इग्लैंड के ग्लस्टबरी माउंटेन के पास बेनिंगटन, वुडफोर्ड, शाफ्ट्सबरी और सॉमरसेट को जोड़ती हुई एक जगह है, जो रहस्यमयी तरीकों से लोगों के गायब होने के लिए कुख्यात है. माना जाता है कि यहां जाने वाले लोग वापस नहीं लौटते. यहां तक कि उनका शरीर तक नहीं मिलता. सालों पहले इस जगह में अच्छी खासी संख्या में लोग रहते थे, लेकिन कथित तौर पर भूतिया होने की वजह से अब बहुत कम लोग यहां बचे हुए हैं.
1920 से लेकर 1950 तक यहां ढ़ेर सारी डरावनी वारदातें हो चुकी हैं. इस जगह को अंग्रेजी के मशहूर लेखक जोसेफ ए सिट्रो ने ‘बेनिंग्टन त्रिकोण’ कहकर बुलाया. तो आईये यहां से जुड़ी कुछ रहस्यमयी घटनाओं को जानने की कोशिश करते हैं:
शिकार पर गया बुजुर्ग वापस नहीं लौटा
2 नवंबर, 1945 में पहली बार एक रहस्यमयी घटना के चलते ‘बेनिंग्टन त्रिभुज’ पर संजीदगी से विचार किया गया था. असल में लगभग 74 वर्ष (Link in English) का एक बुजुर्ग अपने कुछ साथियों के साथ शिकार के लिए इस जगह पर गया था. कई घंटों की शिकार की खोज के बाद वह अपने कैंप में लौट रहा था. वह अपने अन्य साथियों की तुलना में थोड़ा तेज चल रहा था, इसलिए आगे था. कुछ देर बाद ही वह अपने साथियों की आंख से ओझल हो गया. उसके साथी चिंतित थे कि वह कहां गया!
काफी देर की मशक्कत के बाद भी जब वह नहीं मिला तो वह स्थानीय पुलिस के पास पहुंचे. स्थानीय पुलिस की एक टीम ने उसके साथियों के साथ खूब सर्च किया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. इसके बाद एक बड़ी फोर्स को इस काम में लगा दिया गया, पर अफसोस इसके बाद भी 74 वर्षीय वह बुजुर्ग नहीं मिला. आशंका जताई गई कि वह गिरकर मर गया होगा, लेकिन उसकी लाश न मिलने पर यह राज ही रह गया कि वह कहां गया.
Historic Bennington Vermont (Pic: mysterioustopics.com)
18 वर्षीय पाउना की लाश तक नहीं मिली
74 साल के बुजुर्ग के गायब होने की मिस्ट्री अभी सॉल्व नहीं हुई थी कि 1 दिसंबर 1946 (Link in English) को एक नई घटना सुर्खियां बन गईं. 18 वर्षीय पाउना वेल्डेन ने अपने कॉलेज जाने के लिए ‘बेनिंग्टन त्रिभुज’ का रास्ता चुना, लेकिन जब वह कई घंटों बाद भी वहां नहीं पहुंची, तो उसको ढ़ूंढना शुरु कर दिया गया. कई दिन तक वह नहीं मिली, तो उसको खोजकर लाने के लिए 5,000 डॉलर के पुरस्कार की घोषणा भी की गई थी.
यहां तक कि अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने भी कोशिश की उसे खोजने की, लेकिन वह किसी भी तरह से नहीं मिली. वह कहां गई किसी को आज तक पता नहीं चल पाया. इसके बाद अफवाहों का दौर शुरु हो गया. इस जगह को लेकर लोग तरह-तरह की बातें करने लगे. लोगों को डरावनी आवाजें सुनाई देने लगी.
बस में बैठा जेम्स अचानक गायब हो गया
लोगों की धारणा बनने लगी कि यहां किसी बुरी ऊर्जा का वास है, इसलिए यहां ऐसा हो रहा है. हालांकि, पाउना वेल्डेन की गुमशुदगी के बाद एक लंबे समय तक यहां कोई वारदात नहीं हुई थी. लोग भूलने लगे थे. तभी 1 दिसंबर, 1949 (Link in English) को सामने आई घटना ने सभी की आंखों से पर्दा हटा दिया. हुआ यूं था कि जेम्स ई. टाटफोर्ड नामक एक बुजुर्ग आदमी अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए सेंट एलिबन से बेनिंग्टन के रास्ते जा रहा था. वह एक बस में थे और उनके साथ 14 यात्री सवार थे, लेकिन जब बस गंतव्य तक पहुंची तो हैरान कर देने वाली तस्वीर देखने को मिली.
