रुसी राष्ट्रपति पुतिन की ताकत और राजनीति से जुड़े किस्से आम हो चले हैं. उनके तौर-तरीकों और राजनीतिक फैसलों की खबरें अक्सर सुर्खियों में रहती हैं. पर क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री बनने से पहले पुतिन क्या करते थे? उनका बचपन कैसा बिता और किन समीकरणों के चलते वह पहले रुस के प्रधानमंत्री बने और बाद में राष्ट्रपति बने. अगर नहीं तो आईये आज उनकी राजनीति में आने से पहले के जीवन को टटोलने की कोशिश करते हैं:
बचपन से ही थे शिक्षकों के दुलारे
7 अक्टूबर 1952 (Link in English) को लेनिनग्राद के सोवियत परिवार में एक बच्चे ने जन्म लिया. नाम रखा गया व्लादिमीर पुतिन. पिता व्लादिमीर स्पिरिदोनोविच पुतिन सोवियत नेवी के हिस्सा थे, तो माता मारिया इवानोव्ना शेलोमोवा एक फैक्ट्री में काम करती थीं. दोनों की कमाई से घर का खर्च चल जाता था. फिर भी घर की हालत ऐसी नहीं थी कि जीवन शाही तरीकों से गुजारा जा सके.
अपनी बायोग्राफी में भी अपने बचपन का जिक्र करते हुए पुतिन ने लिखा है कि उनका परिवार सेंट पीट्सबर्ग के एक अपार्टमेंट के ब्लॉक में तीन अन्य परिवारों के साथ रहता था. वह बचपन में गरीबी के कारण लोगों के घरों में जाकर चूहों को पकड़ते थे (Link in English). इसके बदले उन्हें पैसे मिलते थे.
वह थोड़े बड़े हुए तो उनका दाखिला प्राइमरी स्कूल-193 में करा दिया गया. उनकी आठवीं तक की पढ़ाई इसी स्कूल से हुई. इसके बाद आगे की पढ़ाई करने के लिए वह हाई स्कूल-281 गये. चूंकि, वह शुरु से ही पढ़ने में कुशाग्र थे, इसलिए शिक्षकों की नजरों में वह हमेशा से थे. वह अपने शिक्षकों के लिए दुलारे बन चुके थे. वह उन पर विशेष ध्यान देते थे, ताकि वह एक बेहतर विद्यार्थी बन सकें.
मां नहीं चाहती थी वह जूडो सीखें
सभी उन्हें बहुत प्यार करते थे. माना जाता है कि छठवीं क्लास के बाद उनकी रुचि पढ़ाई में कम होती जा रही थी. यह देखकर उनके शिक्षकों को चिंता हुई. उन्होंने पुतिन से बात की. उनको ऐहसास कराया कि पढ़ाई उनके लिए कितनी जरुरी थी.
असल में पुतिन की दिलचस्पी मार्शल आर्ट और जूडो की तरफ भी बढ़ने लगी थी. वह स्कूल से लौटकर आते तो घंटों जूडो में अपना पसीना बहाते थे. इसी कारण वह पढ़ाई से दूर होते जा रहे थे. जूडो के लिए उनकी बढ़ती दीवानगी उनकी मां को खटकने लगी थी. वह नहीं चाहती थीं कि किसी भी कारण से पुतिन का ध्यान पढ़ाई से हटे. हालांकि, पुतिन जल्द ही ट्रैक पर लौटे और उन्होंने पढ़ाई से मां का भरोसा जीत लिया. वह जुडो के लिए मां को मनाने में भी कामयाब रहे.
एक जासूस बनना चाहते थे, इसलिए…
माना जाता है कि स्कूल खत्म होते ही पुतिन खुफिया विभाग का हिस्सा बनना चाहते थे. वह चाहते थे कि वह किसी खुफिया एजेंसी के अफसर बनें, पर उनके सामने समस्या थी कि उनके पास इस सवाल का जवाब नहीं था कि कैसे? कई दिनों तक वह यहां-वहां लोगों से इस बारे में जानकारी लेने की कोशिश करते रहे.
