'सेक्रेड गेम्स' मतलब पवित्र खेल.
लेकिन, इसमें पवित्रता कहीं नहीं दिखती. दिखाई देते हैं तो बस, दो खुले नंगे बदन और उनके बीच होती गुत्थम-गुत्थी, जुबान से निकलती गालियां और बंदूक से गोलियां.
इसमें गाली-गलौच का प्रयोग उसी तल्लीनता के साथ किया गया है, जैसे 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में किया गया था.
राजनीति, हिंसा, प्राकृतिक सेक्स की हदों को तोड़ती अश्लीलता और तृष्णाओं की पूर्ति को प्रदर्शित करता 'सेक्रेड गेम्स' सना हुआ है, रंग से, जादू से और खून से...
रंग, जो गणेश गायतोंडे पर चढ़ा हुआ है, कि वो अपने आपको भगवान मान बैठा है.
जादू कुक्कू का, जो उसे ये सोचने पर मजबूर कर देता है कि, "जिसकी कुक्कू उसका बंबई" और खून, जो दुनिया के अंत को दिखाता है.
शायद इसीलिए गणेश गायतोंडे कहता है कि “ये दुनिया कैसे शुरू हुआ अपुन को नहीं पता, पर कैसे खत्म होगा मालूम है.”
190 देशों में उपलब्ध है सीरीज!
वेब सीरीज 'सेक्रेड गेम्स' अमेरिका की बहुचर्चित नेट स्ट्रीमिंग मीडिया नेटफ्लिक्स पर 6 जुलाई को रिलीज हुई थी.
इसका निर्देशन अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवाने ने किया है. पहले सीजन में आठ एपिसोड वाली ये वेब सीरीज, 2006 में मुंबई अंडरवर्ल्ड पर प्रकाशित विक्रम चंद्रा के उपन्यास ‘'सेक्रेड गेम्स'’ पर आधारित और उसका परिवर्तित स्वरूप है.
माना जाता है कि, ये सीरीज चार भाषाओं के साथ विश्व के 190 देशों में उपलब्ध है.
हालांकि, नेटफ्लिक्स इस तरह के आंकड़े सार्वजनिक नहीं करता. वो देशों या वेब सीरीज के लिए दर्शकों की संख्या साझा नहीं करता.
'सेक्रेड गेम्स' में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी एक गैंगस्टर बना है, जो बंबई पर राज करना चाहता है. वो कई सालों से बंबई में अंडरग्राउंड रहा और अचानक से बाहर निकला. उसने इंस्पेक्टर सरताज सिंह का रोल कर रहे सैफ अली खान को फोन घुमाया और उसे बंबई को 25 दिन में बचा लेने को कहा.
हालांकि, इसके बाद वो खुद को गोली मार लेता है और उसका शरीर उसका साथ छोड़ जाता है. लेकिन उसकी कहानी यहीं से शुरू होती है.
धर्म की दैत्य से तुलना
“तीन बाप हैं मेरे...
बाप से ही तो सारा पंगा है.
पहले बाप ने अपने को डर दिया, दूसरे ने डेरिंग,
और तीसरे बाप ने धोका, जिसे गणेश ने सबसे ज्यादा प्यार किया."
"पहला बाप पंडित. दूसरा, वो सोने की तस्करी करने वाला सलीम काका. जिसकी आंखें उसे बोलती थीं कि गायतोंडे तू मेरे को मार दिया तो हमेशा जिन्दा रहेगा."
"अश्वत्थामा है तू. अश्वत्थामा”
गणेश गायतोंडे का किरदार एक हिन्दू था, शायद इसलिए वो खुद को अश्वत्थामा मान बैठा था.
वो कहता भी था कि “कभी कभी लगता है कि अपुन ही भगवान है. ये अपुन की कहानी है, सब उसमें अपना हिस्सा लेकर आए हैं. अपना काम है सबको आपस में जोड़ना.”
गणेश गायतोंडे वाला किरदार कहता है कि “भगवान को मानते हो? धर्म क्या है, मां है कि बाप!
जो भी है, अपुन आज़ाद हो गया. अब अपुन को नया धर्म मांगता था.”
गायतोंडे का तीसरा बाप एक बाबा टाइप है, जो दूसरों को धर्म का ज्ञान देता फिरता है.
वह एक कहानी के द्वारा लोगों को ये समझाने पर तुला है कि धर्म उन दैत्यों की तरह हैं, जो भटके राहगीरों को अपने जाल में फंसाता है.
“अतापि और वतापि दो दैत्य थे.”
“अतापि किसी भी राहगीर को बड़े प्रेम से अपने घर बुलाता, आप आइए मेरे घर. शायद आपको भूख लगी है. मैं आपको स्वादिष्ट भोजन ग्रहण कराऊंगा.”
