हाल ही में संपन्न हुए गुजरात चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साबरमती नदी से सी-प्लेन में सवारी करना ख़ासा चर्चा में रहा. वह इसमें सवार होकर धरोई बांध होते हुए बनासकांठा जिले के अंबाजी मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंचे.
भले ही इस मुद्दे को चुनावी समर में राजनैतिक रूप दिया गया हो, लेकिन इस बात को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता कि सी-प्लेन यातायात को एक नए आयाम तक ले जाने की क्षमता रखता है! शायद इस कारण भी इसने सुर्खियाँ बटोरीं.
आईये तस्वीरों में जानने की कोशिश करते हैं, इसके विभिन्न पहलु–
वैसे तो सबसे पहले सी-प्लेन बनाने का खाका फ्रांस के अल्फ़ोंस पेनाद ने 1876 में तैयार किया था. उन्होंने एक नाव में लैंडिंग गियर लगाकर एक ‘फ्लाइंग मशीन’ इजाद कर पहला पेटेंट दायर किया था. (Pic: Wikipedia)
हालांकि, वास्तविक रूप से सबसे पहले सी-प्लेन बनाने का श्रेय आस्ट्रिया के बिल्हेम क्रेस को जाता है. उन्होंने 1898 में 30 एचपी के दो डेमलर इंजन का प्रयोग करके पहला सी-प्लेन बानाया. (Pic: BeMyGuest)
बाद में समय-समय पर इसमें परिवर्तन होते रहे. हाल फिलहाल भारत में जो सी प्लेन चर्चा में है, वह इन्हीं से प्रेरित हैं. (Pic: Wikipedia)
पीएम मोदी जिस सी-प्लेन में सवार हुए थे, वह जापान से खरीदा गया है. बताया जाता है कि यह पाकिस्तान से सटी भारत की सीमाओं को सुरक्षित करने में मददगार होगा. (Pic: ThePrint)
इसी साल कुछ महीने पहले सितंबर में जब जापान के पीएम शिंजो भारत दौरे पर आए तो भारत और जापान के बीच इस एयरक्राफ्ट की डील साइन हुई थी. (Pic: Indiawrites)
सी-प्लेन को यूएस-2 एम्फिबियस एयरक्राफ्ट के नाम से भी जाना जाता है. बताया जा रहा है कि यह दुनिया का अकेला ऐसा एयरक्राफ्ट है, जो हवा में उड़ान के साथ-साथ पानी में आसानी से लैंड कर सकता है. (Pic: thebetterindia)
अपनी इसी खूबी के कारण यह सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बड़ी ताकत माना जा रहा है. इसकी मदद से भारतीय सेना उन इलाकों में आसानी से अपने ऑपरेशन कर सकती है, जहां पर लैडिंग आसान नहीं होती. (Pic: TIO)
इस सी-प्लेन में क्रू के तौर पर 11 लोग आ सकते हैं. एक बार में यह 4500 किलोमीटर दूरी तक की उड़ान भर सकता है. (Pic: pacificislandair)
स्पीड की बात की जाए तो यह अधिकतम 560 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है. इसके लिए इसमें लगे चार रोल्स रॉयस के इंजन इसको ताकत प्रदान करते हैं. (Pic: Wikipedia)
टेक ऑफ करते समय जहां यह करीब 490 मीटर की दूरी तय करता है, वहीं जमीन पर लैंड करने के लिए इसे 1,500 मीटर और पानी के लिए 330 मीटर की जगह चाहिए होती है. (Pic: Dailymail)
खास बात यह है कि इस प्लेन की कीमत बहुत कम है. 12 सीटों वाला सी प्लेन 12-13 करोड़ रुपए की लागत में आ जाता है. (Pic: Sandier)
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सी-प्लेन को लेकर मानते हैं कि इससे देश के परिवहन क्षेत्र में क्रांति आएगी. (Pic: sudheer Nath
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गुजरात में पीएम मोदी से भी पहले गडकरी ने दिसंबर की शुरुआत में ही ऐसे प्लेन का प्रदर्शन किया था. (Pic:Hindustantimes)
वह मुंबई के गिरगांव चौपाटी के तट से इसमें उड़ान भरते नज़र आए थे. (Pic: gadkari)/twitter)
इसी कड़ी में स्पाइसजेट 100 सी-प्लेन खरीदने की योजना बना रहा है. इसके लिए वह 400 मिलियन डॉलर तक खर्च कर सकता है. (Pic: Oneindia)
कुल मिलाकर जिस तरह सी-प्लेन चर्चा का विषय बना हुआ है, उस हिसाब से यह उम्मीद करना गलत नहीं होगा कि जल्द ही भारत के आम लोग भी उसकी सवारी कर पाएंगे. (Pic: India TV)
हालांकि, इस बात को भी नहीं भूलना चाहिए कि 2014 में ऐसी ही एक कोशिश की गई थी, जो दुर्भाग्यवश सफल नहीं हो सकी थी. पर यही तो दुनिया है और यही तो दुनिया के इंसान हैं, जो हर मुसीबत के बाद एक नयी राह खोज लेते हैं.
आप क्या सोचते हैं सी-प्लेन के भविष्य के बारे में?
Web Title: Seaplanes in India, Photo Story
Feature Image Credit: wsj