आतंक के ऐसे चेहरे जो सिर्फ़ भारत के ही नहीं इंसानियत के भी दुश्मन हैं, जो खून की नदियां बहाने से कभी परहेज नहीं करते, जिनका एक ही मकसद है आतंकवाद फैलाना! मासूमों के रोने की किलकारियां हो, बुजुर्गों की सिसकियां हो या फिर औरतों की हिचकियां, इन्हें दबाने का एक ही तरीका आता है “आतंकवाद”! इस बात में कोई शक नहीं है कि अगर आतंक के इऩ आकाओं का काम तमाम हो जाए तो भारत समेत दुनिया की सरजमीं से आतंकवाद का सिरदर्द काफी हद तक कम हो जाएगा. पर इसका क्या करें कि पाकिस्तान जैसे कुछ देश आतंकवाद फैलाने को अपनी सरकारी नीति बनाए बैठे हैं और आतंक के रहनुमाओं को पालते पोसते रहे हैं. ओसामा बिन लादेन को जिस तरह अमेरिका ने पाकिस्तान में घुस कर मारा, वह सभी जानते हैं. विश्व भर में बदनामी होने के बावजूद, पाकिस्तान अभी सुधरा नहीं है. आतंकियों पर कार्रवाई का दिखावा वह जरूर करता है, किन्तु उसकी नीति-रीति जरा भी नहीं बदली है. आइये जानें कौन हैं, इंसानियत के गुनहगार, आतंक के पैरोकार, जिनकी पाकिस्तान और वहां की सरकार है मददगार …
हाफ़िज़ सईद
Top Terrorists in Pakistan,, Hafeez Saeed (Pic: Manorama)
भारत पर 26/11 हमले का मुख्य आरोपी हाफ़िज़ सईद भले ही आज पाकिस्तान में नजरबंद हो लेकिन उसके समर्थन में उठने वाली आवाज इस बात की तस्दीक करती है कि उसकी जड़े बहुत गहरी हैं. तभी तो मौत बांटने के बाद भी उसके समर्थन में आए लोग उसे मानवता का सेवक बता रहे हैं. यह बेहद शर्मनाक है कि पाकिस्तान ऐसे लोगों को बर्दाश्त कर रहा है, जो हाफिज सईद का समर्थन करते हैं. यहां तक की उसके कार्यों को तस्वीरों / चलचित्रों के माध्यम से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. हाफ़िज के समर्थन में आए लोगों को यह जान लेना चाहिए कि हाफ़िज़ आईएसआई और पाक आर्मी की सरपरस्ती में सिर्फ पाकिस्तान में ही महफ़ूज़ है. अमेरिका भी हाफ़िज़ सईद के सिर पर 10 मिलियन का ईनाम रख चुका है लेकिन बावजूद इसके पाकिस्तान सरकार हाफ़िज़ पर हाथ डालने से डरती है. आतंक के ऐसे रहनुमाओं को पालने-पोसने के कारण पाकिस्तान समूचे विश्व बिरादरी में बदनाम है और गृह युद्ध के मुहाने पर खड़ा है, किन्तु यह बात उसकी समझ में आये तो कैसे आये!
मौलाना अजहर मसूद
आतंक का यह आका खौफनाक मंसूबे को ओढ़ता और बिछाता है. यह वही जैश-ए मोहम्मद का सरगना मसूद है जो 2001 में संसद पर हुए हमले (26/11) के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है. सरकार ने इसी आतंकी को 1999 में कंधार विमान अपहरण की घटना में बंधकों की रिहाई के बदले में रिहा कर दिया था. भारत का यह मोस्ट वॉन्टेड आजकल पाकिस्तान की गोद में दुम दबा के छिपा हुआ है. रह रह कर भारत के खिलाफ ज़हर उगलना इसकी नियति और आदत है.
ज़की उर रहमान लखवी
लखवी वही आतंकी है जिसने हमें 26/11 की कटु याद दी. इस वक्त यह भी पाकिस्तान में ही छिपा बैठा है. मुम्बई हमले के बाद जब भारत ने कड़ा रुख अपनाया तो मजबूरन पाकिस्तान को अमेरिका के दबाव में लखवी को गिरफ्तार कर जेल भेजना पड़ा. कई सालों तक लखवी पर आतंकवाद का मुकदमा चला लेकिन हमेशा की तरह इस आतंकी को भी 2015 में जमानत पर रिहा कर दिया गया. पाकिस्तान के जेलों की हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब यह आतंकी जेल में बंद था, तब इसकी बीवी को बच्चा हुआ था. खूब शोर मचा था, किन्तु पाकिस्तान यूं ही आतंकवादियों की जन्नत थोड़े ही कहा जाता है. उसके कान पर न जू रेंगनी थी और न रेंगी!