जेम्स बस पर नहीं थे! यात्रियों के अनुसार, बस कहीं भी नहीं रुकी थी. बस जब चली थी तो सभी ने जेम्स को अपनी सीट पर बैठे हुए देखा था. कुछ यात्रियों ने यहां तक बताया कि जेम्स पिछले स्टाप पर अपनी सीट पर सो रहा था. कोई मानने के लिए तैयार नहीं था कि जेम्स कहीं खो गया था, लेकिन सच तो यह था कि जेम्स बेनिंग्टन त्रिकोण का शिकार हो चुका था. पिछले दो लोगों की तरह उसकी भी लाश तक नहीं मिली.
Bennington Monster (Pic: destinationtips.com)
खाना खाते हुए गायब हो गया जैक्सन…
अगली घटना 12 अक्टूबर 1950 को एक आठ वर्षीय (Link in English) लड़के पॉल जिप्सन के साथ हुई. जैक्सन अपनी मां के साथ था. मां ने उसको खाना दिया और पास में कहीं चली गई. कुछ ही देर बाद वह वापस लौटी तो उसने देखा कि जैक्सन वहां नहीं है. उसने सोचा वह यहीं-कहीं खेल रहा होगा, लेकिन जब कई घंटों तक वह वापस नहीं लौटा तो जैक्सन की मां चिंता से यहां-वहां दौड़ने लगी.
जैक्सन को हर उस जगह ढूंढा गया, जहां वह जा सकता था, लेकिन वह कहीं नहीं मिला. एक स्पेशल टीम जैक्सन की खोज में निकली. उसने हर एक जगह का ध्यान से निरीक्षण किया. नदी, पहाडों यहां तक पेड़ों तक को देखा गया, पर जैक्सन को कहीं नमों निशान नहीं मिला. उसका शरीर दूर की बात थी, उसके कपड़े तक नहीं मिले.
सिर्फ फ्रिदा का शरीर मिला, लेकिन…
जैक्सन की घटना के महज 16 दिन बाद, 53 साल के फ्रिदा (Link in English) लैंगर अपने चचेरे भाई हर्बर्ट के साथ सोमरसेट जलाशय के पास अपना डेरा डाले हुए थीं. अचानक, एक छोटी सी धारा को पार करते हुए, फ़्रिडा पानी में गिर गईं. उनको तैराकी आती थी, इसलिए हरबर्ट बेफिक्र था. उसने सोचा फ्रिदा अभी आ जायेंगी, लेकिन वह नहीं लौटीं. हरबर्ट ने सोचा शायद वह सीधे शिविर चली गई होंगी, लेकिन वहां जाकर देखा तो वह वहां भी नहीं थीं.
पांच हफ्ते तक उनको खोजने के लिए हेलीकाप्टरों का प्रयोग किया गया, किन्तु वह नहीं मिलीं. कहा जाता है कि इस घटना के एक साल बाद, 12 मई, 1951 को फ्रिदा का शरीर एक सॉमरसेट रिजर्व के पास पाया गया था, लेकिन मृत्यु का सटीक कारण नहीं पता लगाया जा सका. फ्रिदा एकमात्र व्यक्ति थीं, जिसका शरीर पाया गया था.
Mysterious Stories of Bennington (Pic: z10.invisionfree.com)
यह तो महज कुछ एक उदाहरण भर हैं. ‘बेनिंग्टन त्रिकोण’ से जुड़ी ऐसी कई रहस्यमयी कहानियां हैं, जिनके सिर और पैर नहीं हैं. ‘बेनिंग्टन त्रिकोण’ से लोग कहां गये, इसका जवाब किसी के पास नहीं मिलता.
हां! लोग अपनी-अपनी राय जरुर रखते हैं. कुछ का मानना है कि ग्लस्टनबरी माउंटेन के आसपास का क्षेत्र एक ‘श्रापित भूमि’ है, इसलिए यहां ऐसा होता है. तो कुछ लोग कहते हैं कि जंगल में एक विशाल जीव है, जो लोगों को जिंदा निगल जाता है. ऐसे में इन धारणाओं को मान भी लिया जाये तब भी सवाल वहीं का वहीं है कि ऐसी हत्याओं का कोई निशान क्यों नहीं मिलता?
Web Title: Mysterious Stories of Bennington Triangle, Hindi Article
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