अभी कुछ ही महीनों पहले ‘वानाक्राई’ नाम के एक कंप्यूटर वायरस ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था. इस वायरस को कुछ खुराफाती हैकरों द्वारा बनाया गया था. यह वायरस डाटाबेस को लॉक करने के प्रयोग में लाया जाता था. ताकि, बाद में अनलॉक करने के लिए मोटी रकम वसूली जा सके. रकम की वसूली के लिए एक खास किस्म की मुद्रा का प्रयोग किया जाता था. इसको इंटरनेट का काला धन यानी बिटकॉइन कहा जाता है. यह मुद्रा साइबर क्राइम से जुड़े लोगों के लिए बड़ा हथियार साबित होती है.
माना जाता है कि लेन-देन का यह एक ऐसा माध्यम होता है कि जिससे पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि मुद्रा किसने मंगाई और कहां से आई है? तो आईये बिटकॉइन के इस मकड़जाल को समझने की कोशिश करते हैं:
क्या है बिटकॉइन की गुत्थी?
बिटकॉइन (Link In English) पैसे का एक ऐसा रूप है, जिस पर सिर्फ आपका ही हक होता है. इसके आने के बाद से इंटरनेट ट्रांजेक्शन करने का तरीका ही बदल गया है. बिटकॉइन आपके पैसे को एक डिजिटल करेंसी में बदल देता है. यह करेंसी केवल ऑनलाइन पैसे की लेन-देन में ही इस्तेमाल की जा सकती है. बिटकॉइन को जो चीज ख़ास बनाती है, वह है इसके काम करने का तरीका.
बिटकॉइन से पैसे को किसी के पास भी भेज सकते हैं. गजब की बात तो यह है कि इस काम के बीच में न सरकार और न ही बैंक का कोई लेना-देना होता है. अपने ट्रांजैक्शन के लिए आपको किसी प्रकार का कोई भी एक्स्ट्रा चार्ज नहीं देना पड़ता. यूं तो इसे बिटकॉइन की सबसे बड़ी ताकत माना जाता है, लेकिन साइबर क्राइम करने वाले लोगों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है. हैकर इसे अपने गैरकानूनी कामों के लिए इस्तेमाल करते हैं. बिटकॉइन की एक खासियत यह भी है कि इसकी कीमत बहुत ही ज्यादा होती है. माना जाता है कि भारत में एक बिटकॉइन लगभग दो लाख रूपए का होता है.
Bitcoin: Revolutionary Technology Or Threat (Representative Pic: fortune.com)
किसने बनाया बिटकॉइन?
बिटकॉइन किसने बनाया इसका जवाब किसी के पास नहीं मिलता. यह एक रहस्य बना हुआ है. 2008 (Link In English) में पहली बार बिटकॉइन सामने आया था. शुरुआत में यह अपनी कोई ख़ास पहचान नहीं बना पाया था, लेकिन थोड़े ही वक़्त में यह फैलने लगा. दुनिया भर के लोग इसे बनाने वाले को खोजने लगे, लेकिन वह किसी के हाथ नहीं लगा. हां इसी बीच अटकलें लगाईं गईं कि बिटकॉइन को सतोषी नाकामोतो नाम के एक व्यक्ति ने बनाया था.
हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी कि असल में वह है भी या नहीं? इस लिहाज से बिटकॉइन को बनाने वाले की असली पहचान खोज का विषय बना रहा. इसी कड़ी में एक अधेड़ उम्र के आदमी (Link In English) ने दावा किया कि उसने बिटकॉइन को बनाया था. यह आदमी ऑस्ट्रेलिया का रहने वाला था. अंत में उसकी कोशिशें बेकार रहीं. वह प्रमाणित नहीं कर पाया कि बिटकॉइन उसी ने बनाया है. इस तरह बिटकॉइन का खोजकर्ता कौन है, यह प्रश्न बनकर ही रह गया.
गैरकानूनी कामों में मददगार!
जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है, बिटकॉइन का इस्तेमाल भी उसके साथ बढ़ता जा रहा है. एक बड़ी संख्या में लोग बिटकॉइन का इस्तेमाल कर रहे हैं. असली चिंता की बात यह नहीं है कि बिटकॉइन का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है. चिंता का विषय तो यह है कि इसका गलत इस्तेमाल हो रहा है. माना जाता है कि आज-कल ज्यादातर गैरकानूनी (Link In English) कामों में बिटकॉइन का इस्तेमाल हो रहा है. असल दुनिया में पैसों से होने वाले गलत व्यापार को तो रोका भी जा सकता है, लेकिन ऑनलाइन होने वाले काम को कैसे रोकें. बिटकॉइन ड्रग्स, हथियारों की खरीदी, देह व्यापार, सुपारी किलिंग आदि तमाम गलत कामों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
इस बात का पता होने के बाद भी इसको रोकने में सब असमर्थ हैं. पूरी दुनिया बिटकॉइन के मकड़जाल से परेशान है. अगर आपको लगता है कि भारत इन सब से बचा हुआ है, तो आप गलत हैं. माना जाता है कि भारत में भी बिटकॉइन का लोग बड़ी तेजी से गलत फायदा उठा रहे हैं.
