भारतीय सिनेमा का शायद ही कोई ऐसा फैंस हो जो अंग्रेजीं अफसर का किरदार निभाने वाले मशहूर अभिनेता टॉम अल्टर को न जानता हो. उनका तारुफ़ किसी का मोहताज नहीं.
खैर, टॉम ने भारतीय सिनेमा के कई बड़े कलाकारों के साथ काम किया, लेकिन ज्यादातर फिल्मों में वो एक अफसर के किरदार में नज़र आये. दिलचस्प यह है कि टॉम अल्टर की पैदाइश भारत में ही हुई थी. उनके माता-पिता यही आकर बस गए थे. गोरी चमड़ी होने की वजह से टॉम को अधिकतर फिल्मों में एक अंग्रेज़ का रोल मिलता था.
मगर, टॉम अपने इस गोरेपन को लेकर ज्यादा खुश नहीं थे, क्योंकि बॉलीवुड में उन्हें ब्रिटिश व्यक्ति का किरदार ज्यादा अदा करना पड़ा. उन्होंने ये बात एक इन्टरव्यू के दौरान कहा था.
ऐसी ही कुछ और दिलचस्प बातें मशहूर अभिनेता टॉम अल्टर की जिंदगी से जुड़ी हुई हैं, जिनको जानना हमारे लिए दिलचस्प होगा.
तो आइये जानते हैं अंग्रेज़ की तरह दिखने वाले भारतीय अभिनेता टॉम अल्टर की जिंदगी से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
पढ़ाई के दौरान ही राजेश खन्ना की फिल्म से हुए प्रेरित
टॉम अल्टर का जन्म 22 जून 1950 को उत्तराखंड के मसूरी में हुआ. इनके दादा अपने परिवार के साथ 1916 में अमेरिका से भारत के मद्रास पहुंचे. यहां से वो लाहौर में जा बसे. इनका परिवार ख़ुशी-ख़ुशी अपना जीवन यापन कर रहा था. यहीं पर टॉम के पिता का जन्म भी हुआ.
आगे जब भारत का विभाजन हुआ तो इनके दादा-दादी पाकिस्तान में ही रहे, मगर इनके पिता ने भारत में रहने का फैसला लिया. देश के बटवारें ने परिवार का भी बटवारां कर दिया.
इनके पिता पहले उत्तर प्रदेश के इलाहबाद में रहे. इसके बाद सहारनपुर और जबलपुर को भी अपना रिहाइश गाह बनाना चाहा. मगर, अंत में 1954 के आस-पास मसूरी में बस गए और यहीं पर विदेशी पूर्वज के भारतीय संतान टॉम अल्टर ने जन्म लिया.
टॉम की शुरूआती पढ़ाई मसूरी में ही पूरी हुई. बचपन में ही उन्हें अपने सिलेबस के हिसाब से हिंदी पढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ. वहीं उर्दू में भी इनको अच्छा ज्ञान था. इसकी वजह से विरासत में मिली अंग्रेजी के साथ भारतीय भाषाओं खासकर हिंदी व उर्दू में बड़ी महारत हासिल थी.
टॉम ने मसूरी के वुड स्टॉक स्कूल से इंटर की डिग्री हासिल की. इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए विदेश भी गए. उस दौरान उनकी रूचि अभिनय की तरफ थी. वो बॉलीवुड के सुपरस्टार राजेश खन्ना के बड़े फैंस थे. उनकी फिल्म ‘आराधना’ को देखने के बाद ही उन्होंने बॉलीवुड में अपना करियर बनाने का फैसला कर लिया था.
‘एफटीआईआई’ से रहे गोल्ड मेडलिस्ट
फिल्मों में अपनी पहचान बनाने के लिए टॉम बेहद बेताब थे. इसके लिए वे अमेरिका के वेल कॉलेज से अपनी पढ़ाई को छोड़ वापस भारत आ गए.
उन्होंने साल 1972 में पुणे के ‘फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया में दाखिला लिया. जिस वक़्त वो यहाँ पर एक्टिंग सीख रहे थे. उस वक़्त बॉलीवुड की कई महान हस्तियां भी उनके साथ एक्टिंग का हुनर सीख रही थीं. उनमें अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, शबाना आज़मी का भी नाम शामिल हैं.
1974 में टॉम अल्टर एफटीआईआई से गोल्ड मेडलिस्ट रहे. यहां से कोर्स पूरा करने के बाद उसी साल फ़िल्मी शहर मुंबई की ओर अपना रुख किया.