सैयद सलाहुद्दीन
सलाहुद्दीन कुख्यात आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का सुप्रीम कमांडर है, जो कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ आतंक फैलाता है. इन दिनों यह आतंकी पाकिस्तान में हैं. हाफ़िज़ सईद के नज़रबंद होने के बाद इसे पाकिस्तान सरकार की बुराई करते सुना गया. रह रहकर यह भारतीय सेना पर अपने हमले जारी रखता है, किन्तु तमाम अंतर्राष्ट्रीय दबावों के बावजूद इस आतंकी पर भी नवाज शरीफ सरकार और पाकिस्तान की आर्मी आँखें मूँद कर आतंक के खिलाफ लड़ाई पर लीपापोती करती रहती हैं.
फ़ज़ल-उर-रहमान ख़लील
माना जाता है कि फ़ज़ल-उर-रहमान ख़लील ओसामा बिन लादेन का दाहिना हाथ है. ओसामा-बिन लादेन तो अब नहीं है, लेकिन उसके हर एक काम की कमान खलील ने अपने हाथों में ले रखा है. इसने 1998 में ओसामा-बिन लादेन के साथ मिल कर एक संगठन बनाया जिसको इंटरनेशनल इस्लामिक फ्रंट नाम दिया. बताते चलें कि जिस वक्त लादेन ने खुद का आतंकी संगठन अल-क़ायदा बनाया तब भी ख़लील उससे जुड़ा रहा. अमेरिका ने इसे आतंकवादी घोषित कर रखा है, लेकिन आज भी यह सबकी गिरफ्त से बाहर है और पाकिस्तान में छुपा हुआ है. पाकिस्तान का क्या है, वह तो इसे भी ‘समाजसेवी’ बता दे!
आतंकी मेजर इकबाल
मेजर इकबाल का नाम भी 2011 में हुए मुंबई हमले से जुड़ा हुआ है. इकबाल पाकिस्तान आर्मी आइएसआइ का अफसर भी रह चुका है. आतंकियों को हथियार उपलब्ध कराना, युवाओं को आतंक की ट्रेनिग जैसे काम इकबाल करता रहा है. इकबाल आजकल सुरक्षित लाहौर में अपने पैर जमाए हुए है, वहीं से वह आतंक का कामकाज देखता है. काश कि ऐसे लोग समझ पाते कि वह पाकिस्तान की जड़ों को ही खोखला बनाने का कार्य कर रहे हैं.
बख्त जमीन खान
यह आतंक का वह नाम है जिस पर पिछले कई सालों से जेहाद के नाम पर कश्मीर के नौजवानों को बरगलाने का आरोप है. इसके बारे में यह भी कहा जाता है कि यह दहशतगर्दी फैलाने के मंसूबे से कई बार कश्मीर घाटी में आ चुका है. इसने साल 2001 में अल बद्र की कमान संभाली थी. कमान संभालते ही उसने अफगानिस्तान में तालिबान से लड़ रही अमेरिकी फौज के खिलाफ पाकिस्तान की शह पर फतवा जारी किया था. इस आतंकी पर पाकिस्तान की पूरी दया है, इसलिए यह पाकिस्तान से ही अपना तंत्र चलाता है. मतलब पाकिस्तान न केवल भारत में बल्कि अपने सभी पडोसी मुल्कों में आतंक सप्लाई करता है!
दाऊद इब्राहिम
Top Terrorists in Pakistan (Pic: Bhaskar.com)
अंडरवर्ल्ड में एक छोटे से गैंगस्टर के तौर पर शुरुआत करने वाले दाऊद इब्राहिम की भारत को तलाश है, जो आजकल आईएसआई की सुरक्षा में कराची में रह रहा है. 1993 में मुंबई में जो एक के बाद एक 12 सीरियल बम धमाके हुए उसके पीछे दाऊद का ही हाथ था. दाउद इब्राहीम को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच काफी तनाव उत्पन्न हुआ है, किन्तु पाकिस्तान को आतंक के उस कीड़े ने काटा है जिसके कारण वह खुद तो बर्बाद हो जायेगा, किन्तु आतंक और आतंकियों को पनाह देना बंद नहीं करेगा!
छोटा शकील
1993 में मुंबई ब्लास्ट में जिन लोगों के नाम आए उनमें दाऊद के सबसे करीबी छोटा शकील मुख्य था. 2001 में इसने छोटा राजन पर भी हमला किया था. कहां जाता है कि ओसाबा बिन लादेन की मौत के बाद वह पाकिस्तान को छोड़ कर साऊदी अरब में चला गया था. वैसे माना जाता है कि आज भी वह अपने आका दाऊद के साथ पाकिस्तान में ही है. पाकिस्तान में रहकर दाउद के गैर कानूनी कार्यों की देखरेख इसी के जिम्मे होती है और यह युवाओं को बर्बाद करने वाले ड्रग्स की सप्लाई में प्रमुख भूमिका निभाता है.
Web Title: Top Terrorists in Pakistan, Enemy of Humanity
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