बिटकॉइन को रोकने में इसलिए सफलता नहीं मिल पा रही, क्योंकि यह सीधे तौर से इंटरनेट पर इस्तेमाल नहीं किए जाते. इससे होने वाले अधिकतर गैरकानूनी काम ‘डार्क वेब’ पर किए जाते हैं. डार्क वेब इंटरनेट की वह जगह है, जिस पर दुनिया भर के गैरकानूनी काम किए जाते हैं. डार्क वेब के सहारे यह सब लोग बिटकॉइन का खुलकर इस्तेमाल करते हैं और अपने गलत कामों को अंजाम देते हैं.
Bitcoin: Revolutionary Technology Or Threat (Representative Pic: anomali.com)
पसंद- नपसंद में फंसा पेंच
बिटकॉइन कुछ देशों को पसंद आया है कुछ को नहीं. कई देशों ने इसे अपना लिया है, लेकिन कईयों ने नहीं. यह आज भी थाली के बैंगन की तरह इधर से उधर लुढक रहा है. यह एक आविष्कार है, लेकिन इसके गलत इस्तेमाल ने इसे बिगाड़ कर रख दिया है. अपनी कमियों के बावजूद बहुत से देश इसकी तरफ आकर्षित होते जा रहे हैं. माना जाता है कि कनाडा का वैंकूवर (Link in English) ऐसा पहला स्थान है, जिसने बिटकॉइन कैश करने वाली मशीन तैयार की है.
यहां कोई भी अपना बिटकॉइन लाकर उसे कैश कर सकता है. दूसरी ओर थाईलैंड ने तो इसे बिल्कुल भी नहीं पसंद किया. थाईलैंड में तो बिटकॉइन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. बिटकॉइन के प्रति हर किसी का अपना अलग ही नजरिया है. माना जाता है कि मशहूर कार बनाने वाली कंपनी लैम्बोर्गिनी दुनिया की पहली ऐसी कंपनी थी, जिसने कार की पेमेंट बिटकॉइन से करने के लिए हामी भरी थी. वहीं कई दूसरे देशों में छोटी-छोटी खरीदारी के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल किया जा सकता हैं.
विश्व बिटकॉइन की तरफ भले ही तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन अभी विश्व पूरी तरह से इसके लिए तैयार नहीं हुआ है.
Bitcoin: Revolutionary Technology Or Threat (Representative Pic: npr.org)
बिटकॉइन बन सकती है भविष्य की करेंसी?
बिटकॉइन की लोकप्रियता अब हद से आगे बढ़ चुकी है. कई लोगों को यह खरीदारी का एक अच्छा साधन लगने लगा है. ऐसी स्थिति में जब बिटकॉइन दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, तो इसके भविष्य (Link In English) के बारे में सोचना गलत नहीं होगा. काफी लोग तो बिटकॉइन के भविष्य को लेकर उसके समर्थन में हैं.
अब तो धीरे-धीरे कई सारी ऑनलाइन और ऑफलाइन कंपनियां खुलने लगी हैं, जो आपसे पैसे लेकर आपको बिटकॉइन दे देंगी. कई देशों में दुकानदार बिटकॉइन से पेमेंट लेने के लिए भी राजी हो चुके हैं. बिटकॉइन के भविष्य का एक दूसरा पहलू यह भी है कि यह जिस ऑनलाइन सिस्टम के अंतर्गत खुद को तैयार करता है वह ज्यादा बड़ा नहीं है.
बिटकॉइन एक लम्बे कोड के रूप में मिलता है. एक बार बना कोड दोबारा इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता है. बिटकॉइन का इस्तेमाल दिन- ब-दिन बढ़ता जा रहा है. यह सिलसिला अगर यूंही चलता रहा तो परिणाम कुछ भी हो सकते हैं. माना जाता है कि 2024 तक 94% बिटकॉइन बन चुके होंगे.
एक बार जब यह बिटकॉइन बनने ख़त्म हो जायेंगे तो असली परेशानी सामने आएगी. एक वक़्त पर जाकर बिटकॉइन किसी प्रॉपर्टी की तरह हो जाएगा जो वक़्त के साथ और महंगा होगा. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि बिटकॉइन आगे जाकर असली रूपए के दामों पर असर करेगा. माना जाता है कि अगर इसका इस्तेमाल ऐसे ही चलता रहा, तो यह आगे चलकर आर्थिक हालात बिगाड़ सकता है.
Bitcoin: Revolutionary Technology Or Threat (Representative Pic: zervoulakos.com)
बिटकॉइन एक अच्छी तकनीक है या फिर गलत काम करने के मजबूत हथियार? यह इसके प्रयोग करने के तरीके पर निर्भर करता है. किसी लेखक ने भी लिखा है कि न होता है वरदान, न होता है अभिशाप, ज्ञान होता है बस ज्ञान, मनुष्य का अपलाप ही बना देता है वर को अभिशाप. इसलिए तकनीकि का सही दिशा में प्रयोग किया जाना चाहिए, ताकि उसके वांछनीय परिणाम देखने को मिले.
Web Title: Bitcoin: Revolutionary Technology Or Threat, Hindi Article
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