अंत में जब उन्हें कोई सही जानकारी नहीं मिली तो वह उस समय की चर्चित खुफिया एजेंसी केजीबी (Link in English) के निदेशालय जा पहुंचे थे. वहां के सार्वजनिक रिसेप्शन कार्यालय में बैठी महिला अधिकारी से उन्होंने पूछा, मैडम मैं केजीबी को ज्वाइन करना चाहता हूं. पुतिन के इस सवाल से पहले तो वह सरप्राइज हो गई. बाद में कुछ वक्त लेते हुए उन्होंने पुतिन को जरुरी जानकारी दी. उन्होंने पुतिन को बताया कि उन्हें केजीबी का हिस्सा बनने के लिए कानून की डिग्री चाहिए होगी.
Putins life before politics (Pic: zeit.de)
1975 में पूरा हुआ बचपन का सपना
पुतिन किसी भी हालत में केजीबी का हिस्सा बनना चाहते थे, इसलिए उन्होंंने कानून की डिग्री के लिए लेनिनग्राद राजकीय विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया. यहां उन्होंंने खूब मन लगाकर पढ़ाई की और 1975 में डिग्री लेने में कामयाब रहे. डिग्री मिलते ही उन्होंने केजीबी का हिस्सा बनने के लिए आवेदन किया. उन्होंंने पहले ही प्रयास में कामयाबी प्राप्त कर ली. इस तरह से केजीबी में उनका नया सफर शुरु हो गया. अपनी तेजी के कारण वह जल्द ही केजीबी में अपने पैर जमाने में सफल रहे.
उन्हें थोड़े ही समय में लेनिनग्राद में विदेशी दूतावास के अधिकारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दे दी गई. इस काम को उन्होंने बखूबी निभाया. 16 साल की अपनी इस नौकरी में वह लेफ्टिनेंट कर्नल के पद तक पदोन्नत हुए. 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद, पुतिन कर्नल के पद के साथ केजीबी से रिटायर हो गये.
ल्यूडमिला बनी जीवन संगिनी, लेकिन…
केजीबी की नौकरी के दौरान पुतिन की लाइफ में 1983 (Link in English) में ल्यूडमिला ष्क्रेबनेवा नाम की एक महिला की इंट्री हुई. धीरे-धीरे मेल जोल बढ़ा तो, जल्द ही बात शादी तक पहुंच गई. शादी के बाद के शुरुआती साल दोनों के बीच काफी अच्छ रहे, पर अचानक इस रिश्ते को किसी की नजर लग गई. दोनों के बीच तकरार की खबरें आने लगीं. यहां तक कि ल्यूडमिला ने पुतिन पर कई बार उत्पीड़न के आरोप भी लगाये. उन्होंने यहां तक कहा कि पुतिन के अन्य महिलाओंं के साथ संबंध हैं.
हालांकि, इन आरोपों का कभी कोई खुलासा नहीं हुआ. अपने शादीशुदा जीवन के दौरान पुतिन दो बच्चियोंं के पिता भी बने. उनकी पहली बेटी का नाम मारिया पुतिन है और दूसरी का नाम येकातेरिना पुतिन. दुर्भाग्य से अब पुतिन और उनकी पत्नी ल्यूडमिला साथ नहीं रहते. दोनों के बीच तलाक हो चुका है.
Putin with his Wife (Pic: theweek.co.uk)
राजनीतिक इंट्री ने बदल दी जिंदगी
सेवानिवृत्त होने के बाद पुतिन ने अपने पैतृक शहर सेंट पीटर्सबर्ग से राजनीति में कदम रखा. वहां वह उदारवादी नेता अनातोली सोबचक के साथ हो लिए. इसी कड़ी में जब सोबचक लेनिनग्राद के मेयर चुने गये तो उनके सहयोग से पुतिन उप मेयर बने. 1996 (Link in English) में चुनावी समीकरण बदले और सोबचक को हार का सामना करना पड़ा, तो पुतिन अपने पद से इस्तीफा देते हुए मॉस्को चले गए.
मास्कों में वह राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन के प्रशासन कार्यालय में इंट्री करने में सफल रहे. जल्द ही उन्हें राष्ट्रपति प्रशासन के उप प्रमुख की बागडोर दे गई. इसी कड़ी में वह दिन प्रतिदिन एक ताकतवर राजनीतिज्ञ बनते चले गये. पहले वह 2000 में रूस के राष्ट्रपति तथा 1999 एवं 2008 में प्रधानमंत्री बने. 2012 से वह रूस के राष्ट्रपति बने हुए हैं.
Web Title: Putin’s life before politics, Hindi Article
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