शेयर किए जाने के ज़्यादातर मामलें अर्जेंटीना, यूरोप, स्पेन और अमेरिका में देखे गए हैं. कई देशों ने तो युवाओं को इससे बचे रहने की सलाह देते हुए एडवाइजरी भी जारी कर दी है.
ऐसे बचा जा सकता है मौत के खेल से
भारत फिलहाल तो मोमो चैलेंज के प्रकोप से बचा हुआ है. गौरतलब बात यह है कि आज कल के दौर में जब इंटरनेट ने पूरी दुनिया को जोड़ कर रखा हुआ है, ऐसे में किसी भी चीज़ को ऑनलाइन माध्यमों पर फैलाने में ज्यादा समय नहीं लगता. ऐसे में हमारा यह सोचना ज़रूरी है कि यदि कल को यह गेम भारत में भी दस्तक देता है, तो इससे हम अपने युवाओं और बच्चों को कैसे बचा कर रख सकते हैं.
अगर आप युवा हैं तो इंटरनेट इस्तेमाल करते हुए आपको इन चीजों से सावधान रहने की ज़रुरत है. आत्मविश्वास से इन चीजों को “ना” कहिये. अगर आप इस चीज़ के शिकार बन भी गए हैं तो आप पर एक ऐसी चीज़ को निभाने की पाबंदी नहीं है जिससे आप डरा हुआ या असुविधाजनक महसूस करते हैं.
माता-पिता को इस सन्दर्भ में खास ऐतिहात बरतने की सलाह दी गयी है. अगर आपके बच्चे भी इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं तो आपको अंदाजा होना चाहिए कि आपका बच्चा इंटरनेट पर किस तरह की चीजों का इस्तेमाल करता है. खासकर आज कल के दौर में जब बच्चे आसानी से पीयर प्रेशर का शिकार हो जाते हैं, उन पर ख़ास ध्यान देने की ज़रुरत है कि कहीं वो ऐसी किसी खतरनाक चीज़ को तो अपना सहारा नहीं बना रहे!
अगर आपको अपने बच्चे के बिहेवियर या उसकी रोजाना की एक्टिविटी में कोई बड़ा बदलाव दिखता है, जैसे- वह अपने में खोया रहता है, शांत रहता है, अचानक से खाना-पीना छोड़ देता है, तो मनोरोग विशेषज्ञ की मदद ज़रूर लें.
आपको बस उनसे बात कर उन्हें समझना है. उनके हुनुर को पहचानिए जिससे कि वो अपनी पहचान ढूँढ़ते हुए इस अँधेरी गली की तरफ न मुड़ जाए, जहां से लौट कर आने की संभावना कम ही है.
आखिर कंप्यूटर, मोबाइल और इंटरनेट की वर्चुअल दुनिया में ऐसी चीजें क्यों पैदा होती हैं जो हमारी असली दुनिया को उजाड़ने में लगी हैं? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब हमें ही ढूँढना होगा.
आपको मोमो चैलेंज से जुड़ी ये जानकारी कैसी लगी, हमे नीचे कमेंट बॉक्स में बताना न भूलें.
Web Title: Momo Challenge A New Death Game In Market, Hindi Article