टॉम को अपने परिश्रम व कुशलता से साल 1976 में आई फिल्म ‘चरस’ से अभिनय की दुनिया में कदम रखने का मौक़ा हासिल हुआ. इस फिल्म में धर्मेंद्र के साथ हेमा मालिनी ने मुख्य किरदार की भूमिका निभाई थी. टॉम इस फिल्म में एक कस्टम ऑफिसर की रोल में नज़र आये थे.
बॉलीवुड के अलावा थियेटरों से भी बटोरी सुर्खियां
पहली फिल्म में इनके छोटे से किरदार को पसंद किया गया. इसके बाद साल 1977 में आई उनकी अगली फिल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी’ से उनको बड़ी सफलता मिली. इस फिल्म में उन्होंने एक अंग्रेज़ अधिकारी का किरदार अदा किया था.
इसी साल टॉम अपने एफटीआईआई मित्र नसीरुद्दीन शाह व बेंजामिन गिलानी के साथ मिलकर ‘मोटाली’ नामक थियेटर ग्रुप भी खोला. आगे उन्होंने बॉलीवुड की क्रांति, देश परदेश, सल्तनत, आशिकी व गुमराह जैसी लगभग 300 फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा बिखेरा. इनमें राम तेरी गंगा मैली, सरदार व क्रांति जैसी सुपरहिट फिल्में उनके लिए यादगार रहीं.
इसके साथ ही टॉम अल्टर ने कुछ दक्षिण फिल्मों में भी अभिनय किया. उनके गोरेपन की वजह से उनको अधिकतर फिल्मों में एक अंग्रेज़ का किरदार निभाना पड़ा, जिसका उनको मलाल भी था.
इसके अलावा टॉम ने थियेटर में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. साल 2014 में उन्होंने साहिर लुधियानवी पर आधारित नाटक में साहिर का किरदार निभाया.
यही नहीं उन्होंने उर्दू भाषा पर अच्छी पकड़ होने के कारण मशहूर शायर मिर्जा गालिब के किरदार को भी मंच पर बखूबी पेश किया था. टॉम ने मौलाना आज़ाद के किरदार को भी निभाया. उनके इन किरदारों को काफी पसंद किया गया था.
खेल के साथ पत्रकारिता से भी रहा नाता
बॉलीवुड की चकाचौंध के अलावा टॉम ने छोटे पर्दे पर भी काम किया. उन धारावाहिक सीरियलों में भारत एक खोज, जुनून, जुबान सभांल के, व जुगलबंदी आदि नाम शामिल हैं. इसमें भी उन्होंने अपने बेहतरीन अभिनय से सुर्खियां बटोरी. अभिनय के साथ ही वे एक लेखक भी रहे. टॉम ने कई नाटक व सीरियल की स्क्रिप्ट भी लिखी, जिसमें सफलता भी मिलीं.
दिलचस्प यह है कि टॉम अभिनय की दुनिया के इतर पत्रकारिता व खेल की दुनिया को भी काफी पसंद किया करते थे. वो अपने निवास स्थान मसूरी में अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट, फुटबॉल आदि खेल खेला करते थे.
इन खेलों में सबसे ज्यादा उनकी रूचि क्रिकेट से रही. वे मुंबई जाने के बाद भी अपने दोस्तों को इकठ्ठा करके मसूरी के लोकल टूर्नामेंटों में क्रिकेट खेलने आया करते थे. इन दोस्तों में बॉलीवुड सुपरस्टार नसीरुद्दीन शाह भी शामिल हैं.
क्रिकेट से दिलचस्पी रखने की वजह से टॉम ने कुछ दिनों तक खेल पत्रकारिता में भी अपना हाथ अजमाया. टॉम ही वो पहले पत्रकार हैं, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के रहे धाकड़ बल्लेबाज मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का इंटरव्यू लिया था. उस वक़्त सचिन की उम्र महज 15 साल थी.
अभिनेता के रूप में उन्होंने भारत के साथ कुछ विदेशी फिल्मों में भी कम किया. उन्होंने कुछ किताबें भी लिखी थीं. टॉम के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने साल 2008 में पद्म श्री के अवार्ड से नवाजा था.
दमदार अभिनेता से लेकर एक लेखक रहे टॉम अल्टर 29 सितंबर 2017 को मुंबई में इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उनकी मौत स्किन कैंसर के कारण हुई थी.
तो ये थी भारतीय सिनेमा जगत के मशहूर अभिनेता टॉम अल्टर की जिंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें.
अगर आप भी इस महानायक से जुड़े कुछ और रोचक तथ्यों के बारे में जानते हैं तो कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं.
Web Title: Tom Alter Was A Great Actor And Writers, Hindi Article
Feature Image Credit: Pune365