बर्लिन फिल्म फेस्टिवल, हॉन्ग कॉन्ग फिल्म फेस्टिवल, ट्रिबेका फिल्म फेस्टिवल और अब भारत की ओर से ऑस्कर के दरवाजे पर दस्तक देने वाली हालिया फिल्म का नाम है ‘न्यूटन‘!
ऑस्कर में जाने वाली फिल्मों का क्या क्रेज़ होता है, यह बात कोई छिपी नहीं है. यहाँ तक कि आमिर खान तमाम इंडियन अवार्ड शो में नहीं जाते हैं, जबकि स्व अभिनीत लगान के लिए उन्होंने बड़ा प्रयास किया था.
जाहिर है, ‘न्यूटन’ में कुछ तो बात है… एक्चुअली कई बातें हैं.
न्यूटन की सशक्त ‘यूएसपी’
इस फिल्म की तमाम ख़ास बातें हो सकती हैं और हैं भी, जिसमें सशक्त ढंग से गढ़ी गयी कहानी, बेहतरीन डायलॉग्स और कलाकार, बेहतरीन डायरेक्शन, लोकेशन, सिनेमेटोग्राफी इत्यादि गिनाया जा सकता है. पर इस फिल्म की सबसे बड़ी ख़ासियत राजकुमार राव ही हैं, इस बात में दो राय नहीं!
इसके पक्ष में यह तर्क दिया जा सकता है कि किसी भी कहानी को कहने वाला चेहरा सशक्त होना चाहिए, जिससे ऑडियंस कनेक्ट कर सके. कुछ समय पहले आयी फिल्म ‘पिंक‘ याद कीजिये. ज़रा कल्पना करें कि अगर उस फिल्म में अमिताभ बच्चन नहीं होते तो?
शायद वह कहानी उस तरीके से मेसेज नहीं छोड़ पाती.
राजकुमार राव की ‘न्यूटन’ के बारे में यह बात सटीकता से कही जा सकती है और जिन्होंने फिल्म नहीं भी देखी हो, वह ट्रेलर से ही यह बात समझ गए होंगे. ट्रेलर का पहला शॉट, जिसमें राजकुमार राव की शादी की बात चल रही होती है, उसमें लड़की के नाबालिग होने की बात जिस तेवर से वह कहते हैं, वह उनकी एक्टिंग रेंज बताने के लिए काफी है.
सिर्फ यही फिल्म क्यों… राव अभिनीत ‘काई पो चे’ जिसने भी देखी होगी, उसमें इस अभिनेता का कायल हुए बिना वह नहीं रह सका होगा. इसके लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला था.
इसी कड़ी में आगे बात करें तो राजकुमार राव की 2010 में आयी डेब्यू फिल्म ‘लव सेक्स और धोखा’ से लेकर रागिनी एमएमएस, डी डे, अलीगढ़ और हालिया बरेली की बर्फी तक में यह अभिनेता अपनी छाप छोड़ चुका है.
Rajkumar Rao in Kai Po Che (Pic: Santabanta)
जाहिर है, राजकुमार राव अभिनीत ‘न्यूटन’ फिल्म का ऑस्कर में जाना इस कलाकार के लिए एक बड़ी उछाल है.
संघर्ष से मिला ‘मुकाम’
बॉलीवुड में आज कल नेपोटिज़्म पर काफी बहस चल रही है कि फ़िल्मी बैकग्राउंड के लोगों को आसानी से ब्रेक मिल जाता है तो बाहरी लोगों को संघर्ष करना पड़ता है.
हालाँकि, इसके साथ यह बात भी उभर कर सामने आयी है कि प्रतिभा को रोका नहीं जा सकता है.
राजकुमार राव के केस में यह दोनों बातें सटीक हैं. शुरूआती दिनों में छोटे मोटे रोल करने के बाद अब यह अभिनेता अपनी पहचान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देखने की ख़्वाहिश अगर रखता है तो इसके पीछे उसकी प्रतिभा ही है.
गुड़गांव के मध्यमवर्गीय अहिर परिवार में जन्म लेने वाले राजकुमार राव 10वीं से ही थियेटर करने लगे थे. फिर 2008 में फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया, पुणे से ग्रेजुएशन करने के बाद वह मुंबई शिफ्ट हो गए. फिर शुरुआत में उनकी एक्टिंग की गाड़ी धीरे-धीरे आगे बढ़ी और 2013 में रिलीज शाहिद फिल्म में उनके रोल के लिए उन्हें नेशनल फिल्म अवार्ड मिला.
National Award for Movie Shahid (Pic: aayamaza)
ग्रेटीट्यूड शुड बी ऐटिटूड की तर्ज पर राजकुमार राव भी अपनी लांचिंग के लिए एकता कपूर को पूरा क्रेडिट देते हैं. आखिर, एलएसडी और रागिनी एमएमएस में ब्रेक के बाद ही तो इस बहुमुखी अभिनेता की गाड़ी आगे बढ़ी.
संघर्ष की अगर बात करें तो राजकुमार राव को किसी ने शुरूआती दिनों में बदसूरत तक कह डाला था, जिसमें ‘हीरो मटेरियल’ नहीं है.
पर कहते हैं न कि कामयाब लोग अपने कार्य से जवाब देते हैं और किसी की शक्ल-सूरत या फिर ऑयब्रो से जज करने वाले लोगों को राजकुमार राव ने बेहद सटीक जवाब दिया है.
कुछ और भी…
Rajkumar Rao with his girlfriend Patralekha (Pic: deccanchro…)
राजकुमार राव से जुड़े कुछ और फैक्ट्स की बात करें तो यह उनके नाम के बारे में है. जी हाँ, उनका असली नाम राजकुमार राव नहीं, बल्कि राजकुमार यादव है. चलते चलते उनकी गर्लफ्रेंड का नाम भी आपको बता देते हैं.
यह अन्विता पाल हैं, जिनका स्क्रीन नाम पत्रलेखा है.
इन्हें आप राजकुमार राव के साथ ही सिटी लाइट में देख चुके हैं.
आपको जानकार हैरानी होगी कि 33 साल का यह अभिनेता राब्ता में 324 साल के आदमी का किरदार निभा चुका है. इतना ही नहीं, ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा’ का नारा देने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के ऊपर एक वेब सीरिज में भी यह वर्सटाइल अभिनेता काम कर रहा है.
मतलब निर्देशक जो करा ले, राजकुमार राव रेडी हैं!
न टाइप्ड होने का डर और न किसी एक्सपेरिमेंट के फेल होने का भय!
कहा जा सकता है कि राजकुमार राव की कहानी अभी शुरू हुई है और इसका दिलचस्प भाग आना अभी बाकी है. ऑफ़ कोर्स! अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी प्रतिभाओं के लिए लोग बाहें फैलाए इन्तेजार करते हैं और ‘ऑस्कर’ में ‘न्यूटन’ की एंट्री इसका पहला पड़ाव कही जा सकती है.
Web Title: Rajkumar Rao’s Newton in Oscar
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