“राहगीर ख़ुशी-ख़ुशी आ जाते और इतने में इधर वतापि अपनी मायावी, राक्षसी शक्तियों का प्रयोग करके बकरे का रूप धारण कर लेता. अतिथि उस स्वादिष्ट बकरे का भोजन करके प्रसन्नचित हो जाते. और इतने में अतापि आवाज लगाता वतापि, वतापि बाहर आओ.
और अचानक अतिथि का पेट फटता और एक मांस का लोथड़ा बाहर आ जाता और राहगीर परलोक.
फिर दोनों भाई खुशी के मारे नाच उठते, झूम उठते.
धर्मों का रूप यही है. राहगीर को प्रेम से घर बुलाओ. आदर समेत भोजन ग्रहण कराओ. फिर उसकी आत्मा पर कब्ज़ा कर लो.”
“यहूदी, मुसलमान. ईसाई मुसलमान. हिंदू मुसलमान. सब अतापि वतापि हैं.”
जादू मानते हो...
गणेश गायतोंडे धर्म से आगे बढ़ता है, तो इंस्पेक्टर सरताज सिंह से पूछता है कि धर्म को छोड़ो, जादू मानते हो?
'सेक्रेड गेम्स' में कुक्कू वाला किरदार एक ट्रांसजेंडर का है, जो गायतोंडे को अपने हुस्न का दीवाना बना लेता है. ये लाल परी तब से गायतोंडे के भेजे में छप गई, जब उसने सुलेमान ईसा के साथ पहली बार उसे देखा था.
कुक्कू के जादू पर गणेश गायतोंडे फिदा था. जिसकी कुक्कू उसका बंबई. वो कुक्कू को अपना बनाना चाहता था, ताकि बंबई उसकी हो जाए.
जैसे-जैसे वो बंबई जीतता जाता, वैसे-वैसे वो कुक्कू के आगे हार रहा था. वो उसके जिस्म को खुद में मिला लेना चाहता था. कुक्कू के आगे बंबई जीतने वाले हार चुके थे. और फिर उसमें गणेश गायतोंडे भी शामिल हो गया.
एक दिन ऐसा आया, जब उसे कुक्कू मिल ही गई. वो उसकी जिंदगी में ऐसे आयी जैसे कि हमेशा से उसकी ही हो.
वो उसकी हो गई और बंबई भी गणेश का, लेकिन जब वो गई, तो उससे बंबई भी छिन गया.
“रोज प्रधानमंत्री ऐसे बदल रहे थे, जैसे कच्छा हो”
'सेक्रेड गेम्स' में आपातकाल, मंडल कमीशन, बोफोर्स घोटाला, राम मंदिर के लिए यात्रा जैसे कई मुद्दों को लिया गया है. आपातकाल के दौरान हुई नसबंदी से लेकर राजीव गांधी और फिर हिंदुत्व सभी पर दबाकर निशाना भी साधा गया है.
सीरीज में गणेश गायतोंडे वाला किरदार इंदिरा गांधी पर निशाना लगाते हुए एक जगह कहता है कि “1977 में देश में इंदिरा गांधी की इमरजेंसी चालू थी. सरकार लोगों के लिंग काट के ले जा रेली थी.”
इसके बाद वो प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मौत के बाद प्रधानमंत्री बने राजीव गांधी और बोफोर्स तोप घोटाले को निशाना बनाता है. और कहता है कि “साल था 1985, मां मरी तो बेटा पीएम बन गया. पीएम बनकर बोफोर्स में घोटाला किया.”
आगे वो कहता है कि “1986 में शाह बानो को तीन तलाक दिया उसका पति, वो कोर्ट में केस लड़ी और जीती, लेकिन वो प्रधानमंत्री राजीव गांधी, वो… बोला चुप बैठ औरत. कोर्ट का केस उलटा कर दिया और शाह बानो को मुल्लों के आगे फेंका.”
“शाह बानो को अलग जलाया, देश को अलग.”
“इस पर उसको हिंदुओं से बहुत गाली पड़ी और उनको खुश करने के लिए टीवी पर रामायण शुरू किया. हर संडे सुबह पूरा देश चिपककर टीवी देखता था.”
फिर पूरे देश की राजनीति पर गायतोंडे बोलता है कि “बुरा टाइम बिना बताए शुरू हो गया था. टाइम ही कुछ ऐसा था. पूरा देश ही कमजोर लग रहा था. कश्मीर में होम मिनिस्टर की बेटी किडनैप हो गई थी. दिल्ली में मंडल के नाम पर बच्चे अपने पर कैरोसिन डाल रहे थे और संसद में रोज प्रधानमंत्री ऐसे बदल रहे थे, जैसे कच्छा हो.”
Web Title: Sacred Games: A Pure Version of Politics, Sex, Religion, Hindi Article
Feature Image Credit: facebook